Chhattisgarh

हाईकोर्ट ने खराब सड़कों पर जताई नाराजगी, सुधार के लिए 1 महीने का अल्टीमेटम

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में गुरुवार को प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार की ओर से की गई व्यवस्थाओं पर कड़ी नाराजगी जताई। चीफ जस्टिस ने कहा, “सड़कों की हालत बहुत खराब है। राज्यभर में गड्ढे ही गड्ढे हैं। यह स्थिति हाई कोर्ट आते और घर जाते वक्त साफ नजर आती है।”

कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि सड़कों की मरम्मत के लिए कब तक काम शुरू होगा और क्या इस फंड का सही इस्तेमाल किया जाएगा। नाराजगी व्यक्त करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि सड़कों की मरम्मत और नई सड़कों के निर्माण के लिए जल्द कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि जनता को राहत मिल सके।

एनएचएआई और नगर निगम की रिपोर्ट
एनएचएआई ने कोर्ट में जानकारी दी कि सेंदरी फोरलेन के पास जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और ब्लैक स्पॉट के कारण हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नई सड़क बनाने का काम शुरू होने वाला है। वहीं, बिलासपुर नगर निगम के वकील संदीप दुबे ने बताया कि नई सड़क बनाने और पेच रिपेयरिंग की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है और एक महीने में काम पूरा कर लिया जाएगा।

कोरबा एयर स्ट्रीप की घटना पर नाराजगी
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कोरबा एयर स्ट्रीप की घटना का भी जिक्र किया, जिसमें मेंटेनेंस की लापरवाही के कारण वित्त मंत्री और अन्य जनप्रतिनिधि बाल-बाल बचे थे। चीफ जस्टिस ने कहा कि जब वीवीआईपी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता का क्या होगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सड़कों की मरम्मत में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और ठेका कंपनी व जिम्मेदार अफसरों को अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभानी चाहिए।

अगली सुनवाई 18 नवंबर को
कोर्ट ने एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी और नगर निगम से एक महीने में सड़कों की मरम्मत की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी, जिसमें इन विभागों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की जाएगी।

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