बारिश ने बिगाड़ा किसानों का गणित: सोयाबीन और कपास की फसल को अधिक नुकसान, खेतों में अंकुरित होने लगा फसल, अब नहीं मिलेंगे उचित दाम

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ब्रजेश राठौर। खरगोन24 मिनट पहले
खरगोन जिले में पिछले दो दिनों से हो रही तेज बारिश ने किसानों का गणित बिगाड़ दिया है। बारिश के कारण सबसे अधिक नुकसान सोयाबीन की फसल को हुआ। क्योंकि जिले में करीब 70 से 80 प्रतिशत खेतों लगी सोयाबीन की फसल पूरी तरह पक गए गई।
जिन किसानों ने बताया कि बारिश का दौर ऐसे ही जारी रहा तो सोयाबीन खेतों में ही दोबारा अंकुरित हो जाएगी। क्योंकि अधिकांश खेतों में फसल पूरी तरह सूख चूकी है। खेतों में खड़ी सोयाबीन की फसल ज्यादा दिनों तक तेज बारिश की मार नहीं सह पाएगी।
बारिश के कारण सोयाबीन की फल्लियों में दाने अंकुरित हो जाएंगे। जिन किसानों की फसल कट चुकी है। उन खेतों में फल्लियों ने निकले सोयाबीन के दाने अंकुरित भी हो चुके है। दैनिक भास्कर ने बारिश से भीगे खेतों में पहुंचकर सोयाबीन और कपास की स्थिति जानी। जिसमें पता चला कि यदि जिले ऐसी ही बारिश जारी रही तो किसानों को बहुत आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। वहीं पानी से भीगने से कपास की फसल भी खराब हो रही है।
अच्छे उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन बारिश ने अरमानों पर फिरा पानी
बमनाला के किसान शैलेंद्र तंवर ने बताया कि छह एकड़ में सोयाबीन लगाई थी। इस वर्ष 50 क्विंटल सोयाबीन उत्पादन का अनुमान लगाया था। लेकिन पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के कारण खेतों में सोयाबीन अंकुरित होने लगी। ऐसी स्थिति में अब क्या मिलेगा। किसान शैलेंद्र ने शासन से उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है।
आधे भी नहीं मिलेंगे दाम
किसान अजय तंवर ने बताया कि तेज बारिश से सोयाबीन और कपास की फसल नुकसान हुआ है। बारिश प्रभावित हुए फसलों को बाजार में भी उचित दाम नहीं मिलेगा। ऐसे स्थित में सरकार और प्रशासन द्वारा प्रभावित खेतों में पटवारी से निरीक्षण करवाकर किसानों का उचित मुआवजा दिए जाए। क्योंकि बाजार में बारिश खराब हुई फसलों को आधे दाम भी नहीं मिलेंगे।

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