Who Is RD Tailang: KBC में इस शख्स की हर बात मानते हैं अमिताभ बच्चन, पर्दे के पीछे छिपा रहता है ये खिलाड़ी

नमस्कार देवियों और सज्जनों, आदर, आदाब, अभिनंदन, आभार, मैं हूं अमिताभ बच्चन…महानायक इस लाइन के साथ शो शुरू करते हैं। अमिताभ बच्चन की दमदार आवाज और उनका अंदाज लोगों को काफी पसंद है। KBC में ‘घड़ियाल बाबू’, ‘श्रीमती टिकटिकी’, ‘मिस चलपड़ी’, ‘कंप्यूटर महोदय’ जैसे कई शब्दों को आपने सुना होगा। लेकिन आपने कभी सोचा है कि ये अलग कंप्यूटर और घड़ी को नाम देने वाला शख्स कौन है? शो में पर्दे के पीछे छिपे इस खिलाड़ी की हर बात अमिताभ बच्चन मानते हैं और यही है जो केबीसी को मजेदार बनाते हैं। हम बात कर रहे हैं राइटर आरडी तैलंग की। आज हम आपको बताएंगे ये कौन हैं और इन्हें इस शो को लिखने का मौका कैसे मिला?

कौन हैं आरडी तैलंग?

राइटर आरडी तैलंग सालों से शो के लिए स्क्रिप्ट लिख रहे हैं। आरडी तैलंग मुंबई अपने रिश्तेदारों को छोड़ने आए थे और फिर यही बस गए। तैलंग साहब ने बतौर पत्रकार अपने करियर की शुरुआत की थी। आरडी तैलंग ने शो ‘मूवर्स और शेकर्स’ से अपने लेखन करियर की शुरुआत की थी।

सालों से लिख रहे हैं KBC

साल 2000 में आरडी तैलंग ने कौन बनेगा करोड़पति ज्वाइन किया। तब से आजतक आरडी तैलंग शो के लिए लिख रहे हैं। आरडी तैलंग न सिर्फ शो की स्क्रिप्ट लिखते हैं बल्कि इसकी टैगलाइन भी वही देते हैं। उन्होंने ही घड़ी और कंप्यूटर को इंसानी नाम दे रखे हैं और इनकी बात को अमिताभ बच्चन कभी नहीं टालते हैं।

अमिताभ बच्चन से डरते हैं आरडी तैलंग

आरडी तैलंग ने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘मैंने अमिताभ बच्चन के साथ करीब 20 साल से काम कर रहा हूं। और सभी को लगता है कि मैं उनके साथ काफी सहज हो चुका हूं लेकिन ऐसा नहीं है। आज भी जब मैं उनके पास कविता या कोई डायलॉग लेकर जाता हूं और उसे जब अमिताभ बच्चन पढ़ते हैं। तो मुझे डर लगा रहता है कि उनका इसे पढ़कर कैसा रिएक्शन होगा? मेरे लिए वह वक्त सबसे ज्यादा कठिन होता है।’

कंप्यूटर को कैसे बनाया इंसान

आरडी तैलंग ने शो में लगभग हर चीज को अलग नाम दिया हुआ है। शो में कई तकनीकी चीजों को रोचक शब्दों में कहा जाता है। जैसे- कंप्यूटर जी, कंप्यूटर महाशय, कंप्यूटर महोदय, घड़ियाल बाबू, श्रीमती टिकटिकी, चोटी की कोटी, ताला लगा दें, पंचकोटी महामनी, सुईमुई, मिस चलपड़ी। इस पर उन्होंने कहा था, ‘अपने शब्दों की बात करूं तो करियर की शुरुआत में मुझे इतना रिजेक्शन मिल चुका है कि अब मेरी कलम से ये सब खुद निकलता है। मुझसे कहा गया था कि आप अंग्रेजी और हिंदी भाषा को मिलाकर ही लिखा करो। अब जब मैं लिखता हूं और अमिताभ बच्चन इसे बोलते हैं तो मुझे लगता है कि मेरे शब्द सही जगह पर है और मुझे बहुत अच्छा लगता है।’