…तो महाकाल का जलाभिषेक नहीं कर सकेंगे मोदी: गर्भगृह में सिर्फ पूजा ही कर पाएंगे, जानिए वजह

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आनंद निगम। उज्जैन16 मिनट पहले
11 अक्टूबर को उज्जैन आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल मंदिर में जल नहीं चढ़ा सकेंगे। PM गर्भगृह में रहकर सिर्फ सूखी पूजा कर सकेंगे। उज्जैन प्रशासन ने संध्या आरती में PM के शामिल होने की जानकारी महाकाल मंदिर समिति को दी है। हालांकि, उज्जैन प्रशासन के पास PM का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम भी नहीं पहुंचा है।
पहले जान लेते हैं उज्जैन में प्रधानमंत्री का पूरा कार्यक्रम…
महाकाल मंदिर में नवनिर्मित ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन आएंगे। प्रशासन के पास आए प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार, PM शाम 5.30 बजे उज्जैन पहुंचेंगे। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री के महाकाल मंदिर पहुंचने का समय संध्या का है। प्रधानमंत्री शंख द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे। दर्शन-पूजन के बाद शंख द्वार से बाहर आकर नंदी द्वार पहुंचकर श्री महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद PM क्षिप्रा तट कार्तिक मेला ग्राउंड सभास्थल पर पहुंचेंगे।
प्रधानमंत्री बनने के नरेंद्र मोदी पहली बार महाकाल आ रहे हैं। वे 700 करोड़ से ज्यादा के ‘महाकाल लोक’ को देश को समर्पित करेंगे। महाकाल मंदिर के वरिष्ठ पुजारी आनंद शंकर व्यास के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी 5वें प्रधानमंत्री होंगे, जो महाकाल दर्शन करेंगे। इसके पहले प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, मोरारजी देसाई, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी बाबा महाकाल के दर्शन कर चुके हैं।
अब जानिए, क्यों महाकाल का जलाभिषेक नहीं कर सकेंगे PM…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम को महाकाल मंदिर पहुंचेंगे। इस समय मंदिर में परंपरागत पूजन और भगवान का श्रृंगार किया जाता है। ऐसे में प्रधानमंत्री गर्भगृह में रहकर भी भगवान को जल अर्पित नहीं कर सकेंगे।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में परंपरागत पूजन, श्रृंगार और आरती के लिए गर्भगृह में शाम 5 बजे से भगवान महाकाल को जल चढ़ाना बंद हो जाता है। शाम 5.30 बजे तक शासकीय पुजारी संध्या पूजन करते हैं। इसके बाद भांग और सूखे मेवों से भगवान का श्रृंगार होता है। शाम 6.30 बजे से संध्या आरती की तैयारी शुरू हो जाती है।
मंगलवार शाम 6.30 बजे अश्विनी नक्षत्र होने से विशेष योग…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल लोक का लोकार्पण अमृत सिद्धि योग में करेंगे। 11 अक्टूबर मंगलवार की शाम 6.30 बजे अश्विनी नक्षत्र होने से विशेष योग बन रहा है। इसे विशेष फलदायी माना जाता है। इससे पहले PM मोदी ने UP में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण रेवती नक्षत्र में किया था। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन भी अभिजीत मुहूर्त में किया था। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान राम का जन्म इसी मुहूर्त में हुआ था। जानिए, प्रधानमंत्री ने मंगल ही क्यों चुना?

महाकाल लोक में मूर्तियां सुनाएंगी शिव महिमा…

उज्जैन में महाकाल लोक में आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान शिव की महिमा और उनकी कथाएं सुनने को मिलेंगी। भक्त इन्हें अपने मोबाइल पर ही सुन सकते हैं। ये कथाएं ऑडियो फॉर्मेट में होंगी। ‘उमा’ नाम का एप डाउनलोड करना होगा। इसके लिए म्यूरल और स्कल्प्चर पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से 2 दिन पहले तक इसकी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। इसके लिए ऑडियो फॉर्मेट भी तैयार हो चुका है। महाकाल लोक में 500 डिवाइस लगाई जा रही हैं।

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12 हजार घरों की गंदगी मोड़ तालाब जिंदा कर दिया

महाकाल प्रोजेक्ट के दौरान आठ महीने बाद उज्जैन में बदलाव की एक और बड़ी तस्वीर सामने आई है। यहां महाकाल पथ से सटा हुआ रुद्रसागर तालाब निखर उठा है। आठ महीने पहले तक यहां इतनी जलकुंभी थी कि पानी ढूंढना मुश्किल था। तालाब को साफ-सुथरा बनाने के लिए 40 लोगों ने डेढ़ महीने जलकुंभी हटाने के लिए दिन-रात एक कर दिए। 2016 के सिंहस्थ के बाद पहली बार इस तालाब पर फोकस किया गया। यहां क्लिक करें
यहां देश का पहला नाइट गार्डन; काशी विश्वनाथ से चार गुना बड़ा प्रोजेक्ट

मध्यप्रदेश में दो से बढ़कर 20 हेक्टेयर में विस्तार ले रहा ‘महाकाल लोक’ उत्तरप्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (5 हेक्टेयर) से चार गुना बड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को ‘महाकाल लोक’ के पहले चरण का लोकार्पण करेंगे। PM मोदी का महीनेभर के अंदर मध्यप्रदेश का यह दूसरा दौरा होगा। इससे पहले PM कूनो नेशनल पार्क आ चुके हैं।
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