धान खरीदी अभियान:बीता पहला पखवाड़ा, कोरबा जिले के 7 उपार्जन केंद्रों को बोहनी का इंतजार

समर्थन मूल्य पर 58 उपार्जन केंद्रों में महज 67 हजार 199 क्विंटल धान की हुई आवक, विलंब से फसल तैयार होना बनी वजह
कोरबा। चुनावी वर्ष में नवंबर माह के दूसरे पखवाड़े से शुरू हुई धान खरीदी अभियान गति नहीं पकड़ पाई। विलंब से धान की फसल तैयार होने की वजह से इस साल 14 नवंबर से समर्थन मूल्य पर प्रदेश में शुरू हुई धान खरीदी अभियान का पहला पखवाड़ा कोरबा जिले में अपेक्षित गति नहीं पकड़ पाई।आदिवासी बाहुल्य औद्योगिक जिला कोरबा में 65 में से 7 उपार्जन (धान खरीदी केंद्रों) में बोहनी तक नहीं हो सकी। जिले के 41 समितियों के 58 उपार्जन केंद्रों में 30 नवंबर तक महज 67 हजार 199 .60 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी हुई । 777 पंजीकृत किसानों ने यह धान बेचा ।यहां बताना होगा कि सत्ता परिवर्तन के बाद चुनावी वर्ष में इस साल धान खरीदी नवंबर माह के दूसरे पखवाड़े 14 नवंबर से शुरू हुई है। 31 जनवरी तक शासन द्वारा समर्थन मूल्य 2300 रुपए में मोटा सरना एवं 2320 रुपए प्रति क्विंटल की दर से पतला धान की खरीदी की जा रही है। आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में धान खरीदी अभियान का पहला पखवाड़ा बीतने के बाद जो आंकड़े आए हैं उसेठीक ठाक ही कहा जा सकता है। 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में से 58 उपार्जन केंद्रों में 30 नवंबर तक 67 हजार 199 .60 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी हुई । 55 हजार से अधिक पंजीकृत किसानों में से 777 पंजीकृत किसानों ने यह धान बेचा । खरीदे गए धान की कीमत समर्थन मूल्य पर 15 करोड़ 59 लाख 3 हजार 72 रूपए की है। जिले के 65 में से 7 उपार्जन केंद्रों में अभी तक बोहनी नहीं हुई। आसार जताए जा रहे हैं कि दिसंबर माह के दूसरे पखवाड़े से ही धान खरीदी की रफ्तार बढ़ेगी। जिसकी वजह इस साल विलंब से धान की फसल तैयार होने (कटाई मिंजाई) माना जा रहा है। जिन केंद्रों में धान की बोहनी तक नहीं हुई है उनमें उतरदा समिति के बोईदा ,भैसमा समिति के कुदुरमाल ,रामपुर समिति के मदवानी,लाफा समिति के सपलवा ,श्यांग समिति के चिर्रा,श्यांग समिति के लेमरू एवं सुखरीकला समिति के सुखरीकला धान उपार्जन केंद्र में धान खरीदी की शुरुआत (बोहनी)नहीं हो सकी। सबसे ज्यादा आवक निरधी समिति के उपार्जन केंद्र निरधी में हुई है। यहां अब तक समर्थन मूल्य पर 5 हजार 116 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है।शासन द्वारा खरीदी केंद्रों में धान बेचने के लिए किसानों के लिए की गई व्यवस्थाओं से किसान संतुष्ट है। साथ ही टोकन लेने के लिए टोकन तुम्हर हाथ मोबाइल ऐप से भी किसान लाभान्वित हो रहे हैं।० जारी नहीं हुआ डीओ ,नहीं उठे हैं धानअब इतनी अल्पमात्रा में धान की आवक हुई हो तो कस्टम मिलिंग के लिए डीओ जारी करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। अल्प आवक की वजह से अब तक धान के उठाव के लिए डीओ तक जारी नहीं किया जा सका है। हालांकि जल्द ही कस्टम मिलिंग के लिए डीओ जारी करने की बात कही जा रही है। ० इन उपार्जन केंद्रों में नहीं हुई बोहनी,यहाँ हुई सर्वाधिक आवक अभी तक जिन 7 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी अभियान की बोहनी(शुरुआत)हुई है उनमें उपार्जन केंद्र उतरदा समिति के बोईदा ,भैसमा समिति के कुदुरमाल ,रामपुर समिति के मदवानी,लाफा समिति के सपलवा ,श्यांग समिति के चिर्रा,श्यांग समिति के लेमरू एवं सुखरीकला समिति के सुखरीकला धान उपार्जन केंद्र में धान खरीदी की शुरुआत (बोहनी)नहीं हो सकी। सबसे ज्यादा आवक निरधी समिति के उपार्जन केंद्र निरधी में हुई है। यहां अब तक समर्थन मूल्य पर 5 हजार 116 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है।० 30 लाख क्विंटल का लक्ष्य ,सवा 2 फीसदी धान की ही हुई आवक यहाँ बताना होगा कि आदिवासी बाहुल्य औद्योगिक जिला कोरबा को इस साल 30 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया है। जिसकी पूर्ति में 30 नवंबर तक 41 समितियों के 58 उपार्जन केंद्रों में 67 हजार 199.60 क्विंटल सनर्थन मूल्य पर 15 करोड़ 59 लाख 3 हजार 72 रूपए के धान की आवक हो चुकी है। इस तरह देखें तो कुल लक्ष्य का महज 2.23 फीसदी ही धान खरीदी लक्ष्य की पूर्ति की जा सकी है। अभी भी 29 लाख 32 हजार 800.4 क्विंटल धान की खरीद करनी होगी। ० गत वर्ष पहले पखवाड़े में महज 4 हजार 439 क्विंटल धान की हुई थी आवकगत वर्ष की बात करें तो इस समयावधि तक 41 समितियों के 20 उपार्जन केंद्रों में 4 हजार 439 क्विंटल समर्थन मूल्य पर 96 लाख 91 हजार 646 रुपए के धान की खरीदी हो चुकी थी । 52 हजार 390 पंजीकृत किसानों में से 106 पंजीकृत किसानों ने यह धान बेचा था। जबकि इस वर्ष 55 हजार पंजीकृत किसानों में से 777 किसानों ने 67 हजार 199.60 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। इस लिहाज से देखें तो इस साल गत वर्ष की तुलना धान खरीदी का आंकड़ा कहीं अधिक है।