TV पर जैसा देखा, उससे भी विशाल है महाकाल लोक: 15000 भक्त निहारने पहुंचे, बोले- अद्भुत नजारा, एक बार जरूर आएं

[ad_1]
पराग नातू (उज्जैन )एक मिनट पहले
महाकाल लोक बहुत ही सुंदर और अद्भुत है। यहां शिव के हर रूप के दर्शन हो रहे हैं। युवा पीढ़ी के लिए सीखने और समझने को यहां बहुत कुछ है। यहां आकर बहुत एक्साइटेड हूं। मंगलवार को लाइव लोकार्पण देखा और आज यहां पर मैं हूं। एक से डेढ़ घंटे घूमने के बाद भी ऐसा फील हो रहा है, जैसे कुछ देख ही नहीं पाई हूं। एक-एक चीज को देखने और समझने के लिए बहुत समय चाहिए। महाकाल लोक को देखने के बाद यह कहना था गुड़गांव से आईं ऋतिका शर्मा का।
मंगलवार शाम महाकाल का आंगन दीपों और फूलों से सजा। भव्यता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक को भक्तों को समर्पित किया। बुधवार सुबह उज्जैन स्मार्ट सिटी ने इसे महाकाल प्रबंधन समिति के सुपुर्द कर दिया। महाकाल लोक की भव्यता को आम भक्त सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक निहार सकेंगे। हालांकि यह व्यवस्था अभी स्थाई नहीं है। पहले ही दिन, दिल्ली, राजस्थान समेत देशभर से 15 हजार से ज्यादा लाेग महाकाल लोक को निहारने पहुंचे।

अगले 7 दिनाें तक महाकाल लोक के द्वार सभी के लिए खुले हैं। इसके बाद व्यवस्थाओं में बदलाव होंगे। ई-रिक्शा की सुविधा भी अभी भक्तों के लिए शुरू नहीं हुई है। टेंडर जारी होने के बाद ई-रिक्शा दौड़ सकेंगे। टिकट को लेकर भी फिलहाल कोई जानकारी सामने नहीं आई है। दिन बाहरी और शाम को लोकल भक्तों की संख्या ज्यादा रही। इस लोक को निहारने के बाद सबने एक ही बात कही- अद्भुत, अविस्मरणीय और अपार खुशी।
अब जानिए, पहले दिन आए भक्तों के दिल की बात…
उदयपुर, राजस्थान से आए अजय कुमार यादव ने इसे अद्भुत बताया। कहा- यहां मुझे भव्य कॉरिडोर देखने को मिला है। विशाल प्रतिमाएं अपनी गाथा खुद कह रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को जब इसका लोकार्पण कर रहे थे, तब मैंने टीवी पर इसकी भव्यता को देखा। 8 ज्योतिर्लिंग के दर्शन तो पहले कर चुका था। महाकाल के दर्शन की लालसा लेकर उज्जैन पहुंचा। बाबा के दर्शन के बाद महाकाल लोक को देखा। कॉरिडोर में भव्य प्रतिमाएं हैं, अद्भुत दृश्य है। यहां सुकून और शांति दोनों है। एक बार सभी को यहां जरूर आना चाहिए।

जिसने देख लिया, उसका जीवन सफल: रमेश कुमार
गुना, मप्र से आए रमेश कुमार महाजन से हम कुछ पूछते, इससे पहले ही वे बोले- जीवन में पहली बार इतनी भव्यता देख रहा हूं। यहां का दृश्य अद्भुत और सबसे हटकर है। जिसने यह देख लिया, उसका जीवन सफल हो जाएगा। छिंदवाड़ा से आए दिबंगर खावसे के चेहरे पर भी मुस्कान थी। बोले- जो सोचा नहीं था, वह सामने देख रहा हूं। तीन से चार घंटे घूमने के बाद भी जी नहीं भरा।
काशी कॉरिडोर जैसा दृश्य को आंखों से देखा: मनीष
रतलाम से परिवार के साथ आए मनीष और खुशी ग्वाला बोलीं- बच्चों को संस्कृति और शिव के बारे में जानने का मौका मिलेगा। 12 साल में पहली बार यहां आए हैं। सुना था काशी में ऐसा कॉरिडोर है, पर आज अपनी आंखों से उस दृश्य को देख रहे हैं। काशी तो हम जा नहीं सकते, पर यहां तो आ सकते हैं। शिव के बारे में हम जो नहीं जानते, वह सब कुछ यहां मौजूद है।





यह भी पढ़िए…
शिप्रा के तट पर भावुक हुए पीएम मोदी

PM मोदी ने ‘महाकाल लोक’ के लोकार्पण पर 29 मिनट भाषण दिया। हर-हर महादेव से शुरू और हर-हर महादेव से खत्म हुआ। ‘महाकाल लोक’ के लोकार्पण के बाद भाषण में उनका अलग अंदाज नजर आया। उन्होंने अध्यात्म से लेकर, दर्शन और इतिहास से लेकर भूगोल तक की बातें की। महाकाल की महिमा और उज्जैन के ऐतिहासिक महत्व को बताया। शिप्रा के तट पर मोदी भावुक भी हो गए। पीएम मोदी ने अपने भाषण में महाकाल शब्द का 47 बार जिक्र किया। पूरी, खबर पढें…
गायक कैलाश खेर संग मंच पर थिरके सीएम शिवराज

सूफी गायक पद्मश्री कैलाश खेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष महाकाल के स्तुतिगान (एंथम) जयश्री महाकाल… सुनाते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की। इस भक्ति गीत को कैलाश ने खुद ही रचा और कम्पोज किया है। इसमें महाकाल और उज्जयिनी का विस्तार से वर्णन है। महाकाल को समर्पित यह पहला आधिकारिक गान है। मोदी के जाने बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रस्तुति के बीच में मंच पर पहुंचे तो कैलाश के संग वह भी शिव भजनों पर भक्ति रस में झूम उठे। पूरी, खबर पढ़ें…
PM मोदी बोले- ऐसे कैसे हो सकता है कि महाकाल बुलाएं और ये बेटा न आए

जय महाकाल.. ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात जब उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया, तो चारों ओर इसी जयघोष की गूंज सुनाई दी। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रक्षा सूत्र (कलावा) बनाए गए 15 फीट ऊंचे शिवलिंग की प्रतिकृति से मोदी ने रिमोट से जैसे अनावरण किया, अध्यात्म का यह नया आंगन आज से सभी के लिए खुल गया। पूरी, खबर पढ़ें…
Source link