खंडवा में बाल अधिकार संरक्षण आयोग: सदस्य बोले- पॉक्सो में पुलिस को ट्रेनिंग की जरुरत, 31 केस पेंडिंग; रेप विक्टिम बेटी काफी बहादुर
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खंडवा44 मिनट पहले
बाल संरक्षण अधिकार आयोग के मेंबर्स ने की प्रेस कॉन्फ्रेस।
मध्यप्रदेश बाल संरक्षण अधिकार आयोग का दो सदस्यीय दल बुधवार को खंडवा पहुंचा। 4 साल की मासूम से दरिंदगी की घटना पर पीड़ित परिजन से मुलाकात की। वहीं, पॉक्सो संबंधी मामलों की जानकारी ली। स्थानीय बाल संरक्षण समिति सदस्यों से बाल अधिकारों को विस्तृत जानकारी ली। सदस्य निवेदिता शर्मा, ओंकारसिंह ने स्कूल व आंगनवाड़ी केंद्र का जायजा लिया।
सदस्य निवेदिता शर्मा ने कहा- पॉक्सो एक्ट को लेकर पुलिस को ट्रेनिंग की जरुरत है। हमारे दौरों में यह बात समझ आई है कि, पुलिस को यह समझने की आवश्यकता है कि पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कैसे करें। क्योंकि 24 घंटे में इसकी रिपोर्ट बाल कल्याण समिति को देना होती है। खंडवा का डाटा उठाया तो पता चला कि यहां 31 से ज्यादा केस पेंडिंग पड़े हुए है। कई मामले न्यायालय में विचाराधीन है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में 6 माह में फैसला होना है। कई मामलों में सुनवाई नहीं हो पाई है।
पीड़ितों को नुकसान की भरपाई होना चाहिए
शर्मा ने कहा- बाल अपराध से पीड़ितों को नुकसान की भरपाई होना चाहिए। शासन की गाइडलाइन और तमाम योजनाओं के तहत उन्हें लाभ दिया जाना चाहिए। न्याय में देरी के कारण कई पीड़ित वंचित रह जाते है। या उन्हें इस संबंध में जानकारी नहीं होती है।
खंडवा की बेटी ने काफी बहादुरी दिखाई है
बाल संरक्षण अधिकार आयोग के सदस्यों ने कहा कि, खंडवा के इतिहास में मासूम से दरिंदगी की घटना ने सबकों झकझोर करके रख दिया है। ऐसे अपराधियों को जल्द सजा मिलना चाहिए, ताकि जितनी जल्दी सजा मिलेगी, अन्य किसी की ऐसे अपराध करने की मंशा नहीं होगी। खंडवा की उस बेटी ने काफी बहादुरी दिखाई। उस दौर से गुजरना और रातभर झाड़ियों में रहना,इलाज के दौरान सर्जरी झेलना और इसके बाद जल्दी रिकवर होना। मासूम बिटिया के साथ-साथ पुलिस, जांच दल और डॉक्टर्स की सराहना जितनी की जाए कम है।
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