लोक अदालत: बिजली चोरी की बात नकारते रहे लोग, बोले- झूठा केस बनाया, चाहो तो जांच करा लो, 10% ने जमा की राशि

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सागर19 मिनट पहले
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नेशनल लोक अदालत में शनिवार काे समझाैते से प्रकरणाें का निराकरण कराया गया।
नेशनल लोक अदालत में शनिवार काे समझाैते से प्रकरणाें का निराकरण कराया गया। इस दाैरान लंबित मामलों में सुलह करने पहुंचे लाेगाें ने खुद काे निर्दाेष बताते हुए कई तर्क दिए। बिजली चाेरी के मामलाें में भी यही हुआ। ज्यादातर लाेग यही कहते रहे कि उन्हाेंने बिजली चाेरी नहीं की, झूठे केस बनाए गए हैं। चाहाे ताे आप जांच करा लाे।
शहर के 544 बिजली चाेरी/ अनियमितता के केस लाेक अदालत में रखे गए थे। इनमें 2016 से अभी तक के केस शामिल हैं। जुर्माने की राशि में 30 फीसदी की छूट दी गई। जिलेभर में 46 खंडपीठ में केस सुने गए। कुल 2630 प्रकरण का निराकरण हुआ। वहीं 9 कराेड़ 97 लाख 32 हजार 769 रुपए के अवार्ड पारित किए गए।
जमीन मेरी नहीं फिर भी चाेरी का केस बना दिया
केस-1 : राहतगढ़ के शिकारपुर के सुरेश चरण सिंह लाेक अदालत में पहुंचे। उन पर बिजली चाेरी का केस बनाकर 11960 रुपए जुर्माना वसूलने के लिए नाेटिस जारी हुआ था। उन्हाेंने बताया कि न खेती की जमीन मेरी है और न ही मैं माैके पर माैजूद था, लेकिन बिजली चाेरी का केस बन गया। किसी ने मेरा नाम लिखवा दिया था। मेरे अलावा पप्पू किशन का नाम भी नाेटिस में लिखा है।
केस-2 : मैंने, बिजली चाेरी नहीं की, जांच करा लाे
गांधी चाैक निवासी मुकेश कुमार सेन ने बताया कि उनके पिता कड़ाेरीलाल के नाम पर बिजली कनेक्शन है। एक दिन टीम मेरे घर आई थी। मैं वहां नहीं था। काेई चेकिंग नहीं की और लाैट गई। इसके बाद मुझे 10 हजार 303 रुपए का बिल भेजा गया। कुल राशि 14290 थी। मैंने बिजली चाेरी नहीं की और न ही काेई और गड़बड़ी, चाहें ताे अधिकारी माैके पर जाकर जांच कर लें।
अपराध 396, बिजली 90, आपसी विवाद के 46 केस सुलझे
जिला मुख्यालय सागर एवं सभी तहसील न्यायालयों में लाेक अदालत का आयाेजन किया गया था। विशेष न्यायाधीश संजीव श्रीवास्तव ने इसका शुभारंभ किया। न्यायालय में लंबित प्रकरणों में से 1008 प्रकरण एवं प्री-लिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) के 1622 प्रकरण का निराकरण राजीनामा के आधार पर किया गया। मोटर दुर्घटना के 94 प्रकरण का निराकरण कर 3,01,84,500 रुपए के अवार्ड पारित किए गए। चैक बाउंस के 219 प्रकरणों के निराकरण में कुल राशि 4,85,01,518 रुपए का समझौता अवार्ड पारित किया गया।
आपराधिक प्रकृति के शमन योग्य 396 प्रकरण, विद्युत के 90 प्रकरण, पारिवारिक विवाद के 46 प्रकरण तथा दीवानी एवं अन्य प्रकृति के 37 प्रकरण का निराकरण किया गया। विभिन्न बैंकों के 79 प्री-लिटिगेशन प्रकरण, विद्युत विभाग के 382 प्री-लिटिगेशन प्रकरण, नगर निगम के 423 प्री-लिटिगेशन प्रकरण एवं अन्य 714 प्री-लिटिगेशन प्रकरण का निराकरण किया गया। कराें के रूप में 1,35,72,405 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ।
अधिभार में छूट का दिखा असर
निगम में पहली बार एक ही दिन में 63.64 लाख हुए जमा
नगर निगम में बकाया कर वसूली में शनिवार को रिकॉर्ड वसूली हुई। एक ही दिन में 63.64 लाख रुपए की राशि जमा हुई। दरअसल, शनिवार को नेशनल लोक अदालत थी। जिसमें निगम द्वारा अधिभार में 25 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक की छूट बकाया कर राशि के आधार पर दी गई थी। इसका भी असर रहा कि बड़ी संख्या में लोग कर जमा करने पहुंचे। निगमायुक्त चंद्रशेखर शुक्ला ने बताया कुल 63.64 लाख रुपए की राशि जमा हुई। यह पहली बार है जब निगम में एक दिन में इतनी ज्यादा कर राशि जमा हुई है।
इसके पूर्व पिछले साल लगी लोक अदालत में 15.30 लाख रुपए की कर राशि जमा हुई थी। इस हिसाब से देखा जाए तो इस बार चार गुना ज्यादा राशि जमा हुई है। छोटे-बड़े सभी तरह के बकायादार कर जमा करने पहुंचे। निगम द्वारा कुल 3.33 लाख रुपए की छूट अधिभार राशि में अलग-अलग लोगों को दी गई।
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