Chhattisgarh

हरे बांस काट रहे,बेच भी रहे हैं,अमला जानकर भी बेखबर, बीटगार्ड अब सक्रिय नहीं

कोरबा,2 सितम्बर। कटघोरा वन मंडल एक बार फिर बांस की अवैध कटाई के मामले में सुर्खियां बटोर रहा है। कुछ साल पहले जिस बीट गार्ड ने बड़ी दिलेरी दिखाते हुए अपने रेंजर को बांस कटाई के मामले में आरोपी बनाया, उसी बीट गार्ड के कार्यक्षेत्र से हरे-हरे बांस काट कर बेचे जा रहे हैं। प्रतिबंध अवधि में बांस की कटाई से बीट गार्ड और वन महकमा आश्चर्यजनक तरीके से अनजान है। उस बार की तरह इस बार भी बताया जा रहा है कि ट्री गार्ड के लिए टेढ़े-मेढ़े और गिरे हुए बांसों को लिया जा रहा है जबकि कटाई तो प्रतिबंध अवधि में होना ही नहीं चाहिए।

लीपापोती की तैयारी शुरू कर दी गई है और वन अमला एक बार फिर सवालों के घेरे में है।कटघोरा वन मंडल के कटघोरा वन परिक्षेत्र अंतर्गत बांकीमोगरा निस्तार डिपो का यह मामला है जिसके पीछे बांस का जंगल है। यहां छोटे, मझोले और बड़े हरे-भरे बांस को कुल्हाड़ी से काटा जा रहा है। बांस कटाई की नियमावली के अनुसार 1 जुलाई से 15 अक्टूबर तक बांस की कटाई पर पूर्ण प्रतिबंध होता है। यह समय सीमा खत्म होने में अभी वक्त है लेकिन मनमानी करने वालों के लिए नियम की कोई पाबंदी नहीं होती। यहां बांस को काटकर बेचने की भी बातें सामने आई हैं। 25 रुपये प्रति नग में बांस बेचा गया है/बेचा जा रहा है। एक तरह से बांस की अवैध कटाई, चोरी और तस्करी हो रही है। यह सब उस बीटगार्ड के क्षेत्र में हो रहा है जिसके कर्तव्यनिष्ठा के कसीदे पूर्व में गढ़े जा रहे थे। बताया जा रहा है कि निस्तार डिपो के जंगल से काटे गए बांस स्थानीय स्तर पर कुछ व्यवसायियों को घेराबंदी करने के लिए भी उपलब्ध कराए गए/बेचे गए।

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