कोर्ट ने सुनाया फैसला: जमानत पाने के लिए फर्जी भू-अधिकार ऋण पुस्तिका देने पर आरोपी को 4 साल की जेल

[ad_1]

सागर44 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
न्यायालय में जमानत के लिए फर्जी भू-अधिकार ऋण पुस्तिका प्रस्तुत करने पर आरोपी को 4 साल की सजा और तीन हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया है। - Dainik Bhaskar

न्यायालय में जमानत के लिए फर्जी भू-अधिकार ऋण पुस्तिका प्रस्तुत करने पर आरोपी को 4 साल की सजा और तीन हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया है।

न्यायालय में जमानत के लिए फर्जी भू-अधिकार ऋण पुस्तिका प्रस्तुत करने पर आरोपी को 4 साल की सजा और तीन हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया है। मामले में पैरवी शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक राजेंद्र नामदेव ने की। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के न्यायालय में राज्य विरुद्ध विमल एवं अन्य के चल रहे मामले में जमानतदार जैसीनगर के घूघर गांव निवासी रामप्रसाद पाल पिता पुन्नीलाल पाल द्वारा भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका जमानत के लिए प्रस्तुत की गई। न्यायालय ने ऋण पुस्तिका की जांच तहसीलदार से कराई, जिसमें यह फर्जी पाई गई।

कोर्ट में फर्जी कूटरचित ऋण पुस्तिका जमानत के लिए प्रस्तुत करने के आरोप में रामप्रसाद पाल के विरुद्ध धारा 420 सहित अन्य धाराओं में गोपालगंज थाने में प्रकरण दर्ज किया गया। सुनवाई के दौरान यह पाया गया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के समक्ष मिथ्या दस्तावेज भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका प्रस्तुत की गई। कूटरचित दस्तावेज असली के रूप में उपयोग करने के आरोप में दोषी पाए जाने पर न्यायालय ने रामप्रसाद पाल को धारा 420 में तीन वर्ष के सश्रम कारावास और दो हजार रुपए अर्थदंड और धारा 471 में एक वर्ष की सजा व एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button