समाजसेवी की अनूठी सेवा: हर नवरात्र पर मीनाबेन चावड़ा अपने हाथों से बुने कपड़े नवजातों को करती है दान

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बालाघाट30 मिनट पहले
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नवरात्र पर विगत कई वर्षों से समाजसेवी मीनाबेन चावड़ा जिला चिकित्सालय में जन्में नवजात बच्चों को कपड़ा दान करते चली आ रही है। इसी कड़ी में नवरात्र पर मीनाबेन चावड़ा ने महिला साथी अमृता चावड़ा, शशि तिवारी और निर्मला त्रिपाठी के साथ जिला चिकित्सालय के प्रसव वार्ड में जाकर नवजात बच्चे को स्वयं के हाथ से बुने कपड़े दान किए।
इस दौरान मीना बेन चावड़ा ने बताया कि नवरात्रि के पावन उत्सव में मां शक्ति की हम सभी आराधना उपासना भक्ति कर रहे हैं, इस कार्य के पीछे केवल इतना उद्देश्य है कि इस पावन पर्व पर इन नवजात बच्चों को माता को चुनरी की तरह कपड़े पहनाने आती हूं।

उन्होंने कहा कि आज हम शिक्षित होते हुए भी कहीं ना कहीं बेटे और बेटियों में फर्क समझते हैं। सदियों से हम मानते आ रहे हैं कि बेटी का जन्म होता है, तो घर में देवी स्वरूप बेटी ने जन्म लिया है और जब दुल्हन बनके ससुराल में आती है, तो हम मानते हैं कि हमारे घर में लक्ष्मी आई है, लेकिन आज समाज में इतने विकृति बढ़ गई है। नारी कोई भी स्वरूप में सुरक्षित नहीं है।
आज भी समाज में बेटी और बेटों में भेद किया जाता है। देखकर दुख होता है की एक मिट्टी की मूर्ति को हम कितनी पवित्रता से और भावना से पूजते हैं और उनसे ही सारा सुख पाने का वरदान मांगते हैं और वहीं जीती जागती नारी शक्ति के साथ भेदभाव किया जाता है, अत्याचार किया जाता है, मैं इन्हीं बालकों को शक्ति स्वरूप मानते हुए मां दुर्गा से प्रार्थना करती हूं कि इन बच्चों का भविष्य उज्जवल हो और देश की हर नारी सुरक्षित हो।
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