आधी रात 112 टीम की मदद से हुआ कोबरा रेस्क्यू, बाहर निकालते ही यहां वहां डर से भागे लोग, जितेन्द्र सारथी ने किया रेस्क्यू

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले को नाग लोक कहना गलत नहीं होगा, अन्य जिलों के अपेक्षा कोरबा जिले में सांपो का निकलना इस बात को दर्शाता हैं की कोरबा जिला का जैव विविधता बहुत ही अनुकूल हैं, जहा आए दिन दुर्लभ पशु पक्षी के साथ विभिन्न प्रकार के साप पाए जाते हैं, जिसके वजह से यहां का पर्यावरण निश्चित ही संतुलित हैं पर साथ ही लोग दहशत में रहने पर मजबूर रहते हैं और अभी बारीश पूरी तरह चालू भी नहीं हुआ और जिले में लगातार सांपो के निकलने की खबरें आने लगी है.

ऐसा ही मामला बीती रात भालूसटका गांव में देखने को मिला जहां 112 की टीम लोगो के लिए वरदान साबित होता हैं वही रंग लाल के परिवार के लिए भी वरदान साबित हुई, रंग लाल का परिवार घर के आंगन में काम ही कर रहा था की तभी उनका सामना हुआ 5 फिट विशाल काय कोबरा से हुआ जिसको देख कर पूरी तरह घबरा गए, डरा सहमा परिवार सीधे 112 पुलिस हेल्प लाइन नंबर को लगाकर मदद मांगा फिर क्या था 112 टीम बिना देरी किए 10 मिनट में मौके स्थल पर पहुंच गई.

फिर 112 के आरक्षक गोरे ने इसकी जानकारी वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम अध्यक्ष वन विभाग सदस्य जितेन्द्र सारथी को दिया, जिस पर थोड़ी देर में पहुंचने की बात कही फिर कुछ देर बाद मौके स्थल पर पहुंचे जितेन्द्र सारथी ने भीड़ को दूर किया और रेस्क्यू ऑपरेशन चालू किया, अंधेला होने और कीचड़ होने की वज़ह से सावधानी में चूक न हो उसके लिए बड़ी सूझ बूझ से गुस्सैल कोबरा को बाहर लाया और डिब्बे में बंद किया तब जाकर सभी ने राहत भरी सास लिया और 112 टीम के साथ जितेन्द्र सारथी का धन्यवाद ज्ञापित किया, फिर उसको जंगल में छोड़ दिया गया।

जितेन्द्र सारथी ने बताया रात में जहरीले सांपों का रेस्क्यू करने में ज्यादा खतरा रहता हैं, इस वक्त वो शिकार के लिए निकलते हैं, रेस्क्यू करते समय एक चूक हमारी ज़िंदगी को मुश्किल में डाल सकती हैं, इसलिए लोगों को भी समझने की आवश्कता हैं की रेस्क्यू करते वक्त किसी प्रकार दखल न दे, उनको सुरक्षित करने के लिए रेस्क्यू टीम अपनी ज़िंदगी को खतरे में डालती हैं।

जितेन्द्र सारथी ने समस्त प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से निवेदन किया हैं की हमारा नंबर प्रकाशित करें, कई बार देखा गया हैं नंबर के आभाव में आम जन परेशान होते रहते हैं।