करीला में पहले दिन हुआ लोकोत्सव कार्यक्रम: परंपरागत राई नृत्य से की शुरूआत, शबरी की भक्ति के संवाद का हुआ मंचन

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अशोकनगरएक घंटा पहले

अशोकनगर जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर मां जानकी धाम करीला में पहली बार लोकोत्सव कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित एवं कन्या पूजन के साथ किया गया। 3 दिवसीय कार्यक्रम में पहले दिन पारंपरागत राई नृत्य से शुरूआत हुई। इसके बाद अलग-अलग कलाकारों ने प्रस्तुति दी। कार्यक्रम शाम 7 बजे से शुरू हुआ जो रात 10 बजे तक चलता रहा। मां जानकी धाम करीला में पहली बार संस्कृतिक विभाग के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन करवाया है। पूरे कार्यक्रम को सांसद केपी यादव एवं करीला ट्रस्ट अध्यक्ष महेंद्र सिंह यादव मॉनिटर कर रहे हैं।

कलाकारों ने दी प्रस्तुति

लोकोत्सव का जो तीन दिवसीय कार्यक्रम तय किया गया है उसी के हिसाब से पहले दिन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में माता शबरी और भगवान राम के संवाद का भी मंचन किया गया। पहली बार करीला में माता शबरी और राम की आकर्षक झांकी सजी । इसके बाद बबीता बाई एवं उनके साथी, खुरई द्वारा बधाई नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इसके बाद कृष्ण वर्मा की टीम द्वारा प्रस्तुति दी गई। उज्जैन द्वारा मटकी लोकनृत्य, रचना मिश्रा एवं साथी, भोपाल द्वारा शबरी-नृत्य नाटिका एवं मुस्कान चौरसिया एवं साथी, बालाघाट द्वारा देवी भजनों की प्रस्तुति दी।

बता दें, मां जानकी धाम करीला में रंगपंचमी पर 3 दिवसीय मेले का आयोजन होता है। मेले में मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश से भी श्रद्धालू आते हैं। इसके बाद प्रत्येक पूर्णिमा के दिन हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। हालांकि, हर दिन मां जानकी धाम में सैकड़ों लोग आते हैं। यहां मन्नत पूरी होने पर राई नृत्य कराई जाती है। यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है।

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