आठ दिनी 1008 सिद्धचक्र मंडल विधान शुरू: घट यात्रा और ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ मंडल विधान

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बड़वानी30 मिनट पहले

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सिद्धक्षेत्र बावनगजा में मुनि संधान सागरजी के सान्निध्य में शनिवार से आठ दिनी 1008 सिद्धचक्र मंडल विधान शुरू हुआ। विधान के पहले दिन मंगलाचरण स्वरूप घट यात्रा व ध्वजारोहण हुआ। मुनिश्री ने श्रद्धालुओं को सिद्धी के लिए शुद्धि का महत्व बताया। मुनिश्री ने कहा चार बातें इस विधि के विधान को पलटकर सिद्धी में बदल सकती है। शुद्धि, विशुद्धि, अनुशासन और तन्मयता। किसी भी काम में शुद्धि का विशेष ध्यान रखें। शुद्धि केवल वस्त्रों की ही नहीं मन, वचन की शुद्धि पहले हो। वहीं शुद्धि, विशुद्धि को बढ़ा सकती है, जिसमें कषायों की हानि हो।

मुनिश्री ने कहा जैसे इस सिद्धचक्र मंडल विधान में एक-एक दिन अर्घ्यों की संख्या दुगनी होती जाती है, वैसे ही परिणामों की विशुद्धि भी प्रतिदिन दुगनी होनी चाहिए। समय पर आना, समय से छोड़ना, साथ ही कैसे बैठना, क्या चढ़ाना ये सब अनुशासन के अंतर्गत आता है। मुनिश्री ने कहा जैसी भक्ति कवि धनंजय ने की, सांप ने बेटे को डस लिया तो भी भक्ति से चलायमान नहीं हुआ। बस ऐसी ही भक्ति हम सबको इन 8 दिनों में करना है। तन्मयता, तल्लीनता ही हमारे कर्म क्षय का हेतु है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

मीडिया प्रभारी मनीष जैन ने बताया मुनिश्री 108 संधान सागरजी महाराज रविवार को हरसुख दिगंबर जैन हाईस्कूल में विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे। मुनिश्री राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर अहिंसा एवं गांधीजी विषय पर प्रवचन देंगे। मुनिश्री बावनगजा से सुबह बड़वानी विहार कर प्रवचन देंगे। इसके बाद वापस बावनगजा लौट आएंगे।

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