आशाएं उम्मीदें बहा ले गई थी खूंटाघाट डूबान,811 किसान अब बेच सकेंगे धान कलेक्टर संजीव झा की पहल से निरधी,पाली पोंडी समितियों में हुआ पंजीयन

कोरबा ,23 जनवरी । कलेक्टर संजीव झा की पहल से बिलासपुर जिले के खूंटाघाट डूबान क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले समितियों के प्रभावित 811 किसान अब शासन को अपना धान बेच सकेंगे। 21 जनवरी को इस साल पंजीकृत 490 किसानों में से 67 किसान टोकन कटा चुके। जिसमें से 18 किसान पहली बार 422 क्विंटल धान बेचकर प्रफुल्लित नजर आए। प्रशासन की इस अनुकरणीय पहल की बदौलत किसानों के जीवन में खुशियां लौट आई। यहाँ बताना होगा कि बिलासपुर जिले के खूंटाघाट डूबान क्षेत्र में कोरबा जिले के ग्राम निरधी ,पाली ,पोंडी समिति से लगे हजारों किसान प्रभावित हुए थे। डूबान क्षेत्र से लगे ये किसान हर साल हजारों क्विंटल धान उपार्जित कर रहे थे। लेकिन चाहकर भी शासन को अपना धान नहीं बेच पा रहे। इस दिशा में जल संसाधन विभाग एवं तत्कालीन राजस्व अमले का उन्हें अपेक्षित सहयोग नहीं मिला ।

इस साल कलेक्टर संजीव झा के संज्ञान में यह बातें आते ही उन्होंने इस दिशा में संजीदगी से पहल की । राजस्व अमला ,जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी की मेहनत रंग लाई और अंततः जल संसाधन विभाग खूंटाघाट के ई ई ने आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी कर दी। जिसके बाद प्रभावित क्षेत्र के समितियों में इन किसानों के पंजीयन का रास्ता साफ हो गया। निरधी ,पाली,पोंडी समिति में खरीफ विपणन वर्ष 2022 -23 के बीच में ही कुल पात्र 811 किसानों में से 490 किसानों का पंजीयन कर लिया गया। जिसका कुल रकबा 342.466 हेक्टेयर है। प्रति हेक्टेयर 37 क्विंटल की दर से कुल 12 हजार 671 क्विंटल धान का पंजीयन हो गया।

इनमें से निरधी के 1 पाली के दो कुल 67 किसानों ने 1709.60 हेक्टेयर का धान विक्रय के लिए टोकन कटा लिया है। जिसमें से निरधी के 18 किसानों ने 422 क्विंटल धान बेचकर प्रशासन की मेहनत को साकार एवं सफल बना दिया। जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी एस के जोशी ने बताया कि 31 जनवरी तक कुल पात्र किसानों में से शेष किसान पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन करा चुके किसान टोकन कटा सकते हैं। एवं टोकन कटा चुके किसान समितियों में जाकर धान की बिक्री कर सकते हैं। इस तरह तय मियाद के भीतर तीनों व्यवस्थाओं के लिए द्वार खुले हैं। उम्मीद जताई जा रही है ,अभी 31 जनवरी तक और किसान व्यवस्था का लाभ उठा धान बेचेंगे। साथ ही सीमित समयावधि की वजह से गत वर्ष से पात्र किसान अधिकाधिक मात्रा में समर्थन मूल्य में शासन को धान बेचकर लाखों का मुनाफा कमाएंगे। अपनी आर्थिक स्थिति और सुदृढ करेंगे।

जानें किस समिति से कितने किसान

निरधी समिति में 460 पंजीकृत किसान हैं। इस साल 345 किसानों ने 236.95 हेक्टेयर की धान बिक्री का पंजीयन कराया। जिसमें से 85 किसानों ने 1659.60 क्विंटल का टोकन लिया है । इन किसानों में से 18 किसानों ने 422 क्विंटल धान की बिक्री कर ली है। बात करें पाली की तो यहाँ 296 पंजीकृत किसान हैं। इस साल 128 किसानों ने 191.31 हेक्टेयर की धान बिक्री का पंजीयन कराया। जिसमें से 2 किसानों ने 50 क्विंटल का टोकन लिया है । इन किसानों ने अभी तक धान नहीं बेचा है । 31 जनवरी तक इनके पास इस कार्य के लिए अवसर है।

पोंडी समिति में 55 पंजीकृत किसान हैं। इस साल 17 किसानों ने 14.206 हेक्टेयर की धान बिक्री का पंजीयन कराया। जिसमें सेअभी तक किसी भी किसान ने टोकन नहीं लिया है । इन किसानों के पास टोकन लेने धान बेचने के लिए 31 जनवरी तक का अवसर है।इस तरह तीनों समितियों से कुल 811 किसान पात्र हैं। इनमें से 490 किसानों ने 342.466 हेक्टेयर की धान बिक्री का पंजीयन कराया है। पंजीकृत किसानों में से 67 किसानों ने 1709.60 क्विंटल धान की बिक्री का टोकन कटाया है। अब तक इनमें से 19 किसान 422 क्विंटल धान बेच चुके।