मानसून 2002 की विदाई; इस बार ऐसा रहा ट्रेंड: जुलाई-अगस्त में 11 साल में दूसरी और सितंबर में तीसरी बार 13 इंच ज्यादा बारिश

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इंदौर20 मिनट पहले

सितंबर के आखरी सप्ताह में इंदौर और आसपास के इलाकों में मौसम तेजी से बदला है। बीते दिनों में दिन के तापमान में इजाफा हो रहा है, जबकि रात के तापमान में गिरावट आई है। पिछले चार-पांच दिनों से मौसम खुला है। अभी कोई नया सिस्टम नहीं बनने से अब दशहरा तक मौसम पूरी तरह साफ रहेगा।

इधर मौसम विभाग ने शुक्रवार 30 सितम्बर को मानसून के विदा होने की घोषणा कर दी है। मौसम वैज्ञानिक अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि इस बार मानसून सीजन में जून, जुलाई, अगस्त और सितम्बर में बारिश का अलग ही ट्रेंड रहा है। पिछले 11 सालों के आंकड़ों पर नजर डाले तो जुलाई-अगस्त में 36.5 इंच की औसत बारिश के मुकाबले दो-दो बार 13 इंच से ज्यादा बारिश हुई। जबकि सितंबर में तीन बार 13 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। इस बारिश में कुल 48 इंच से ज्यादा बारिश हुई है।

मौसम विभाग के अनुसार जून माह में इस बार 4 इंच से ज्यादा बारिश हुई है, जबकि पिछले साल 3 इंच बारिश हुई थी। चूंकि इस माह में मानसून का आगाज होता है, इसलिए जून में किसी भी साल कोई ट्रेंड नहीं बना। 11 वर्षों में जून में सबसे कम 2012 में डेढ़ इंच से भी कम बारिश हुई थी। जबकि वर्ष 2013 में अधिकतम 13 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इन बीते सालों में बारिश का हमेशा अलग-अलग रुख रहा है। यह स्थिति मानसून के आगाज पर भी निर्भर रही है।

जून में हुई बारिश

वर्ष कुल बारिश

2012 33.8 मिमी 2013 341.7 मिमी 2014 6.0 मिमी 2015 234.6 मिमी 2016 106.4 मिमी 2017 219.2 मिमी 2018 140.0 मिमी 2019 101.6 मिमी 2020 125.6 मिमी 2021 75.9 मिमी 2022 115.8 मिमी

इस बार सावन ने खासा किया तर
सामान्यतः जुलाई माह के पहले ही मालवा-निमाड़ में दक्षिण-पश्चिम मानसून का आगमन हो जाता है। इस माह की औसत बारिश 269.2 मिमी है। इस माह मानसून में व्यवधान की वजह से तापमान बढ़ता है तथा वातावरण उमसभरा होता है। इस बार सावन के इस शुरुआती माह में 359.8 इंच बारिश हुई है जो औसतन से ज्यादा है। वैसे 11 वर्ष में यह पांचवां मौका है जब 14 इंच से ज्यादा बारिश हुई है।

जुलाई में हुई बारिश

वर्ष कुल

2012 388.4 मिमी
2013 565.6 मिमी
2014 391.2 मिमी
2015 560.4 मिमी
2016 382.3 मिमी
2017 247.9 मिमी
2018 239.7 मिमी
2019 352.4 मिमी
2020 191.1 मिमी
2021 175.2 मिमी
2022 359.8 मिमी

सावन-भादौ ने डराया, पिकनिक स्पॉट्स पर लगा दिया था प्रतिबंध

अगस्त की औसत बारिश 272.7 मिमी है जबकि इस बार इस माह 432.8 मिमी बारिश हुई है जो काफी ज्यादा है। 11 वर्षों में यह तीसरा मौका है जब 13 इंच से ज्यादा बारिश हुई है। खास बात यह इस माह के दूसरे हफ्ते ने बारिश ने जोर पकड़ लिया था। इंदौर के अलावा अन्य शहरों में भी भारी बारिश हुई। इंदौर में भी मौसम विभाग के भारी वर्षा के अनुमान पर जिला प्रशासन ने तो पर्यटन स्थलों पर 31 अगस्त तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। नतीजन इस बार लोग पर्यटन स्थलों का लुत्फ नहीं ले सके। हालांकि राहत वाली बात यह कि इस बार इन पर्यटन स्थलों पर किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
अगस्त 2022
वर्ष कुल

2012 184.3 मिमी

2013 329.5 मिमी 2014 193.3 मिमी 2015 285.5 मिमी 2016 311.5 मिमी 2017 220.1 मिमी 2018 249.0 मिमी 2019 323.9 मिमी 2020 602.2 मिमी 2021 155.2 मिमी 2022 432.8 मिमी

सितंबर में तीसरी बार 13 इंच से ज्यादा बारिश

सितम्बर में इस बार इंदौर में अच्छी बारिश हुई है। इस बार गणेशोत्सव व नवरात्रि पर बारिश को लेकर संशय था। इस दौरान गणेशोत्सव के पहले दिन और बाद में अच्छी बारिश हुई जबकि नवरात्रि से मौसम साफ है। वैसे सितंबर में बीते 11 सालों में यह तीसरा मौका है जब 13 इंच से ज्यादा बारिश हुई है। इस पूर्व 2019 में 14 इंच बारिश हुई थी
सितम्बर में हुई बारिश

वर्ष कुल

2012 283.6 इंच 2013 121.0 इंच 2014 210.1 इंच 2015 26.8 इंच 2016 77.7 इंच 2017 154.9 इंच 2018 144.3 इंच 2019 483.3 इंच 2020 284.9 इंच 2021 482.0 इंच 2022 432.8 इंच

इस तरह इंदौर में इस बार 30 सितम्बर तक 1221.5 मिमी (48.07 इंच) बारिश हुई है। अभी किसी तरह का कोई सिस्टम नहीं बना है। जिससे मौसम साफ है। राजस्थान में भी चक्रवात का लो प्रेशर खत्म हो चुका है। इसके चलते अभी बारिश की संभावना नहीं है। 30 सितम्बर तक की बारिश मानसून सीजन में मानी जाती है, जबकि इसके बाद बारिश होती है तो व पोस्ट मानसून में दर्ज होगी।

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