Chhattisgarh

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने की तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के कार्यो की समीक्षा

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर – उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद और छत्तीसगढ़ रीजनल साइंस सेंटर तथा तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कहा कि साइंस सिटी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस गैलरी , स्पेस म्यूजियम और क्लाइमेट चेंज म्यूजियम की स्थापना की जाये। इन आधुनिक संस्थानों का उद्देश्य युवाओं को भविष्य की तकनीकों और पर्यावरणीय शोध से जोड़ना होगा।

बैठक में उन्होंने प्रदेश में बड़े निर्माण कार्यों की प्रगति की उपग्रह चित्रों के माध्यम से निगरानी करने की भी बात कही। उन्होंने सूरजपुर जिले के प्रतापपुर तहसील के ग्राम मायापुर में एस्ट्रो साइंस सेंटर की स्थापना को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये , ताकि प्रदेश के छात्रों और शोधकर्ताओं को खगोल विज्ञान के क्षेत्र में एक मंच मिल सके। इसके अलावा प्रदेश में बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण के लिये हेल्पलाइन व्यवस्था शुरुआत करने के निर्देश दिये। बैठक में उपमुख्यमंत्री ने प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और नवाचार एवं उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिये गुजरात की तर्ज पर स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन पालिसी तैयार करने के निर्देश दिये। इस नीति के अंतर्गत एक विशेष नवाचार केंद्र आई हब स्थापित किया जायेगा , जो प्रदेश के युवाओं को उनके स्टार्टअप और नवाचार विचारों को साकार करने के लिये मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान करेगा।

उपमुख्यमंत्री ने रोजगार कार्यालयों में तकनीकी विकास और डिजिटल सेवाओं को सशक्त बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ रोजगार एप्प के माध्यम से प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे। यह एप युवाओं को ना केवल पंजीयन करने में सहायक होगा , बल्कि उनकी योग्यता के आधार पर रोजगार की संभावनाओं की जानकारी भी देगा। इसके साथ ही उन्होंने इस एप के प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिये ताकि अधिक से अधिक युवा इसका लाभ उठा सकें। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने अग्निवीर योजना के अंतर्गत आगामी भर्तियों हेतु पंजीकृत युवाओं की सहायता और उनके प्रशिक्षण के लिये जिला स्तर पर विशेष शिविर आयोजित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इन युवाओं की ऑनलाइन और ऑफलाइन तैयारी के लिये हर संभव संसाधन उपलब्ध कराये जायें। इसके लिये प्रशिक्षकों की नियुक्ति और पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाये। उन्होंने परीक्षा के दौरान आवेदकों को उनके परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने के लिये परिवहन सुविधा सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिये उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि आईटीआई , पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों में कार्यरत शिक्षक और लिपिक संवर्ग के सेवा भर्ती नियमों में आवश्यक संशोधन किये जाये। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों और पॉलिटेक्निक संस्थाओं में कार्यरत शिक्षकों को क्यूआईपी योजना के तहत एम.ई., एम.टेक और पीएचडी पाठ्यक्रमों के अध्ययन के लिये अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल और तेज किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि आगामी सत्र 2025-26 में छत्तीसगढ़ के पांच स्थानों नवा रायपुर , कबीरधाम , जगदलपुर , रायगढ़ और जशपुर में छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (सीजीआईटी) के स्थापना के कार्यों में तेजी लाया जाये। यह संस्थान आईआईटी की तर्ज पर संचालित होंगे और युवाओं को उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी शिक्षा प्रदान करेंगे।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिये नीति निर्धारण का कार्य प्रक्रियाधीन है , जिसे आगामी दो माह में पूर्ण कर लिया जाये। यह नीति शैक्षणिक की गुणवत्ता में वृद्धि और छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये अत्यंत आवश्यक है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य युवाओं को आधुनिक शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण से जोड़ना है , ताकि वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें। सरकार द्वारा लिये गये ये निर्णय प्रदेश को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाई पर ले जायेंगे। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी , सचिव तकनीकी शिक्षा विभाग एस भारतीदासन और संचालक तकनीकी शिक्षा विभाग ऋतुराज रघुवंशी एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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