IIM क्लासमेट के साथ प्यार, शादी और धोखा: 7 साल रिलेशनशिप के बाद गूगल का मैनेजर बोला- मेरा जबरन पकड़ौआ बियाह कराया, लड़की ने कहा- मुझे धोखा दिया

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भोपालएक घंटा पहले

भोपाल के रहने वाले भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) के क्लासमेट्स के बीच प्यार, शादी और धोखे का मामला सामने आया है। लड़का गूगल कंपनी में सीनियर मैनेजर है। पहले दोनों 7 साल तक रिलेशनशिप में रहे। कोर्ट मैरिज भी कर ली। इसके बाद बेंगलुरू में दूसरी लड़की से शादी कर ली। यही नहीं, बाद में भोपाल की रहने वाली क्लासमेट से भी शादी कर ली। हाईप्रोफाइल मामले में लड़का और लड़की ने एक-दूसरे पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। लड़की ने बेंगलुरू के थाने, तो लड़के ने भोपाल के कमला नगर थाने में केस भी दर्ज कराया है। लड़के का कहना कि के पकड़ौआ बियाह की तर्ज पर जबरन शादी करा दी गई। पढ़िए, लव स्टोरी में धोखे की सिलसिलेवार कहानी…

पहले जानते हैं दोनों की मुलाकात कब और कैसे हुई

बात 2012 की है। भोपाल की रहने वाली लड़की IIM में पढ़ती थी। गोविंदपुरा का रहने वाला गणेश शंकर (34) पुत्र शंकर राजगोपालन भी इसी कॉलेज में था। दोनों ने साथ में MBA किया। कॉलेज के दौरान ही पहचान हुई। दोनों के बीच प्यार हो गया। रिलेशनशिप में रहने लगे। करीब 7 साल दोनों साथ रहे। शादी का वादा भी किया। शंकर राजगोपालन एसबीआई से रिटायर्ड हैं। मूल रूप से बेंगलुरू के रहने वाले हैं। वहां ब्राहम्ण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। गणेश शंकर की गूगल में बतौर मैनेजर जॉब लग गई। वहीं, गर्लफ्रेंड के परिवार वाले मूल रूप से गोरखपुर उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं। भोपाल में जॉब करते हैं। लड़की भी बेंगलुरू में प्राइवेट जॉब करती है। उसके पिता भारतीय दूर संचार लिमिटेड से रिटायर्ड अफसर हैं।

दोनों ने कर ली कोर्ट मैरिज

लड़की के भाई ने बताया कि 14 जुलाई 2021 को बेंगलुरू में दोनों ने कोर्ट मैरिज भी कर ली। इसका सर्टिफिकेट भी है। अब तक दोनों के ही माता-पिता को इस बारे में पता नहीं था। इधर, लड़की के परिवार वाले रिश्ता तलाशने लगे। लड़की ने भोपाल आकर परिवारवालों को शादी के बारे में बताया। परिवारवालों ने रिश्ता मानने से पहले तो इनकार कर दिया। कहा- समाज के सामने शादी नहीं हुई, इसलिए इसे नहीं मानते। हालांकि बाद में मान गए। लड़की के पिता ने गणेश के पिता शंकर राजगोपालन को संबंध के लिए फोन किया। शंकर राजगोपालन ने शादी को मानने से इनकार करते हुए बहस की। लड़की के पिता को ये बात अच्छी नहीं लगी।

फिर बॉयफ्रेंड ने दिया धोखा

लड़की के भाई के मुताबिक आखिरकार पिता शादी के लिए राजी हो गए। शादी की तारीख भी 25 जून 2022 तय हो गई। इधर, गणेश शंकर के मन में कुछ और ही चल रहा था। उसने 26 मार्च 2022 को बेंगलुरू में ही दूसरी लड़की से दक्षिण भारतीय रीति-रिवाज से शादी कर ली। इस बारे गर्लफ्रेंड को खबर तक नहीं लगने दी। बाद में 25 जून को भोपाल आकर गर्लफ्रेंड से भी धूमधाम से सात फेर ले लिए। फोटो भी खिंचवाए। शादी में आईआईएम में पढ़ने वाले दोस्त भी शामिल हुए। पार्टी भी हुई।

ऐसे खुला दूसरी शादी का राज

शादी के बाद गणेश अपनी पत्नी को बेंगलुरू नहीं ले गया। लड़की के भाई ने बताया कि सोशल मीडिया पर पहली शादी की फोटाे लड़की ने देख ली। गणेश शंकर से पूछताछ की, तो उसने ये कहते हुए मना कर दिया कि ऐसा कुछ नहीं है। फिर शक के आधार पर लड़की, उसके पिता और जीजा बेंगलुरू गए। वहां देखा, तो गणेश शंकर एक फ्लैट में उसी लड़की के साथ रह रहा था। लड़की ने काफी मिन्नतें भी कीं, लेकिन गणेश शंकर ने वहां से भगा दिया। फिर लड़की ने बेंगलुरू में ही थाने में केस दर्ज करा दिया।

फिर मैनेजर ने भी भोपाल में कर दी शिकायत

इसके बाद गणेश शंकर ने भी भोपाल के कमला नगर थाने में शिकायत कर दी। मैनेजर के दावे के अनुसार यह शादी बिहार के ‘पकड़ौआ बियाह’ के तर्ज पर हुई है।

FIR में कहा- जबरन करवाई शादी

मेरा नाम गणेश शंकर है। उम्र 34 साल। मैं मूलत: भोपाल के बी-22 कस्तूरबा नगर का रहने वाला हूं। वर्तमान में एनएस 204 श्रीराम सुरभि कनकपुरा रोड बेंगलुरू में रहता हूं। गूगल में मैनेजर हूं। काॅलेज (आईआईएम) में साथ पढ़ने वाली लड़की मुझसे शादी करना चाहती थी। मेरे मना करने पर उसने अपने पिता से जुलाई 2020 में मेरे घर फोन करवाया। लड़की के पिता ने बेटी का शादी का प्रस्ताव दिया। हमने मना कर दिया। इस पर उन्होंने देख लेने की धमकी दी। लड़की ने मुझ पर दबाव डाला कि मैं भोपाल आकर उसके परिवार वालों से मिलकर वापस बेंगलुरू जाऊं। उसके बाद वह फिर कभी संपर्क नहीं करेगी। सुजाता ने मुझसे कहा कि वह केवल परिवार वालों को दिखाने के लिए यह नाटक कर रही है।

दबाव में मैंने अपने माता पिता को कुछ नहीं बताया। 21 जून 2022 को मैं भोपाल आया। भाई व उसके जीजा ने एयरपोर्ट से साथ लिया। वह नेहरू नगर के एक फ्लैट में पहुंचे। दोनों ने फ्लैट में नजरबंद कर दिया। जब भी मैं बाहर जाने के लिये कहता, तो दोनों धमकाने लगते थे। दो बार पीटा भी। मुझे खाना जीजा या उसके साथी लाकर देते थे। खाने में कुछ ऐसी दवा मिला कर दी जाती थी कि मुझे नींद आती रहती थी। दहेज प्रताड़ना का झूठा केस लगाएंगे। मेरे माता पिता वृद्ध व कमजोर हैं। मैं नहीं चाहता था कि उन्हें परेशानी हो, इसलिए मजबूरी में मुझे फंक्शन में शामिल होना पड़ा। इस दौरान मैं बेहोश होकर दो तीन बार गिर गया। लड़की व उसके घर वालों ने मुझे पुनः होश में लाकर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दबाव डाला। बेहोशी में मुझे अस्पताल में भर्ती किया गया। जिसके कारण शादी की सभी विधियां अधूरी रह गईं। उन्होंने मुझे मेरे माता पिता से मिलने नहीं दिया।

मेरे बेहोश होने के पहले लड़की के परिजनों ने दोनों के फोटो खींच लिए। फोटोज के आधार पर ब्लैकमेल कर रहे हैं। दबाव बना रहे हैं कि मैं उसे पत्नी स्वीकार कर लूं। मना करने पर 50 लाख मांगे। ऐसा नहीं करने पर वे मुझे व परिवार को बदनाम कर देंगे। मुझे व मेरे माता पिता को झूठे केसों में उलझाकर जेल भिजवा देंगे।

लड़की के परिवार वालों ने कहा कि परिवार की पुलिस महकमे में जान पहचान है। उनके चाचा भी पुलिस डिपार्टमेंट में आईपीएस हैं। वे हमें जेल में डाल देंगे। हम कभी भी साथ में पति-पत्नी बनकर नहीं रहे हैं। लड़की के भाई, पिता व जीजा ने मुझे धमकी दी कि यदि मैंने 50 लाख रुपए नहीं दिए, तो सोशल मीडिया में मेरे व मेरे माता पिता के बारे में पोस्ट करेंगे।

(जैसा गणेश शंकर ने पुलिस को एफआईआर में बताया)

लड़की के पिता बोले- झूठे हैं सभी आरोप

लड़की के पिता ने बताया कि उनकी बेटी और गणेश ने जुलाई, 2021 में बेंगलुरु में शादी कर ली थी। उनकी शादी वहां के मैरिज रजिस्ट्रार ऑफिस में दर्ज है। उनके पास उसका सर्टिफिकेट भी है। गणेश ने मार्च 2022 में दूसरी शादी कर ली है, इसलिए वो ये सब कर रहा है। बेटी ने भोपाल कोर्ट में परिवाद दायर करने के साथ बेंगलुरु पुलिस में भी आवेदन दिया है।

जांच के बाद करेंगे कार्रवाई

मामले की जांच कर रहे एसआई संजय शुक्ला ने बताया कि पीड़ित युवक ने खुद को बेंगलुरू में गूगल का मैनेजर बताया है। युवती भी उसके साथ आईआईएम में पढ़ी है। वर्तमान में युवती जॉब कर रही है। अभी दूसरे पक्ष के बयान नहीं हो पाए हैं। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी

पकड़ौआ बियाह क्या होता है, क्यों होता है, कैसे होता है, कब से शुरू हुआ…

बिहार के गया जिले के रहने वाले प्रशांत सिंह बताते हैं पकड़ौआ बियाह में शादी योग्य लड़के का अपहरण करके उसकी जबरन शादी करवाई जाती है। इस टॉपिक पर बॉलीवुड में अगस्त 2019 में ‘जबरिया जोड़ी’ नाम से एक फिल्म रिलीज हो चुकी है। इसके अलावा कलर्स चैनल पर ‘भाग्यविधाता’ नाम से एक टीवी सीरियल भी प्रसारित हो चुका है। इन दोनों में ही काफी हद तक पकड़ौया बियाह की सच्चाई को दिखाने की कोशिश की गई है। इसकी शुरुआत कहां से हुई इसकी कोई पुख्ता जानकारी तो नहीं है, लेकिन माना जाता है कि दूल्हे को अगवा कर उसकी शादी रचाने का चलन बेगूसराय जिले से शुरू हुआ है। बेगूसराय से सटे पटना जिले के हिस्से मोकामा, पंडारख, बाढ़, बख्तियारपुर जैसे इलाके में एक समय इसका खूब चलन था। इसमें गांव या परिवार के दबंग लोग इलाके के किसी पढ़े-लिखे और धन-संपदा से संपन्न शादी योग्य युवक का अपहरण कर लेते हैं। इसके बाद जबरन उसकी शादी किसी लड़की से करा दी जाती है। विरोध करने पर युवक की पिटाई भी की जाती है। कई बार हथियार वगैरह दिखाकर युवक को डराया धमकाया भी जाता है। इतना ही नहीं, शादी कराने वाले दबंग दूल्हे और उसके परिजनों को इतना डरा धमका देते हैं कि वह मजबूरी वश जबरिया विवाह को स्वीकार कर लेते हैं। आमतौर पर दबंग पहला बच्चा होने तक दूल्हा और उसके परिजनों पर नजर रखते हैं।

अच्छी नौकरी लगने पर घर में लड़के को कैद रखना मजबूरी
प्रशांत सिंह बताते हैं कि 1970 से 1990 के दशक में किसी युवक की अगर अच्छी नौकरी लगती तो घर वाले सबसे पहले उसका घर से निकलना बंद कर दिया जाता था। नौकरी लगने वाली बात काफी गुप्त रखा जाता। नौकरीपेशा लड़के को अकेले घर से निकलने नहीं दिया जाता, डर होता कि कहीं उसका पकड़ौआ बियाह ना करा दिया जाए। 1970 के दशक में इस प्रकार की शादी का अधिक रिवाज था।

पकड़ौआ बियाह की बड़ी वजह
इस तरह के बियाह की शुरुआत की मुख्य वजह दहेज प्रथा को माना जाता है। लेकिन इसे बारीकी से समझेंगे तो पता चलता है कि यह बियाह की शुरुआत के पीछे कई और वजहें हैं। दरअसल, 70-80 के दशक में बिहार में शिक्षा और जागरुकता के अभाव में जन्मदर काफी अधिक रहा। इससे उन परिवारों ने भी ज्यादा बच्चे कर लिए जिनकी आर्थिक स्थित उतनी बेहतर नहीं थी। इसके साथ ही बिहार के समाज में उच्च जाति के लोगों में स्टेटस दिखाने का चलन शुरू हुआ। इस स्थिति पर अगर किसी परिवार में चार बेटियां हैं, लेकिन उसके पिता की इतनी हैसियत नहीं है वह अच्छा दहेज देकर अच्छे परिवार में उनकी शादी करा पाए। ऐसे में वह अपनी बेटी की शादी पढ़े-लिखे और धन-संपदा से योग्य दूल्हे से कराने के लिए पकड़ौआ बियाह जैसे विकल्प को तलाशते हैं।

दबंगों ने बना लिया धंधा
इस बियाह का चलन शुरू होने पर इलाके के दबंगों ने इसे धंधा बना लिया। अगर किसी पिता को पकड़ौआ बियाह के जरिए अपनी बेटी की शादी करानी है तो वह इन दबंगों के पास जाते हैं। लड़की के पिता और दबंग के बीच में डील होती है। डील के मुताबिक पकड़ौआ बियाह कराने और दुल्हन को उसके ससुराल में मान-सम्मान के साथ स्थापित करने के एवज में दबंग को फीस के तौर पर कुछ रकम दी जाती है। साथ ही दूल्हा डॉक्टर, इंजीनियर, बैंककर्मी, रेलवे आदि जिस भी विभाग में नौकरी कर रहा होगा उसके हिसाब से दबंग दुल्हन के पिता से रकम की डिमांड करते हैं। ऐसे में अगर कोई इंजीनियर दूल्हा 20 लाख रुपए नकद दहेज मांग रहा है तो दबंग दो लाख-दो लाख लेकर पकड़ौआ बियाह करा देते हैं। ऊपर से शादी के तामझाम का भी खर्च बचता है। इस तरह लड़की का पिता महज दो से ढाई लाख रुपए में अपने लिए इंजीनियर दूल्हा पा लेता है। शुरुआत में 5 से 10 हजार रुपए में लड़का उठाया जाता है, बाद में यह लाख-दो लाख रुपए तक पहुंच गया। बियाह में दूल्हे को अगवा कराने में उसके किसी परिवार या रिश्तेदार का ही रोल होता है। करीबी या रिश्तेदार दूल्हे के शहर से गांव आने की पूरी डिटेल जानकारी देता है।

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