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भोपाल41 मिनट पहले
मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन का मुद्दा फिर सुर्खियों में है। कर्मचारी संगठन 2 और 7 अक्टूबर को बड़ा आंदोलन करने वाले हैं। वे चाहते हैं कि राजस्थान-छत्तीसगढ़ की तरह मध्यप्रदेश सरकार भी पुरानी पेंशन बहाल करे। हालांकि, सरकार स्तर पर अब तक संकेत नहीं दिए हैं, लेकिन कर्मचारी इस मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की इस मांग को देखते हुए कांग्रेस ने भी दांव खेल दिया है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने वादा किया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही पुरानी पेंशन स्कीम लागू करेंगे। आखिर लाखों कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली क्यों चाहते हैं, पढ़िए इस रिपोर्ट में…।
पहले जानते हैं, क्या है नई पेंशन
1 जनवरी 2005 के बाद भर्ती अधिकारी-कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू है। इसके तहत कर्मचारी 10% और इतनी ही राशि सरकार मिलाती है। कर्मचारी संगठन के अनुसार इस राशि को शेयर मार्केट में लगाया जाता है। इसके चलते कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट के ऊपर निर्भर हो गया है। रिटायरमेंट होने पर 60% राशि कर्मचारी को नकद और शेष 40% राशि की ब्याज से प्राप्त राशि पेंशन के रूप में कर्मचारी को दी जाती है। यह राशि अधिकतम 7 हजार रुपए से ज्यादा नहीं होती।
पुरानी पेंशन क्यों फायदेमंद
पुरानी पेंशन बहाली संघ के अनुसार पुरानी पेंशन नीति में सैलरी की लगभग आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी। DA बढ़ने पर पेंशन भी बढ़ जाती थी। नई नीति में ऐसा कुछ भी नहीं है। इसकी वजह से वे पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग उठा रहे हैं।
राजस्थान-छत्तीसगढ़ में कब-कब हुई घोषणाएं
मध्यप्रदेश से सटे राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने पुरानी पेंशन बहाल कर दी है। दोनों जगह कांग्रेस की सरकारें काबिज है। इसके बाद मध्यप्रदेश के कर्मचारी सरकार पर पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए दवाब बना रहे हैं।
- राजस्थान: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसी साल बजट में कई बड़ी घोषणाएं की थीं। इसमें पुरानी पेंशन को भी बहाल करने की घोषणा शामिल थी।
- छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के बाद राज्य शासन ने नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर 1 नवंबर 2004 से पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी। इसकी अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र में 11 मई 2022 को प्रकाशित की गई। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में 9 मार्च को राज्य सरकार के 2022-23 के बजट में यह घोषणा की थी।
कमलनाथ ने ट्वीट कर की थी घोषणा
कर्मचारी करेंगे आंदोलन
- मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा से 50 से अधिक कर्मचारी संगठन जुड़े हैं। ये सभी संगठन 2 अक्टूबर को प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे। सभी जिला मुख्यालयों में दोपहर 12 से 2 बजे के बीच 2 घंटे का उपवास करेंगे। महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मांगों से संबंधित ज्ञापन रखेंगे।
- बिजली कंपनी के प्रदेश के 70 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी 2 अक्टूबर को प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन करेंगे। यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एंप्लॉय एवं इंजीनियर संगठन के बैनर तले यह प्रदर्शन होगा। इससे बिजली से जुड़ी सेवाएं ठप हो जाएंगी।
- पुरानी पेंशन बहाली को लेकर 7 अक्टूबर को मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ बड़ा आंदोलन करेगा। सभी जिलों में धरने भी होंगे।
कर्मचारी संगठनों ने ये कहा
- तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि 7 अक्टूबर को प्रदेशभर में प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन पुरानी पेंशन की बहाली समेत अन्य मांगों को लेकर होगा।
- मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक जितेंद्र सिंह ने बताया, 2 अक्टूबर को सभी जिला मुख्यालय पर दो घंटे उपवास कर ज्ञापन महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास रखेंगे। पुरानी पेंशन समेत अन्य मांगों का सरकार जल्द निराकरण करें।
- यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एंप्लॉय एवं इंजीनियर संगठन के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 2 अक्टूबर को सभी जिलों में प्रदर्शन प्रस्तावित है।
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