Chhattisgarh

साय कैबिनेट की बैठक में आज लिये गये कई महत्वपूर्ण निर्णय

ट्रांसफर से हटा बैन , पच्चीस जून तक होंगे तबादले

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। जिसमें मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ शासन की वर्ष 2025 के लिये स्थानांतरण नीति का अनुमोदन किया गया। जिसके तहत जिला स्तर पर स्थानांतरण 14 जून से 25 जून तक प्रभारी मंत्री द्वारा और राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री की मंजूरी से होंगे , आवेदन 06 जून से 13 जून तक स्वीकार किये जायेंगे। न्यूनतम दो वर्ष सेवा अनिवार्य है , गंभीर बीमारी, मानसिक/शारीरिक अक्षमता और सेवानिवृत्ति से पूर्व एक वर्ष के मामलों में विशेष सुविधा मिलेगी।

अनुसूचित क्षेत्रों से स्थानांतरण हेतु एवजीदार अनिवार्य है , साथ ही सुकमा , बीजापुर, नारायणपुर जैसे जिलों में रिक्त पदों को भरने का विशेष प्रयास रहेगा। तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में उनके संवर्ग की कुल संख्या का अधिकतम दस प्रतिशत एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचाारियों में अधिकतम पंद्रह प्रतिशत स्थानांतरण किये जा सकेंगे। परीविक्षाधीन अधिकारी-कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया जायेगा। पति-पत्नी की एक स्थान पर पदस्थापना , ग्रामीण-शहरी संतुलन और पारदर्शिता के लिये राज्य स्तर के सभी स्थानांतरण आदेश ई-ऑफिस के माध्यम से जारी होंगे। जिला स्तर पर निर्धारित समयावधि में स्थानांतरण जारी कर उसी तिथि को आदेश की प्रति सामान्य प्रशासन विभाग को मेल करना होगा।सभी जिला स्तरीय कर्मचारियों का संलग्नीकरण 05 जून 2025 से समाप्त माना जायेगा और जहां किसी कर्मचारी की आवश्यकता होगी स्थानांतरण नीति के अनुरूप स्थानांतरण किया जा सकेगा। स्थानांतरण के विरूद्ध पंद्रह दिन में राज्य स्तरीय समिति को अभ्यावेदन किया जा सकेगा। वहीं 25 जून के बाद स्थानांतरण पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा , अत्यंत आवश्यक होने पर समन्वय में अनुमोदन उपरांत स्थानांतरण किया जा सकेगा।

मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री के घोषणानुसार ग्राम पंचायत दामाखेड़ा का नाम ‘‘कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा‘‘ किये जाने का अनुमोदन किया गया। सीएम साय ने 23 फरवरी 2024 को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा तहसील अंतर्गत दामाखेड़ा में आयोजित संत समागम समारोह ‘‘मांघीमेला‘‘ में सम्मिलित होकर दामाखेड़ा का नाम कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा नाम किये जाने की घोषणा की थी। मंत्रिपरिषद द्वारा कबीरधाम जिले के कवर्धा तहसील के ग्राम पंचायत गदहाभाठा का नाम परिवर्तन कर ग्राम पंचायत सोनपुर तथा बोड़ला तहसील के ग्राम पंचायत चण्डालपुर का नाम परिवर्तन कर ग्राम पंचायत चन्दनपुर किये जाने का निर्णय लिया गया। मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य की कला , संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये राज्य में कलाग्राम की स्थापना हेतु नवा रायपुर अटल नगर में संस्कृति विभाग को दस एकड़ भूमि निःशुल्क आबंटित करने तथा उक्त भूमि के विरूद्ध प्रतिपूर्ति राशि नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को भुगतान करने का निर्णय लिया गया। यह कलाग्राम शिल्पकारों , लोक कलाकारों और परंपरागत कारीगरों के लिये एक समर्पित केंद्र होगा , जो सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा साथ ही छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि को सुदृढ़ करेगा और स्थानीय कारीगरों एवं शिल्पकारों के लिये राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला को प्रदर्शित करने का एक स्थायी मंच भी प्रदान करेगा। मंत्रिपरिषद की बैठक में नवा रायपुर अटल नगर में राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाजी अकादमी की स्थापना के लिये खेल एवं युवा कल्याण विभाग को 13.47 एकड़ भूमि निःशुल्क आबंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। इस अकादमी में आउटडोर व इनडोर (एसी) तीरंदाजी रेंज , उच्च प्रदर्शन केंद्र , छात्रावास एवं आवासीय सुविधा का निर्माण किया जायेगा। इससे छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय खेल मानचित्र पर और अधिक मजबूती से उभरेगा। मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के निम्न एवं मध्यम वर्गीय परिवारों को शहरों में किफायती एवं सस्ते भूखण्ड उपलब्ध कराने के लिये छत्तीसगढ़ किफायती जन आवास नियम 2025 का अनुमोदन किया गया। इससे लोगों को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उचित दर पर भूखंड उपलब्ध कराकर पानी , बिजली , सड़क , सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित होगी। अवैध प्लाटिंग की रोकथाम के साथ ही लोगों को सुव्यवस्थित कॉलोनियों का विकल्प मिलेगा और राज्य में रियल एस्टेट व इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश के नये अवसर उपलब्ध होंगे। मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश में युवा कल्याण के विभिन्न क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों व्यक्ति एवं संगठनों को सम्मानित करने के लिये युवा रत्न सम्मान योजना शुरू करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस योजना के तहत युवा कल्याण के क्षेत्र में असाधारण और विशिष्ट सेवा कार्य करने वाले व्यक्ति अथवा स्वैच्छिक संगठनों को ‘‘छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान‘‘ से सम्मानित किया जायेगा। छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान हर वर्ष राज्य के एक युवा और एक स्वैच्छिक संस्था को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिये दिया जायेगा। इसमें युवा को पदक , प्रमाण पत्र , शॉल और अधिकतम ढाई लाख रूपये , जबकि संस्था को अधिकतम पांच लाख रूपये की पुरस्कार राशि दी जायेगी। इसके साथ ही सामाजिक , साहित्य , नवाचार , शिक्षा , खेल , पर्यावरण , महिला एवं बाल विकास , मीडिया , स्वास्थ्य , विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी , दिव्यांगजन सशक्तिकरण , कला-संगीत तथा लोककला के क्षेत्र में ‘‘युवा रत्न सम्मान‘‘ प्रदान किया जायेगा। युवा रत्न सम्मान प्रत्येक वर्ष उपरोक्त क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिये चयनित एक-एक युवाओं को प्रदान किया जायेगा। जिसमें पदक , पदक प्रमाण पत्र , शॉल और अधिकतम एक लाख रूपये शामिल हैं। महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये यह सम्मान केवल महिलाओं और बालिकाओं को दिया जायेगा। आवेदक को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना चाहिये और उसकी उम्र 15 से 29 वर्ष के बीच होनी चाहिये। सरकारी कर्मचारी , सरकारी उपक्रमों और शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत व्यक्ति पात्र नहीं होंगे। एक व्यक्ति या संस्था को एक ही साल में एक ही श्रेणी का पुरस्कार मिल सकता है और एक श्रेणी का पुरस्कार किसी को दोबारा नहीं दिया जायेगा। मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिये खेल एवं युवा कल्याण विभाग अंतर्गत प्रशिक्षक (कोच) के पद पर भर्ती हेतु राष्ट्रीय क्रीडा संस्था पटियाला से प्रशिक्षक के डिप्लोमा के मापदण्ड को एक वित्तीय वर्ष के लिये शिथिलीकरण करने का निर्णय लिया गया।मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में ग्रामीण एवं आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के नये अवसर प्रदान करने के लिये ‘‘छत्तीसगढ़ होमस्टे नीति 2025-30‘‘ का अनुमोदन किया गया। होमस्टे नीति का उद्देश्य यह है कि छत्तीसगढ़ के गांवों और विशेषकर बस्तर और सरगुजा के दूर-दराज के इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाये , इससे वहां के युवाओं को रोजगार के नये अवसर मिले। होमस्टे के ज़रिये पर्यटकों को गांव की संस्कृति , कला , शिल्प और प्रकृति से जुड़ा खास अनुभव मिलेगा। इसके साथ ही इससे गांवों में रहने वाले लोगों को सीधा लाभ होगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी। यह एक तरह से ओकल फॉर लोकल के लक्ष्य को प्राप्त करने और देश में ग्रामीण पर्यटन के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगा।

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