छत्तीसगढ़ : बीमार सिस्टम ने युवक को मार डाला, नदी पार कर एंबुलेंस तक ले गए मरीज को, अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत

राजनांदगांव/छुरिया I छुरिया ब्लॉक के ग्राम किड़काड़ीटोला में समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने की वजह से 17 साल के युवक ने दम तोड़ दिया। मौत की वजह युवक की बीमारी से अधिक शासन-प्रशासन और जनप्रतनिधियों की अनदेखी है। ग्राम पंचायत गेरुघाट के आश्रित ग्राम किड़काड़ीटोला के रास्ते में एक छोटी नदी है।

बारिश के दौरान इस नदी में उफान की स्थिति रहती है। आवाजाही पूरी तरह बाधित रहता है। यह स्थिति वर्तमान में भी बनी हुई है। शुक्रवार शाम करीब 4 बजे इसी गांव में रहने वाले 17 वर्षीय रोशन कोमरे की अचानक तबीयत बिगड़ गई। रोशन को तेज बुखार के साथ चक्कर आने लगा।

रोशन को हास्पिटल पहुंचाने परिजन ने एंबुलेंस को कॉल किया। संजीवनी एबुलेंस किड़काड़ीटोला के बाहर तो आ गई, लेकिन नदी में पानी होने के चलते आगे नहीं बढ़ सकी। एंबुलेंस गांव से 2 किमी दूर मजबूरी में खड़ी रही। गांव के कुछ युवाओं ने रोशन को गोद में उठाकर नदी पार की। घर से बाइक में लाते हुए नदी पार करते करीब 25 मिनट का समय लग गया। नदी पार करते ही रोशन को छुरिया हास्पिटल और फिर गंभीर स्थिति को देखते मेडिकल कॉलेज लाया जा रहा था, लेकिन रोशन ने हास्पिटल पहुंचने से 15 मिनट पहले तुमड़ीबोड़ के पास दम तोड़ दिया।

ग्रामीण बोले- नेता व अफसर सुनते ही नहीं

17 साल के रोशन की मौत से गांव में आक्रोश हैं। लेकिन आक्रोश की ऐसी स्थिति पहली बार नहीं बनी है। ग्रामीणों ने बताया कि हर साल बारिश में गांव में ऐसी स्थिति बनती है। पूर्व में भी समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से कुछ मरीजों की मौत हो चुकी है।

गांव के लिए पुल बनाने लंबे समय से आवेदन दिया जा रहा है। भाजपा के बाद कांग्रेस सरकार में भी कई बार पुल की मांग उठाई जा चुकी है। इसके बाद भी नेता इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। नेताओं की अनदेखी के चलते ग्रामीणों को हर साल बारिश में तकलीफ दायक जीवन जीना पड़ता है।

ब्लाॅक मुख्यालय से 11 किमी दूर है गांव

किड़काड़ीटोला गांव किसी घने जंगल के बीच में नहीं बसा है। बल्कि छुरिया ब्लाक मुख्यालय से महज 11 किमी की दूरी पर ही है। इसके बाद भी यह गांव अब तक मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। गांव के लोगों ने बताया कि पुल नहीं होने से आवाजाही बाधित हो रही है, वहीं गांव की सड़कें भी कीचड़ से सनी है। इसे देखते कोई भी नहीं पहुंचता। तेज बारिश के दौरान कई दिनों तक गांव टापू में बदल चुका होता है। सबसे अधिक दिक्कत गर्भवती महिलाओं को होती है।

बच्चे भी नदी पार कर जाते हैं स्कूल

किड़काड़ीटोला के ग्रामीणों ने इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो बनाकर भी सोशल मीडिया में जारी किया है। इसमें उन्होंने अपनी समस्या और संकट को बताया है। ग्रामीणों ने बताया कि पुल नहीं होने की वजह से स्कूली बच्चों को भी बड़ी समस्या हो रही है। बारिश के दौरान बच्चे नदी को पार कर स्कूल जाते हैं। ऐसे में उनकी जान का खतरा भी बना रहता है। नदी में बहाव तेज हुआ तो कई दिनों तक बच्चे स्कूल नहीं जा पाते।