श्रीमद् भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव: भजनों पर झूमे श्रद्धालु, सीताराम दास महाराज ने सुनाई भगवान की लीलाएं

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टीकमगढ़8 घंटे पहले

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जिले के नगर परिषद कारी के खंदिया आश्रम में श्रीमद् भागवत कथा पुराण का आयोजन चल रहा है। संगीतमय भागवत कथा में सोमवार को धजरई हनुमान मंदिर के महंत सीताराम दास महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव की कथा सुनाई। इस दौरान पंडाल में बैठे श्रद्धालु भावविभोर हो गए।

कथा में चौथे दिन महाराज ने कहा कि कंस जब अपनी बहन देवकी को शादी के बाद विदा कर रहा था। तब आकाशवाणी हुई कि जिस बहन को तुम विदा कर रहे हो, उसकी आठवीं संतान तुम्हारा काल बनेगी। तब कंस ने अपनी बहन देवकी और वासुदेव को कारागार में डाल दिया। इसके बाद उनके एक-एककर 7 पुत्रों को मार डाला। आठवें पुत्र के रूप में भगवान श्री नारायण कृष्ण के रूप में प्रकट हुए। भगवान की माया से जब श्रीकृष्ण प्रकट हुए तो जेल के सभी ताले खुल गए। वासुदेव की हथकड़ी छूट गई और उन्हें आकाशवाणी हुई कि आप उसको लेकर नंद गांव जाकर नंद बाबा के यहां छोड़ आएं। जैसे ही सुबह हुई तो कंस कारागार पहुंचा। देखा कि आठवीं पुत्री हुई है। इस दौरान कंस उसको मारने पहुंचा, तो देवकी ने समझाया। लेकिन कंस ने देवकी की एक ना सुनी और जैसे उसको पकड़ने की कोशिश की तो मायारुपी कन्या हाथ से छूट गई। उसने कहा कि आप को मारने वाला इस दुनिया में आ गया है। यह सुनकर कंस बौखला गया।

बधाई गीतों पर झूम उठे श्रद्धालु

भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के अवसर पर महंत सीताराम दास महाराज ने एक से बढ़कर एक बधाई गीत गाए। भगवान के जन्म के गीतों पर कथा पंडाल में बैठे श्रद्धालु भावविभोर होकर झूम उठे। महाराज ने भगवान की लीलाओं का वर्णन किया। कथा के दौरान लक्ष्मण जी मंदिर के महंत मोनी महाराज, गुलाब देवी, डॉ. रामनाथ पांडे, शशि प्रभा, राजकुमार पांडे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल रहे।

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