3 सालों में दूसरी बार हुआ ऐसा: तालाब बंधान का 50 फीट हिस्सा धराशायी, रिपेयरिंग के नाम पर रखी रेत से भरी बोरियां

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टीकमगढ़25 मिनट पहले

टीकमगढ़ शहर के ऐतिहासिक वृंदावन तालाब का बंधान एक बार फिर गिर गया। बीते 3 सालों में यह दूसरी घटना है। इसके पहले तालाब की बंधान का करीब 50 फीट हिस्सा धराशायी हो गया था। रिपेयरिंग के नाम पर रेत की बोरियां भरकर खानापूर्ति कर दी गई। अब दूसरी बार बंधान पर बनी दीवार गिरने का मामला सामने आया है।

दरअसल, शहर के ऐतिहासिक महेंद्र सागर और वृंदावन तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर जिला प्रशासन और नगर पालिका ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। 4 साल पहले ही वृंदावन तालाब की बंधान का चौड़ीकरण किया गया था। इसके बाद नगरपालिका ने दीवार बनाकर लोहे की रैलिंग लगाई थी। 3 साल पहले वृंदावन तालाब की बंधान का करीब 50 फीट हिस्सा गिर गया था। आनन-फानन में प्रशासन ने रेत की बोरियां भरकर रख दी थी, लेकिन 3 साल बाद भी बेहतर तरीके से रिपेयरिंग नहीं कराई गई। आज एक बार फिर बंधान का 70 फीट का धराशाई हो गया। गनीमत रही कि हादसे के दौरान वहां कोई मौजूद नहीं था। वरना बड़ा हादसा हो सकता था।

भारी वाहनों से हो रहे हादसे

यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए करीब 6 साल पहले वृंदावन तालाब से लेकर चकरा तिराहे तक प्रशासन ने सड़क का निर्माण कराया था। सड़क बनते ही इस रास्ते से बड़ी संख्या में हैवी वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है। हर दिन 70 से 80 बड़े ट्रक इस रोड से निकलते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि तालाब की बंधान का निर्माण राजशाही दौर में कराया गया था। इसके बाद बंधान की रिपेयरिंग आज तक नहीं हुई। अब भारी वाहनों के आवागमन से हादसे हो रहे हैं।

पक्की नींव के बिना खड़ी कर दी दीवार

वृंदावन तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर नगर पालिका ने करोड़ों रुपए खर्च किए, लेकिन घटिया निर्माण के चलते एक के बाद एक दुर्घटनाएं हो रही हैं। 3 साल में दूसरी बार बंधान पर बनी दीवार धराशायी हुई है। लोगों का कहना है कि पक्की नींव का निर्माण किए बगैर दीवार खड़ी कर दी गई। इसी वजह से हादसा हुआ है।

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