बाल विवाह मुक्त भारत अभियान: बाल विवाह के खिलाफ चलाएंगे जागरूकता अभियान

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शिवपुरी33 मिनट पहले

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कितना दुखद है यह बताना कि तरक्की के पथ पर बढ़ते भारत में आज भी 100 में से 23 लड़कियों का विवाह 18 साल की उम्र पूरी करने से पहले हो जाता है। ऐसे में यदि हम अभी जागरूक नहीं हुए तो कई तरह की विषमताओं का सामना हमारी युवा हो रही पीढ़ी को भुगतना पड़ेगा। इसीलिए यह जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। यह बात बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने 16 अक्टूबर को आयोजित होने वाले ग्रह दीपोत्सव कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कही।

उन्होंने बताया कि सदियों से समाज में बाल विवाह नामक बुराई मौजूद है। कानून में इसे गंभीर सामुहिक अपराध माना गया है। यह बेहद दुखद बात है कि समाज इसे न बुराई मानता है, न अपराध, बल्कि इसे परंपरा और रिवाज का नाम दिया जाता है। बाल विवाह सामाजिक विकास की बड़ी बाधा है। यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास का बड़ा अवरोध है। इसे सामुदायिक सहयोग के बगैर नहीं मिटाया जा सकता। पूरे समाज को बाल विवाह नामक सामाजिक अपराध के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है।

इसलिए बाल विवाह मुक्त भारत बनाने सामाजिक सहयोग जरूरी है। जब तक पूरा समाज इसे बुराई और अपराध के रूप में नहीं देखेगा, इसे नहीं मिटाया जा सकता। बाल श्रम, बाल विवाह बाल हिंसा जैसे मुद्दों पर कार्यरत नोवल पुरस्कार प्राप्त सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी 16 अक्टूबर से बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ कर रहे है। उन्होंने देश के नागरिकों से अपील की है कि 16 अक्टूबर को शाम 5 बजे अपने आसपास किसी सार्वजनिक स्थल पर एकत्रित होकर एक दीपक या मोमबत्ती जलाकर बाल विवाह के खिलाफ एकजुटता का परिचय दें। बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने बताया कि जिले में बाल विवाह की समाप्ति के लिए हम प्रयत्नशील है।

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