इंदौर में पानी की बोतल से ‘घरेलू हुक्का’: यह खबर सावधान करने वाली है…

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  • This News Is Alarming… इंदौर के परिवारों को यह खबर विचलित कर सकती है लेकिन सावधानी के लिए जरूरी है। कुछ ड्रग पेडलर्स गैंग नशे की लत लगाने के लिए बच्चों और नौजवानों को ऐसे तरीके सिखा रही है कि जिससे वह सस्ते में नशा कर लें और इसे आदी बन जाएं। दैनिक भास्कर सामाजिक सरोकार की जिम्मेदारी के साथ आपको अलर्ट कर रहा है। हम बताएंगे कैसे साधारण तरीके से हैवी डोज बनाने के लिए घर पर ही हुक्का और इंजेक्शन तैयार

देवेंद्र मीणा/इंदौरएक मिनट पहले

इंदैनिक भास्कर सामाजिक सरोकार की जिम्मेदारी के साथ आपको अलर्ट कर रहा है। हम बताएंगे कैसे साधारण तरीके से हैवी डोज बनाने के लिए घर पर ही हुक्का और इंजेक्शन तैयार किया जा रहा है। पुलिस भी इससे हैरान है…

तरीका नंबर 1 : सिरिंज, पाउडर और वो ‘खास’ तरह का पानी…

मेडिकल शॉप से सामान्य सिंरिंज और एक खास तरह का लिक्विड खरीदते हैं। हम यहां उसका नाम छुपा रहे हैं। उसे गर्म कर लिया जाता है। ठंडा होने पर ड्रग्स पाउडर मिला दिया जाता है।

इसके बाद इसे 4 एमएल के इंजेक्शन के रूप में घर पर ही लगा लिया जाता है। यानी यदि आपके यहां या बच्चे के होस्टल में या उसके आसपास बेवजह के इंजेक्शन, पाउडर थैली या सिरिंज पड़ाई दिखती है तो आपको इसकी तहकीकात करते रहना चाहिए।

आरोपियों ने दावा किया कि इस तरीके से नशा लेने पर पाउडर का नशा ज्यादा चढ़ता है इसलिए कम खर्च में ज्यादा नशा मिलता है। इनमें खासकर छोटे बच्चों से शुरुआत की जाती है। उन्हें इंजेक्शन लगाते नहीं आता है तो उसे हम ही शुरुआत में लगाकर बता देते हैं। फिर बच्चे भी खुद यह करने लगते हैं।

ड्रग्स (पाउडर) को गर्म कर इंजेक्शन तक बना लेते हैं आरोपी।

ड्रग्स (पाउडर) को गर्म कर इंजेक्शन तक बना लेते हैं आरोपी।

तरीका नंबर 2 : खाली पानी की बॉटल में डाली चीलम, बनाया हुक्का

पुलिस को एक क्लिप हाथ लगी है, उसमें हुक्के को पानी की बोतल के जरिए बना लिया है। लड़के इसे गुड़गुडाते दिख रहे हैं।

वीडियो में पता चला है कि लड़के पानी की खाली बोतल का इस्तेमाल कर सिगार नुमा चीज को उससे जोड़कर नशा कर रहे हैं। इसमें बोतल में ड्रग्स रहता है।

यानी यदि आपके घर में अजीबोगरीब तरीके से फूटी हुई पानी की खाली बोतलें मिलती हैं या आसपास कहीं होती हैं तो यह भी अलर्ट होने वाली बात है। लड़के इसे घर में हुक्के की तरह इस्तेमाल करने लगे हैं।

नशे के लिए खाली पानी की बॉटल में डाली चीलम और बनाया हुक्का।

नशे के लिए खाली पानी की बॉटल में डाली चीलम और बनाया हुक्का।

पाउडर की कीमत 3 हजार रुपए ग्राम
संयोगितागंज टीआई तहजीब काजी ने बताया कि आरोपी ड्रग्स लेने के लिए कई चीजे करते हैं। राजस्थान से ड्रग्स लेकर आते हैं। दरअसल,अफीम के बाद की प्रोसेस है। अफीम के बाद पाउडर बनता है, क्रूड स्मैक इसे बताते हैं। 3 हजार रुपए ग्राम के हिसाब से वहां से लाया जाता है। इसके बाद स्थानीय स्तर पर नशे में लिप्त कारोबारी उसमें मिलावट कर देते हैं। जिससे उसकी मात्रा बढ़ जाए। मिलावट के लिए नाइट्रावेट और एल्प्राजोलम टेबलेट का इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद छोटी-छोटी पुड़िया बनाकर 500-500 रुपए में बेची जाती है। कुछ ड्रग एडिक्ट पाउडर को गर्म कर इंजेक्शन के जरिए 4 एमएल का डोज भी लेते है। कई बार गलत इंजेक्शन लगने से हाथ में विपरित प्रभाव भी पड़ता है।

यह कहती है पुलिस

इंदौर के संयोगितागंज टीआई तहजीब काजी बताते हैं पिछले साल ड्रग पेलडर्स को पकड़ने के लिए एक टीम बनाई थी। स्पॉट्स पता करवाए। छापा मारकर ड्रग पेडलर्स और लत लग चुके लोगों को पकड़ा। उनके पास पाउडर, स्मैक के अलावा दूसरे सामान भी मिले थे। तभी उनसे पूछा कि इनका क्या करते हो तब यह खुलासा हुआ।

यह भी पढ़ें : कैसे तांत्रिक की भेष में स्टूडेंट्स तक ड्रग पहुंचा रहा था आरोपी

आसिफ मामा(काली शर्ट में)

आसिफ मामा(काली शर्ट में)

संदिग्ध स्पॉट में से एक संवाद नगर आजाद नगर क्षेत्र स्थित एक दरगाह से संयोगितागंज थाने की पुलिस ने अलग-अलग समय में दबिश देकर 8 लोगों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पुलिस को आरोपितों से पता चला कि उन्हें नशे की पुड़िया, सिगरेट व बीड़ी नायता मुंडला में रहने वाला आसिफ मामा (तांत्रिक) तथा उसके अन्य साथी उपलब्ध करवाते हैं। इसके बाद आसिफ की तलाश शुरू हुई और घेराबंदी कर पुलिस ने दरगाह के पास से ऑटो रिक्शा में नशे की पुड़िया बेचते उसे पकड़ा। तलाशी लेने पर उसके पास से दो किलो गांजा और नशे की पुड़िया बरामद हुई। पुलिस को पूछताछ में उसने बताया कि पहले युवाओं को फ्री में नशे की पुड़िया दी जाती है और बाद में जब उन्हें नशे की लत लग जाती है तो गैंग के पास खरीदने के लिए भेजा जाता है।

इंजीनियर निक्की उर्फ शशांक सिंह

इंजीनियर निक्की उर्फ शशांक सिंह

गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप, इंजीनियर युवक बन गया ड्रग्स पैडलर
पुलिस की टीम ड्रग्स के कारोबार में लगे अपराधियों की तलाश में लगी हुई थी। पुलिस को पकड़े गए आरोपितों से इनपुट मिला कि एक युवक कार में आता है और क्षेत्र के युवाओं को नशे की पुड़िया उपलब्ध करवाता है। इसके बाद घेराबंदी कर पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया। पूछताछ में युवक ने अपना नाम निक्की उर्फ शशांक सिंह बताया। उसके पास से साइकॉट्रॉपिक ड्रग्स ब्राउन शुगर 12 ग्राम बरामद की गई। पूछताछ में उसने पुलिस को आगे बताया कि उसने इंजीनियरिंग की है। इंजीनियरिंग के बाद वह शेयर मार्केट में काम करने लगा था। इसी बीच उसका गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप हो गया और वह ड्रग्स लेने लगा। ड्रग्स लेने के बाद खर्चे के लिए स्टूडेंट्स औेर अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को भी ड्रग्स उपलब्ध कराने लगा। आरोपी से ड्रग्स लेने वाले कुछ ऐसे लोगों के बारे में भी पुलिस को जानकारी मिली कि ड्रग्स की लत के कारण उनकी मानसिक स्थिति तक बिगड़ गई।

शशांक ने बताया सुनील का नाम
संयोगितागंज पुलिस को रिमांड के दौरान इंजीनियर शशांक ने बताया कि उसे ड्रग्स मूसाखेड़ी का रहने वाला सुनील पिता घासीलाल कदम उपलब्ध करवाता है। सुनील के साथ मिलकर ही वह भंवरकुआं, विजयनगर, मूसाखेड़ी और लसूड़िया इलाके में ड्रग्स सप्लाय करता था। शशांक ने पुलिस को ये भी बताया कि वह 1 ग्राम ब्राउन शुगर में अल्फाजोलम और नाइट्रावेट का पावडर मिला देते हैं और वजन 1 ग्राम से बढ़ाकर 20 ग्राम तक कर लेते थे। इसकी 20 पुड़िया बनाकर 1 से 2 हजार रुपए में सप्लाय करते हैं। इसके बाद सुनील को घेराबंदी कर पुलिस ने स्टेडियम के पीछे से हिरासत में लिया। तलाशी लेने पर उसके पास से अवैध मादक पदार्थ साइकॉट्रॉपिक ड्रग्स मिला। इसके बाद सुनील से पूछताछ की गई कि वह ड्रग्स कहां से लाता है, कौन उसे ड्रग्स देता है।
खुद ही प्रतापगढ़ से लाने लगे ड्रग्स
शशांक और सुनील पहले उज्जैन के एक तस्कर से माल खरीदते थे। उन्होंने ये पता लगा लिया कि उज्जैन वाले तस्कर को प्रतापगढ़ का अफजल ड्रग्स सप्लाय करता है। शशांक ने अफजल की लिंक पता कर ली। शशांक ने जब अफजल से संपर्क किया तो उसने खुद डील न करते हुए अपने भाई का नंबर दे दिया। एक बार डील पक्की होने के बाद शशांक और सुनील बाइक से ही प्रतापगढ़ जाकर ड्रग्स लाने लगे थे।

मुन्नवर उर्फ आदम।

मुन्नवर उर्फ आदम।

मुठभेड़ में पुलिस ने मुन्नवर उर्फ आदम को पकड़ा
ड्रग्स सप्लाय में प्रतापगढ़ का कनेक्शन सामने आने के बाद संयोगितागंज थाना पुलिस ने आरोपी मुन्नवर उर्फ आदम के बारे में जानकारी जुटाई। इसके बाद पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान उसे पकड़ा। आदम ने एसआई सत्यजीतसिंह चौहान और सिपाही अमितसिंह सेंगर को रौंदने की कोशिश की थी। आदम ने पुलिस की पूछताछ में 20 से ज्यादा पैडलर्स के नाम कबूले, जिसमें से कुछ को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी थी। आदम ने चौंकाने वाला खुलासा किया और पुलिस को बताया कि वह स्मैक में नशीली गोलियां और अल्प्राजोलम का चूरा मिलाकर बेचता था। जिसके कारण उससे डोज लेने वाले कईं युवकों की मनोस्थिति खराब हो चुकी है। युवक डोज लेने के घंटों बाद तक सुन्न होकर बैठ जाते हैं। वह प्रतापगढ़ के कुख्यात तस्करों से स्मैक पाउडर लेकर इंदौर में सप्लाई करता था। आदम तीन हजार रुपये प्रतिग्राम के हिसाब से ड्रग(स्मैक) बेचता था।

तफ्हीम(बाएं) और संदीप(दाएं)

तफ्हीम(बाएं) और संदीप(दाएं)

नशा के लिए वाहन चुराने वाले धराए
क्षेत्र में नशे में लिप्त युवकों की धड़पकड़ में जुटी संयोगितागंज पुलिस को सूचना मिली कि दवा बाजार और रेसीडेंसी यातायात पार्क क्षेत्र से लगातार बाइक चोरी की घटनाएं हो रही है। इसके बाद पुलिस ने तफ्हीम अहमद पिता अबरार उम्र 21 साल निवासी ग्रीन पार्क कॉलोनी और संदीप पिता मुन्ना लाल वर्मा उम्र 26 साल निवासी 157 बाबू गांधीनगर को पकड़ा। इसके बाद पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि रिजवान पिता जाकिर निवासी साउथ तोड़ा उनसे ये सब करवाता है। रिजवान बाबू उर्फ कृष्णा के साथ है और उसी ने पाउडर का नशा करना सिखाया है।

रानी उर्फ ड्रग्स चाची और उसका पति अब्दुल जब्बार।

रानी उर्फ ड्रग्स चाची और उसका पति अब्दुल जब्बार।

कृष्णा के जरिए ड्रग्स चाची तक पहुंची पुलिस
आरोपी रिजवान की निशानदेही पर पुलिस ने बाबू उर्फ कृष्णा को गिरफ्तार किया। कृष्णा ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह चंदन नगर की रानी उर्फ चाची से ड्रग्स खरीद रहा है। रानी पैडलरों के बीच चाची के नाम से पहचानी जाती है। इसके बाद पुलिस ने कृष्णा को रानी के पास भेजा। कृष्णा ने दरवाजे के नीचे से 500 रुपए अंदर डाले और उधर से रानी ने नशे की पुड़िया खसका दी। दबिश देकर पुलिस ने रानी और उसके पति अब्दुल जब्बार को पकड़ा। इनके पास से नशे की पुड़िया बरामद की गई। पूछताछ में पुलिस को रानी ने बताया कि दो साल से वह नशे का कारोबार कर रही है। उसने छोटे-छोटे पैडलर तैयार किए ताकि ड्रग्स की खपत अधिक हो सके। 300 और 500 रुपए में छोटी पुड़िया बनाकर रानी बेचती थी।

शहजाद बॉस।

शहजाद बॉस।

ड्रग्स चाची के बाद अब शहजाद की तलाश
पुलिस को आरोपियों से पूछताछ में यह जानकारी मिली है कि मंदसौर और प्रतापगढ़ की गैंग नशा सप्लाय कर रही है। रानी उर्फ ड्रग्स चाची ने पुलिस को बताया कि वे शहजाद बॉस से ड्रग्स लेते हैं। शहजाद पिता कमरूद्दीन शाह उम्र 35 साल निवासी माली मोहल्ला लाबरिया भेरु है। बताया जाता है कि शहजाद मंदसौर-प्रतापगढ़ के तस्करों के लिए काम करता है। उसने खजराना-चंदननगर क्षेत्र में अलग-अलग ठिकाने बना रखें है जहां अपने एजेंट के माध्यम से ड्रग्स की सप्लाय करता है। शहजाद ने प्रेमिका को भी नशे के कारोबार में शामिल कर रखा है। पुलिस उसकी भी तलाश में जुटी है। शहजाद के गिरफ्तार होने के बाद पुलिस को मंदसौर-प्रतापगढ़ के बड़े तस्करों के बारे में पता लगेगा और पूरे नेक्सेस की पोल खुलेगी।

संयोगितागंज थाना टीआई तहजीब काजी।

संयोगितागंज थाना टीआई तहजीब काजी।

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