Chhattisgarh

CG BREAKING : करंट की चपेट में आने से हुई थी हाथी की मौत, आरोपी गिरफ्तार

रायगढ़ 19 अप्रैल ।  वन मंडलाधिकारी धरमजयगढ़ वनमंडल से प्राप्त जानकारी के अनुसार 17 अप्रैल 2023 को बनहर परिसर के ग्राम चुहकीमार के राजस्व भूमि ओमप्रकाश राठिया पिता इन्द्रसाय राठिया के निजी राजस्व भूमि खेत में मूंगफली फसल में 1 नग वन्यप्राणी जंगली नर हाथी शावक उम्र लगभग 05 वर्ष मृत अवस्था में पड़ा हुआ था। मृत हाथी की सूचना रामपाल राठिया ग्राम पंचायत सरपंच चुहकीमार द्वारा परिक्षेत्र सहायक बनहर को लगभग 10.30 बजे दिया गया। परिक्षेत्र सहायक द्वारा घटना की जानकारी वन परिक्षेत्राधिकारी छाल को सूचित किया गया।

तत्पश्चात् परिक्षेत्र में पदस्थ वन कर्मचारियों को घटना स्थल में पहुंचने हेतु निर्देशित किया गया तथा उच्चाधिकारी को उक्त घटना की जानकारी दिया। वरिष्ठ अधिकारियों के नौका स्थल पर पहुँचने के पश्चात् जंगली हाथी के शव को पलट कर देखा गया जिसमें जंगली हाथी के सूंड में जले हुये का निशान पाया गया। पशु चिकित्सा अधिकारियों के गठित दल को शव परीक्षण करने हेतु सूचित किया गया। वन अपराध प्रकरण क्र. 14104/12 दिनांक 17 अप्रैल 2023 जारी किया गया। पशु चिकित्सा अधिकारियों को शव परीक्षण हेतु सूचना दिया गया।

उप वनमंडलाधिकारी धरमजयगढ़ एवं वन परिक्षेत्राधिकारी छाल एवं अपने अधीनस्थ वन अमलों के साथ दिनांक 18 अप्रैल 2023 को घटना स्थल का निरीक्षण करने पर पाया गया कि घटना स्थल से लगे खेत मालिक राकेश राठिया पिता सुखीराम राठिया निवासी चुहकीमार उम्र 32 वर्ष से पूछताछ करने पर बताया कि अपने निजी भूमि में लगाये धान खेत के मेड़ में लकड़ी का खम्भा के सहारे अवैध विद्युत खींचकर ट्रांसफार्मर से कनेक्शन लगभग 50 मीटर की दूरी पर जिसकी मानक ऊँचाई लगभग 03 फीट में लगाया था।

अवैध विद्युत तार कनेक्शन के चपेट में आने से जंगली हाथी की मृत्यु होना पाया गया साथ ही जला हुआ लकड़ी का खम्भा जप्त किया गया। राकेश राठिया के बयान अनुसार मृत जंगली हाथी के सूंड में फंसे हुए जीआई तार को निकाल कर जंगल की ओर फेक दिया जिसकी वन अमलों के द्वारा संयुक्त दल बनाकर बताये गये क्षेत्रों में खोजबीन जारी है। जिला स्तरीय गठित पशु चिकित्सक समिति के द्वारा मृत जंगली हाथी के शव का विच्छेदन उप वनमंडलाधिकारी धरमजयगढ़ एवं वन परिक्षेत्राधिकारी छाल के समक्ष किया गया एवं विषरा जांच हेतु मृत हाथी के अंगों का सैम्पल तैयार किया गया। तत्पश्चात् विधिवत् गड्ढा खोदकर मृत हाथी के शव का कफन-दफन किया गया।

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