गिरफ्तार: पहले बुलाया मनोहर डेयरी, बाद में मिलन रेस्टोरेंट में 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते बिजली विभाग का स्थापना प्रभारी रंगे हाथ गिरफ्तार

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  • First Called Manohar Dairy, Later In Milan Restaurant, The Establishment In charge Of Electricity Department Was Arrested Red Handed While Taking Bribe Of 40 Thousand Rupees.

भोपालएक घंटा पहले

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  • सिद्धार्थ जब मिलन रेस्टोरेंट पहुंचे तो उन्हें पिल्लई वहीं खड़े मिले

लोकायुक्त पुलिस ने कार्यालय कार्यपालन यंत्री विद्युत यांत्रिकी कोलार रोड के स्थापना प्रभारी को गुरुवार की सुबह मिलन रेस्टोरेंट में 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। स्थापना प्रभारी ने कार्यपालन यंत्री कार्यालय में ट्रेसर के पद पर पदस्थ रहीं महिला कर्मचारी के निधन के बाद उनके नामिनी को जीपीएफ एवं अन्य लाभ के भुगतान के बदले रिश्वत मांगी थी। स्थापना प्रभारी ने महिला कर्मचारी के बेटे को पहले मनोहर डेयरी बुलाया, लेकिन कुछ अंदेशा होने पर उन्हें मिलन रेस्टोरेंट आने को बोला था। लोकायुक्त पुलिस इस संबंध में कार्यपालन यंत्री से भी पूछताछ की है। लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक जवाहर चौक निवासी सिद्धार्थ सक्सेना ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक को 20 सितंबर को शिकायत की थी कि उसकी मां नीना सक्सेना कार्यालय कार्यपालन यंत्री विद्युत यांत्रिकी, कोलार रोड भोपाल में ट्रेसर के पद पर पदस्थ थी। उनका 18 जून को निधन हो गया था। नीना सक्सेना ने सर्विस रिकॉर्ड में सिद्धार्थ सक्सेना को नॉमिनी बनाया था। सिद्धार्थ ने अपनी मां के जीपीएफ और अन्य लाभों के भुगतान के लिए कार्यालय कार्यपालन यंत्री विद्युत यांत्रिकी कोलार रोड भोपाल में आवेदन किया था। कार्यालय में पदस्थ स्थापना प्रभारी जीके पिल्लई ने भुगतान के बदले में सिद्धार्थ से 40 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। सत्यापन में शिकायत की पुष्टि हुई थी। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने ट्रैप के लिए घेराबंदी की थी। लोकायुक्त इंस्पेक्टर मनोज पटवा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर उमा कुशवाह और इंस्पेक्टर विकास पटेल समेत दस सदस्यीय टीम ने जाल बिछाया था। पिल्लई ने गुरुवार की सुबह सिद्धार्थ को मनोहर डेयरी, एमपी नगर बुलाया था।

लेकिन बाद में उसने सिद्धार्थ को काॅल करके मिलन रेस्टोरेंट मिलने के लिए बुलाया था। सिद्धार्थ जब मिलन रेस्टोरेंट पहुंचे तो उन्हें पिल्लई वहीं खड़े मिले। इसके बाद दोनों मिलन रेस्टोरेंट की पहली मंजिल पर पहुंचे, जहां दोनों के बीच लगभग एक से दो मिनट बातचीत हुई। जब सिद्धार्थ ने पिल्लई को 40 हजार रुपए दिए वैसे ही वहां मौजूद टीम ने पिल्लई को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। उनके ऑफिस से कुछ दस्तावेज भी पुलिस ने जब्त किए हैं। बताया गया है कि कार्यपालन यंत्री मनोज मिश्रा से लोकायुक्त पुलिस ने भुगतान में देरी होने के संबंध में पूछताछ की गई है। मिश्रा का कहना था कि तकनीकी कमियों के कारण भुगतान में देरी हुई है, इसे ठीक कर जल्द ही सिद्धार्थ सक्सेना को जीपीएफ एवं अन्य लाभ का भुगतान किया जाएगा। लोकायुक्त पुलिस मनोज मिश्रा की भूमिका की भी जांच कर रही है।

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