भिंड का RTO दफ्तर दलालों के हवाले: दोपहर तक कार्यालय नहीं पहुंचते बाबू, आरटीओ अफसर के चैम्बर पर जड़ा ताला

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भिंड15 मिनट पहले

आरटीओ कार्यालय पर दोपहर डेढ़ बजेक्षके बाद पहुंचते क्लर्क राजौरिया।

भिंड जिले का आरटीओ कार्यालय पिछले दिनों से दलालों के शिकंजे में है। यहां पदस्थ क्लर्क से लेकर आरटीओ अफसर के इर्द-गिर्द दलालों का बोल वाला है। हालत यह है आरटीओ ऑफिस में क्लर्क दोपहर के पश्चात पहुंच रहे हैं। वहीं जिले की आरटीओ अफसर स्वाति पाठक भी बाहर है। ऐसे हालात में परिवहन संबंधी कार्यों से आने वाले आवेदकों को मजबूरन में दलालों की शरण में जाना पड़ रहा है।

हम बात कर रहे हैं भिंड की जिला आरटीओ कार्यालय की। इस कार्यालय का रवैया पिछले कुछ सालों से बिगड़ा हुआ है। इस कार्यालय में आवेदकों से ज्यादा दलाल घूमते नजर आएंगे। परिवहन संबंधी कार्य जैसे लाइसेंस बनवाना हो। नये पुराने वाहन का पंजीयन कराना हो। वाहन का स्थानांतरण कराना हो अथवा फिटनेस संबंधी कार्य हो। हर एक कार्य का उचित मूल्य दलालों को देना होगा तभी आपका काम हो पाएगा। भिंड आरटीओ कार्यालय में पदस्थ बाबूओं ने अपने चहेते दलालों को सक्रिय कर रखा है जिनके माध्यम से आने वाले कार्यों को भी वे करते नजर आते हैं। हालत यह है यहां पदस्थ बाबू कभी भी समय पर दफ्तर में उपस्थित नहीं होते हैं। यद्यपि दफ्तर में आ भी जाते हैं तो वह चहेते दलालों से घिरे रहते हैं। यहां आरटीओ कार्यालय में आने वाले आवेदकों को ये बाबू स्वयं दलालों से संपर्क करा देते हैं। बाबू के काम को बोझ को कम करने के एवरेज में यह दलाल अपना हिस्सा भी लेते हैं। इस कारण आवेदकों की जेब हल्बकी होती है।

आरटीओ चैम्बर पर ताला।

आरटीओ चैम्बर पर ताला।

दोपहर 1:30 बजे के बाद बाबू पहुंचते दफ्तर

आरटीओ कार्यालय की हकीकत जानने के लिए जब दैनिक भास्कर की टीम ने मौके पर जाकर देखा तो यहां पर आरटीओ स्वाति पाठक के चैंबर का ताला डाला हुआ था। वहीं पर दलाल इर्द-गिर्द घूम रहे थे। इस दौरान सबसे खास बात यह देखने को मिली आरटीओ कार्यालय में पदस्थ क्लर्क हाकिम राजौरिया दोपहर डेढ़ बजे तक डॉक्टर से नदारद रहे। 1:32 बजे क्लर्क राजौरिया अपने दफ्तर पहुंचे। इस समय तो उनके दफ्तर में बाहरी लोग बैठे रहे जिनमें अधिकांश कटर थे। जब इस मामले में दैनिक भास्कर ने आरटीओ स्वाति पाठक से संपर्क करना चाहा तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। बताया जाता है कि आरटीओ पाठक पर भिंड के साथ दतिया जिले का प्रभार है इसलिए वो दतिया गई हुई हैं।

इस पूरे मामले में आरटीओ कार्यालय में पदस्थ क्लर्क राजौरिया से बातच की तो उनका कहना था मैं ग्वालियर से अप डाउन करता हूं। ट्रेन लेट होने की वजह से देरी से आ पाता हूं।

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