मजदूरों की गुहार, मजदूरी दो सरकार: दो साल से नहीं मिली मनरेगा की मजदूरी, बोले- अधिकारी, सरपंच और सचिव करते है गाली-गलौच

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बैतूल6 घंटे पहले
रोजगार गारंटी के काम में मजदूरी करने वाले मजदूरों को दो-दो साल से मजदूरी भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसका उदाहरण मंगलवार को भीमपुर से बैतूल पहुंचे मजदूरों को देखकर मिला। जिला पंचायत से कलेक्ट्रेट भटकते मजदूर अपनी मेहनत की कमाई का हिस्सा मांग रहे थे। सब इंजीनियर से लेकर सरपंच और रोजगार सहायक तक उन्हें दुत्कार कर भगा रहे है।
भीमपुर के डढारी से बैतूल पहुंचे दर्जन भर मजदूर आज दिन भर कलेक्ट्रेट के आसपास भटकते रहे। उन्हें उपयंत्री पाटकर ने मिलने का भरोसा दिया था, लेकिन शाम तक वह मजदूरों से मिलने नहीं पहुंचा। मजदूरों के मुताबिक उन्होंने 10 अगस्त 2020 से 11 सितम्बर 2020 तक मनरेगा के तहत बनने वाले भजियाम नाला चेक डैम के निर्माण में काम किया था। जिसमें 41 मजदूरों को एक माह की मजदूरी का फूटी कौड़ी भी भुगतान नहीं किया।
इस निर्माण में उनके सभी मजदूरों की मजदूरी 1 लाख 93 हजार 630 रु होती है। जिसका भुगतान नहीं किया गया। इसकी शिकायत उन्होंने जिला पंचायत में की थी। जिसके बाद उन्हें आश्वासन दिया कि मजदूरी के कार्य की जांच कर उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा। लेकिन जांच के एक माह बाद भी उन्हें मजदूरी नहीं दी गई।
यही नहीं ग्रेवल रोड रपटा निर्माण की राशि की मजदूरी 1 लाख 60 हजार में से भी 14 मजदूरों के 20 हजार का भुगतान नहीं किया गया। सरपंच सचिव और रोजगार सहायक मजदूरी मांगने पर उनके साथ मारपीट और गाली गलौच करते है। मजदूरों ने कलेक्टर से उनकी मेहनत की मजदूरी दिलाने की मांग की है।
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