मैनिट में टाइगर का मूवमेंट: 8 नंबर हॉस्टल के पास किया गाय का शिकार, कैमरे में नहीं हुआ कैद

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भोपाल13 घंटे पहले

भोपाल के मैनिट (मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) में जिस जंगली जानवर का मूवमेंट दो दिन से है, वो टाइगर ही निकला। रात में टाइगर ने 8 नंबर हॉस्टल के पास एक गाय को अपना शिकार बनाया। हालांकि, वह ट्रैप कैमरों में नहीं दिखा। टाइगर के मूवमेंट से स्टूडेंट्स दहशत में हैं। वे अपने हॉस्टल में ही कैद होकर रह गए हैं। इधर, किसी को भी कैंपस में पैदल घूमने पर रोक लगी हुई है। पूरे कैंपस में गार्ड्स तैनात कर दिए गए हैं।

तेंदुआ या टाइगर? इस पर सोमवार रात से ही सस्पेंस बना हुआ था, क्योंकि जानवर ने जिन दो गायों को शिकार बनाने की कोशिश की थी, उनके शरीर पर पंजे के निशान छोटे थे। इस कारण तेंदुआ और टाइगर दोनों में से एक के होने की बात सामने आ रही थी, लेकिन मंगलवार रात में गाय का शिकार होने के बाद साफ हो गया कि मैनिट में मूवमेंट करने वाला जानवर टाइगर ही है।

DFO आलोक पाठक ने बताया कि कल रात को मैनिट में एक गाय का शिकार हुआ है। इसके साथ ही जो असमंजस बना हुआ था, वह भी समाप्त हो गया है। मैनिट में सब एडल्ट टाइगर की मौजूदगी ही है और उसी ने यह शिकार किया है।

सबसे पहले तीन स्टूडेंट ने देखा था
सोमवार रात 11 बजे तीन स्टूडेंट बाइक से हॉस्टल जा रहे थे, तभी उन्हें जानवर अपनी ओर आता दिखाई दिया। वे इतने डर गए कि वहीं बाइक छोड़कर भाग गए। उन्होंने इसकी जानकारी वार्डन और गार्ड को दी। उन्होंने जानवर के टाइगर होने की बात कही थी। वन विभाग को सूचना मिलने पर वाल्मी में पेट्रोलिंग कर रही टीम सर्चिंग के लिए मैनिट पहुंची। रातभर सर्चिंग की गई। पिंजरे और ट्रैप कैमरे भी लगाए गए थे।

अब तक 3 गायों पर अटैक
जानवर ने तीन दिन के भीतर तीन गायों पर अटैक किया है। रविवार और सोमवार की दो गायों को शिकार बनाने की कोशिश की थी। गायों के पीठ, पैर और गले पर पंजे के निशान मिले थे। मंगलवार की रात फिर एक गाय पर अटैक किया। टाइगर ने गाय के शरीर का कुछ हिस्सा खा भी लिया। चूंकि, शिकार के बाद टाइगर फिर उसे खाने आता है। इसलिए वन विभाग ने यहां पर पिंजरा और ट्रैप कैमरे लगाए हैं।

कैंपस में पैदल घूमने पर अभी भी रोक
टाइगर के मूवमेंट के बाद मैनिट प्रबंधन ने सर्कुलर जारी करके सभी स्टूडेंट्स को हिदायत दी कि वे अपने हॉस्टल में ही रहे। हॉस्टल के बाहर लठ लेकर गार्ड्स को तैनात किया गया है। रहवासी इलाके में भी गार्ड्स तैनात हैं। दूसरी ओर, कैंपस में पैदल घूमने पर रोक लगा दी गई है। कार या बाइक पर यदि दो लोग सवार है तो ही उन्हें जाने दिया जा रहा है। बाहरी लोगों के आने-जाने पर रोक लगी हुई है।

टाइगर या तेंदुए को लेकर इसलिए बना था सस्पेंस
रविवार-सोमवार रात दो गायों की पीठ, गले और पैरों पर हमला किया था। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। पंजों के निशान को देखते हुए वन विभाग टाइगर या फिर तेंदुए के हमले की आशंका जता रहा है। टाइगर के शावक होने की बात भी वन विभाग ने कही थी। मंगलवार रात के शिकार के बाद स्पष्ट हो गया कि जानवर टाइगर ही है, जिसकी उम्र कम है।

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28 सितंबर को वाल्मी पहाड़ी पर एक बार फिर बाघ का मूवमेंट देखने को मिला था। रात 8 बजे टाइगर पहले वाल्मी गेट पर कुछ देर बैठा रहा। फिर पहाड़ी पर वॉक करने लगा। देर तक उसकी वॉक जारी रही। इससे आसपास के इलाकों में दशहत का माहौल बन गया था। एहतियातन यहां पुलिस पहुंची और लोगों की आवाजाही बंद कर दी थी। यह भी पढ़े

26 सितंबर को एक बाघ को कलियासोत डैम किनारे वाल्मी के पहाड़ी क्षेत्र में घूमते देखा गया था। जिसके बाद राहगीरों ने मोबाइल से उसका वीडियो बना लिया। वन विभाग के अफसरों का कहना है कि करीब 3 महीने से इलाके में टाइगर का मूवमेंट है। हालांकि, उसने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। ​​​​​​यह भी पढ़े

राजधानी भोपाल में एक बार फिर टाइगर का मूवमेंट सामने आया है। चरवाहों ने कलियासोत डैम के नजदीक वाल्मी की पहाड़ी पर बाघ देखा है। हालांकि, बारिश की वजह से बाघ के फुटप्रिंट नहीं मिले हैं। बाघ के मूवमेंट से वन विभाग बेखबर है। इधर, नगर वन में लगे ट्रैप कैमरों में बाघ कैप्चर नहीं हुआ है। न ही उसका मूवमेंट सामने आ रहा है। यह भी पढ़े

राजधानी भोपाल में एक बार फिर टाइगर का मूवमेंट दिखाई दिया है। कलियासोत के जंगल में मंगलवार रात नगर वन के पास बाघ दिखाई दिया। जिसे देखकर वहां से गुजर रहे कार सवार रोमांचित हो उठे। उन्होंने मोबाइल पर उसका वीडियो बना लिया। यह भी पढ़े

MP के रायसेन में टाइगर के दहाड़ते हुए सड़क पार करने VIDEO सामने आया है। टाइगर ने रोड क्रॉस करते हुए राहगीरों को गुस्सा दिखाया- मानो कह रहा हो, ठहर जाओ! यहां हमारा राज चलता है। उसे देख गुजर रहे लोगों ने भी अपनी गाड़ियां रोक शीशे बंद कर लिए। यह भी पढ़े

टाइगर-तेंदुए का इन दिनों भी दिखा मूवमेंट

  • 27 दिसंबर 2021 को रामपुरा बालाचौन गांव के एक कुएं में तेंदुआ गिर गया था। जिसे रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया था।
  • 29 दिसंबर 2021 को रसूलिया गांव से कुछ टाइगर ने घोड़े का शिकार किया था। इसके आसपास के जंगली क्षेत्र में टाइगर का मूवमेंट रहता है।
  • 25 दिसंबर 2021 को यूनिवर्सिटी के ठीक सामने स्वर्ण जयंती पार्क में तेंदुए का मूवमेंट देखने को मिला था। इसके बाद सर्चिंग की गई थी, लेकिन तेंदुआ पकड़ में नहीं आया था। तेंदुए की दहशत में करीब 20 दिन तक पार्क बंद रखा गया था।
  • 6 फरवरी 2022 की रात में भोज (मुक्त) यूनिवर्सिटी के कैंपस में टाइगर का मूवमेंट था। कुलपति जयंत सोनवलकर के बंगले के गेट पर लगे CCTV कैमरे में टाइगर कैद हुआ था।
  • अप्रैल 2022 में वाल्मी इलाके में दो बार टाइगर और तेंदुए का मूवमेंट हुआ था।
  • इसके बाद भोपाल में लगातार तेंदुए और टाइगर का मूवमेंट देखने को मिल रहा है।

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