स्कूलों और आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों और किशोर-किशोरियों के लिये राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस पर नि:शुल्क दवाई दी जायेगी, कलेक्टर ने बैठक लेकर अधिकारियों को दिये आवश्यक निर्देश

उज्जैन 05 सितम्बर। कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस की तैयारियों के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक लेकर निर्देश दिये कि स्कूलों और आंगनवाड़ी केन्द्रों में एक से 19 साल के बच्चों और किशोर-किशोरियों को कृमि नियंत्रण की नि:शुल्क दवा 13 सितम्बर को दी जायेगी। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उक्त अभियान के क्रियान्वयन में शत-प्रतिशत बच्चों को नि:शुल्क दवा दी जाये। कलेक्टर ने बच्चों के अभिभावकों से अपील की है कि कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के अन्तर्गत अपने बच्चों को कृमि नियंत्रण की दवाई अनिवार्य रूप से खिलवायें। कृमि से छुटकारा सेहतमंद भविष्य हमारा की युक्ति को चरितार्थ कर बच्चों को नि:शुल्क दवाई दी जाये।बैठक में जिला पंचायत सीईओ सुश्री अंकिता धाकरे, सीएमएचओ डॉ. संजय शर्मा, सिविल सर्जन डॉ.पीएन वर्मा, डीएचओ-1 डॉ. मंजूषा पिप्पल, डीआईओ डॉ. केसी परमार, डीपीएम सुश्री परविंदर बग्गा, संभागीय कॉर्डिनेटर श्री पुरषोत्तम परमार, एपीडिमियोलॉजिस्ट डॉ.अदित्य माथुर, सभी मेडिकल ऑफिसर, महिला एवं बाल विकास एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर द्वारा इस कार्यक्रम के ठीक प्रकार से क्रियान्वित करने के लिए निर्देश प्रदान किये। कार्यक्रम का आयोजन सभी शासकीय शालाओं में अशासकीय शालाओं में सभी मदरसों में 13 सितंबर को किया जाएगा। मॉपअप राउंड 16 सितंबर को आयोजित होगा

उल्लेखनीय है कि कृमि संक्रमण के चक्र अनुसार संक्रमित बच्चे की शौच में कृमि के अंडे होते हैं। खुले में शौच करने से ये अंडे मिट्टी में मिल जाते हैं और विकसित होते हैं। संक्रमित बच्चों में कृमि के अंडे व लार्वा रहते हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य को हानि पहुंचाते हैं। बच्चों के नंगे पैर चलने से, गन्दे हाथों से खाना खाने से या फिर बिना ढंका भोजन करने से लार्वा के सम्पर्क में आने से बच्चे संक्रमित हो जाते हैं। कृमि संक्रमण का उपचार हेतु साल में दो बार कृमि मुक्ति की दवाई खायें और कुछ स्वस्थ तरीके अपनायें।