Chhattisgarh

आभूषण विक्रेता की हत्या का फरार मास्टर माइंड आरोपी सूरज पुरी गोस्वामी को कोरबा पुलिस ने मुंबई से किया गिरफ्तार

  • मुंबई पुलिस के द्वारा अपराधी को पकड़ने में की गयी भरपूर मदद की सराहना


कोरबा, 14 जनवरी । आज कोरबा जिला पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के प्रशासनिक कार्यालय के प्रेक्षा गृह में जिला पुलिस अधीक्षक ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यू.बी.एस. चौहान कि विशेष उपस्थिति में स्थानीय पतकारो के साथ महत्वपूर्ण चर्चा में बताया कि विगत दिनों कोरबा अंचल में घटित आभूषण विक्रेता की हुई नृसंश हत्या के मामले में कोरबा पुलिस को प्रशंसनीय सफलता मिली हैं।

घटना के कुछ अपराधियो को पहले ही बंदी बना लिया गया था, किंतु मास्टर माइंड आरोपी जिसका नाम सूरज पुरी गोस्वामी बताया गया हैं, जो अपराध के बाद फरार होने में सफल हो गया था। उसे कोरबा पुलिस ने मुंबई पुलिस की मदद से बंदी बनाया।


वार्ता के दौरान जानकारी दी गयी की कोरबा थाना सिविल लाईन के अपराध कमांक 12/2025 धारा 103 (1), 307, 309(4), 332(क), 333 बी.एन.एस. के प्रकरण में 02 अभियुक्तों क्रमशः आकाश पुरी गोस्वामी एवं मोहन मिंज को 12 जनवरी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया था। जबकि घटना का मास्टर माइंड सूरज पुरी गोस्वामी पिता जगदीश पुरी गोस्वामी उम्र 28 वर्ष निवासी मकान नं 107, कुआभठ्ठा चौकी मानिकपुर थाना कोतवाली जिला कोरबा फरार हो गया था।


फरार आरोपी के संबंध में जिसकी पतासाजी के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें उसकी पतासाजी कर रही थी, तब पुलिस को विश्वसनीय सूचना प्राप्त हुई कि वह पकड़े जाने के डर से मुंबई भाग गया है। इस सूचना पर मुंबई पुलिस से मदद लेकर निरीक्षक युवराज तिवारी थाना प्रभारी उरगा, उप निरीक्षक प्रेमचंद साहू थाना प्रभारी दीपका के नेतृत्व वाली टीम ने मुंबई जाकर आरोपी सूरज पुरी गोस्वामी का माननीय त्रितीय न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, पनवेल मुंबई से 15 जनवरी तक की अवधि के ट्रांजिट रिमांड पर 14 जनवरी को कोरबा लाया गया। जिसे कोरबा के संबंधित न्यायालय में प्रस्तुत कर पुलिस रिमांड प्राप्त कर घटना में प्रयुक्त आलाजरब एवं घटना से संबंधित वस्तुओं आदि की जप्ती की जाएगी।
सूरज पुरी गोस्वामी ने पुलिस द्वारा पूछताछ में बताया कि इसकी तथा इसके भाई आकाश पुरी की आर्थिक स्थिति खराब थी। कही काम नही मिल रहा था। आकाश पुरी ने नयी बुलेट खरीदी थी। जिसकी किश्त भी नही पटा पा रहा था। इन सब आर्थिक तंगी के कारण लूटपाट की योजना बनाई और वारदात करते समय पहचान लिये जाने के कारण गोपाल राय सोनी की हत्या कर देना बताया।
इस सनसनीखेज वारदात के बाद कोरबा में एक अजीब सी स्थिति उत्पन्न हो गयी थी किंतु मामले की विवेचना अत्यंत ही आधुनिक तकनीकी और सुविधाओं का सहारा लेकर किया गया। मामले में संलिप्त अपराधियो में से अधिकांश को तो पहली ही पकड़-धकड़ में जकड लिया और अपराध के सरगना को भी जल्दी ही मुंबई से गिरफ्तार कर लिया। इस अपराध की गहन विवेचना और सक्रिय परिणामकारी
अनुसंधान की प्रशंसा की।

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