लापरवाह सिस्टम: 16 साल पहले कॉलेजों में शुरू हुई करियर गाइडेंस सेल का मतलब सिर्फ वेबिनार-सेमिनार

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भोपाल15 मिनट पहलेलेखक: भीम सिंह मीणा

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कॉलेज में एक प्रोफेसर को करियर गाइडेंस सेल का जिम्मा, छात्रों का कैसे कराना है प्लेसमेंट, हर महीने मिलता है कैलेंडर। - Dainik Bhaskar

कॉलेज में एक प्रोफेसर को करियर गाइडेंस सेल का जिम्मा, छात्रों का कैसे कराना है प्लेसमेंट, हर महीने मिलता है कैलेंडर।

मप्र सरकार द्वारा 16 साल पहले शुरू की गई करियर गाइडेंस सेल वेबिनार, सेमिनार तक सिमटकर रह गई है। कॉलेजों में संचालित इन करियर गाइडेंस सेल की जब दैनिक भास्कर ने हकीकत जानी तो पता चला कि शहर के शासकीय पीजी कॉलेज भेल, मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय (एमवीएम), शासकीय आर्ट एंड कॉमर्स नवीन महाविद्यालय में पढ़ने वाले फर्स्ट ईयर से लेकर फाइनल ईयर तक के स्टूडेंट को पता ही नहीं है कि उनके कॉलेज में यह सेल कहां बनी है, जबकि करियर गाइडेंस की सबसे ज्यादा जरूरत अंतिम वर्ष में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को होती है। कॉलेजों में सेल के एक्टिव नहीं होने के कारण उन्हें जॉब प्लेसमेंट नहीं मिल पा रहें। इसके अलावा ग्रेजुएशन के बाद उन्हें कहां-क्या अवसर मिल सकते हैं, इसकी जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।

जब छात्रों से बात की तो सिर्फ 3 स्टूडेंट ऐसे मिले, जिन्होंने बताया कि दो बार हमें गाइडेंस मिला है, लेकिन नौकरी का पता नहीं, जबकि हर कॉलेज में एक प्रोफेसर को इस सेल का जिम्मा दिया गया है। इनको हर महीने का कैलेंडर दिया जाता है कि कैसे पर्सनालिटी डेवलपमेंट और करियर गाइडेंस देकर छात्रों का प्लेसमेंट कराना है। शहर में 11 सरकारी कॉलेज हैं, इनमें से 7 ने 2 साल में 42 वेबिनार किए। इनमें टीचर और स्टूडेंट मिलाकर करीब 8 हजार लोग ही जुड़ पाए। लेकिन, इसका फीडबैक किसी कॉलेज के पास नहीं है।

भोपाल के भेल, एमवीएम और नवीन कॉलेज में सेल एक्टिव ही नहीं

भेल कॉलेज- यहां की दोनों इमारत में घूम रहे सीनियर-जूनियर स्टूडेंट से बात की तो बोले कि हम सेल के बारे में नहीं जानते। जब सेल की तलाश की तो यह नए भवन की तीसरी मंजिल पर 9 नंबर कमरे में मिली। यहां डॉ. सीमा माथुर इसकी हेड हैं। उनसे पूछा तो बोली कि इस बार का कैलेंडर नहीं आया, जबकि बीते साल कुछ एक्टिविटी कराई हैं।

एमवीएम- यहां न्यू एकेडमिक ब्लॉक के सामने सेल बनाई है, लेकिन इसके बारे में पूरे कैंपस में सिर्फ एक छात्र अभिनव ने माना कि उसे इसकी जानकारी है। यहां अनुजा गुप्ता इसकी प्रभारी हैं। यह जूलॉजी की टीचर भी हैं। इनका कहना है कि करीब 200 बच्चों का प्लेसमेंट कराया है।

नवीन- पीएचक्यू से सटे इस कॉलेज में डॉ. संगीता गौर को प्रभारी बनाया है। अभी इनके पास एडमिशन का भी जिम्मा है और करियर सेल बंद है। इनका कहना है कि हर साल कुछ लेक्चर करवाते हैं। प्लेसमेंट के लिए दूसरे कॉलेज में होने वाले रोजगार मेले में छात्रों को भेजते हैं।

क्या है योजना… मप्र में 2006-07 में स्वामी विवेकानंद करियर गाइडेंस योजना शुरू हुई थी। उच्च शिक्षा विभाग इसका संचालन करता है। अफसरों का दावा है कि बीते 3 साल में प्रदेशभर में 20 हजार स्टूडेंट को नौकरी दिलवाई है। 504 कॉलेजों में यह सेल बनी है।

सीएम ने दिए थे ये निर्देश

  • विद्यार्थियों को उनकी रुचि के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में ट्रेनिंग कराई जाए।
  • औद्योगिक क्षेत्रों का भ्रमण कराकर इसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाए।
  • औद्योगिक कंपनियों में हर महीने एचआर के माध्यम से प्लसेंट कराया जाए।
  • जो विद्यार्थी रोजगार, स्वरोजगार स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें बैंकिंग प्रक्रिया से जोड़कर जानकारी दी जाए।

हम कॉलेजों से फीडबैक लेंगे

करियर गाइडेंस को लेकर कॉलेजों में सेल को एक्टिव रखने के लिए हम कार्यक्रम भेजते हैं और निगरानी करते हैं। इस बार हमारा मंथली कैलेंडर नहीं बन पाया है, लेकिन हम जल्द जारी कर देंगे। रही बात प्लेसमेंट की तो हम कॉलेजों से फीडबैक लेंगे।
डॉ. उमेश कुमार सिंह, नोडल ऑफिसर, विवेकानंद कॅरियर गाइडेंस योजना

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