8 साल की मासूम के चीथड़े उड़ गए: पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद पसरा मातम

[ad_1]

रतन मिश्रा, मुरैना2 मिनट पहले

अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाके का दर्द निर्दोष लोग भुगत रहे हैं। जिन 4 लोगों की मौत हुई उनके परिवार में मातम पसरा है। 8 गंभीर घायल जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। एक बच्ची के तो चीथड़े उड़ गए हैं।

बानमोर कस्बे के एक मकान में गुरुवार सुबह 10.50 बजे पटाखे बनाने के दौरान विस्फोट हो गया। तेज धमाके के कारण 50 साल पुराना मकान महज 12 सेकंड में जमींदोज हो गया। धमाका इतना तेज था कि 500 मीटर दूर तक के मकान हिल गए। विस्फोट में पटाखा कारोबारी की पत्नी और बेटी समेत 4 लोगों की मौत हो गई।

8 साल की एक बच्ची के शरीर के 50% हिस्से के चीथड़े उड़ गए। 8 लोग गंभीर घायल हैं, जिन्हें JAH ग्वालियर में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने हादसे के जिम्मेदार जमील खां को गिरफ्तार कर लिया है। लोगों का कहना है कि यहां हर-दूसरे या तीसरे घर में पटाखे बनाने का काम होता है।

ब्लास्ट के बाद के भयानक मंजर के बीच दैनिक भास्कर की टीम ने हादसे को समझने की कोशिश की…

चश्मदीद की जुबानी पूरी कहानी
ब्लास्ट के बाद टीम मौके पर पहुंची तो यहां का मंजर डरावना था। JCB मलबा हटाने में जुटी थी, बचे-पटाखों के फूटने की आवाज आ रही थी, जिस पर टीम पानी छिड़क रही थी। लोगों की भीड़ जुटी थी और हर आंख में दहशत थी, क्यों न हो… कुछ देर पहले ही उनकी आंखों के सामने 4 लोगों के शव निकाले गए थे। इनमें 7 साल के मासूम गोलू का शव भी शामिल था।

जिस मकान में विस्फोट हुआ था, उसके ठीक सामने सुरजीत मावई रहते हैं। टीम ने बात करनी चाही तो वे इस तरह से सिहर उठे, जैसे वह मंजर उनकी आंखों के सामने घूमने लगा हो। बोले- सुबह करीब 11 बजे का वक्त था। मैं घर पर ही था। अचानक जोरदार धमाका हुआ। ऐसा लगा जैसे बम गिरा हो। छत पर कुछ गिरने की आवाज आई। जिस घर में धमाका हुआ था, उसका मलबा मेरे 3 मंजिला मकान की छत पर आ गिरा था। पलभर में ही धूल के गुबार ने घर को ढंक लिया था। अब तक चीख पुकार मच चुकी थी।

थोड़ी देर बाद धूल का गुबार हटा तो सामने जमील खां का मकान और निर्मल जैन की दुकान मलबे में तब्दील हो चुकी थी। लोगों की भीड़ जुटने लगी थी। कोई आगे बढ़ने को तैयार नहीं था, डर था कि कहीं और ब्लास्ट न हो जाए। करीब आधे घंटे बाद लोग आगे बढ़े और मलबा हटाना शुरू किया। तब तक पुलिस और राहत टीम भी मौके पर पहुंचने लगी थी। सुरजीत की मां कहती हैं- धमाका सुन ऐसा लगा मानो गैस सिलेंडर फट गया हो। धुआं छटा तो पता चला पटाखों में ब्लास्ट हुआ है।

जमील खां के घर में पटाखे बनाने के दौरान बारूद में विस्फोट हो हुआ, जिसमें परिवार के 4 सदस्य मलबे में दब गए। जमील खां की पत्नी और बच्ची की मौत हो गई।

जमील खां के घर में पटाखे बनाने के दौरान बारूद में विस्फोट हो हुआ, जिसमें परिवार के 4 सदस्य मलबे में दब गए। जमील खां की पत्नी और बच्ची की मौत हो गई।

जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे मलबे में दबे लोग
बादाम सिंह बोले- आंखों के सामने बहुत ही डरावना मंजर था। कुछ लोग मलबे में दबे जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे। जमील खां की 8 साल की बेटी जोया के शरीर के तो चीथड़े उड़ गए थे। शरीर का 50 प्रतिशत हिस्सा इधर-उधर पड़ा हुआ था। अन्य मृतकों के शरीर की हालत भी कुछ ऐसी ही थी। किसी का हाथ तो किसी का पैर गायब था।

जमील खां मूलत: गोहद का रहने वाला है। वह किराए के मकान में रहकर पटाखा बनाने का काम किया करता था। इसके लिए घर में बारूद रखा हुआ था।

जमील खां मूलत: गोहद का रहने वाला है। वह किराए के मकान में रहकर पटाखा बनाने का काम किया करता था। इसके लिए घर में बारूद रखा हुआ था।

मकान का एक हिस्सा उड़कर पप्पू पर गिरा
घटनास्थल के ठीक सामने वाले मकान में चीख-पुकार मची हुई थी। टीम भीतर दाखिल हुई। पूछने पर पता चला यह पप्पू गुर्जर का घर है। उनकी हादसे में मौत हो गई है। पिता महेन्द्र गुर्जर मकान से सटी गली में बैठे विलाप कर रहे थे। पप्पू के चाचा विद्याराम दीवार के सहारे बैठकर रोते हुए पप्पू को याद कर रहे थे।

विद्याराम से बात की तो वे बस इतना ही बोले- पप्पू का कसूर बस इतना था कि वह सामने वाली दुकान पर पुड़िया लेने गया था। पुड़िया ले ही रहा था कि तेज धमाका हुआ। टूटे मकान का एक हिस्सा उसके ऊपर आ गिरा और वह दब गया। जब तक मलबे से निकालते उसकी सांसें थम चुकी थीं। पप्पू का शव जब पीएम के बाद पुलिस पॉलीथिन में पैक कर घर पहुंची तो यहां का रुदन सुनकर हर किसी का गला भर आया।

पटाखा बनाने के दौरान हुए ब्लास्ट के बाद लोगों की भीड़ जुट गई। पुलिस ने रस्सी बांधकर लोगों को रोका और मलबा हटाने का काम शुरू किया।

पटाखा बनाने के दौरान हुए ब्लास्ट के बाद लोगों की भीड़ जुट गई। पुलिस ने रस्सी बांधकर लोगों को रोका और मलबा हटाने का काम शुरू किया।

थम नहीं रही थीं 7 वर्षीय गोलू के पिता की हिचकी
शाम के 6 बज चुके थे। टीम मकान से 2 गली आगे 7 साल के मासूम गोलू उर्फ विजय प्रजापति के घर की ओर बढ़ी। गोलू की भी हादसे ने सांसें छीन ली हैं। गोलू के परिवार के जीवन में तो अंधेरा छा ही चुका था। पूरा क्षेत्र भी अंधेरे में डूब रहा था। मलबे के कारण बिजली सप्लाई बाधित थी। जेसीबी से मलबा हटाया जा रहा था। टीम अब गोलू के घर के बाहर थी। भीतर से रोने की आवाज आ रही थी। चाचा महेश प्रजापति सामने बैठे थे।

महेश से पूछा तो बोले- गोलू विस्फोट वाले घर के बाहर मौजूद दुकान पर चॉकलेट लेने गया था। वह मलबे में दब गया। पिता दिलीप प्रजापति बाहर आए, उनका रो-रोकर बुरा हाल था। हिचकी थमने का नाम नहीं ले रही थी। बड़ी मुश्किल से बोले- बेटा एलकेजी में पढ़ता था, वह पढ़ाई में बहुत तेज था। आगे वे एक शब्द नहीं बोल पाए… बस बेटे को याद करते हुए रोते रहे।

50 साल पुराना यह मकान भूरा गुर्जर का था, जिसे जमील खां ने किराए पर लेकर रखा था। विस्फोट इतना तेज था कि 500 मीटर दूर तक के मकान हिल गए।

50 साल पुराना यह मकान भूरा गुर्जर का था, जिसे जमील खां ने किराए पर लेकर रखा था। विस्फोट इतना तेज था कि 500 मीटर दूर तक के मकान हिल गए।

हादसे के जिम्मेदार जमील की बेटी और पत्नी की भी मौत
जिस 50 साल पुराने घर में ब्लास्ट हुआ। वह भूरा गुर्जर का था, जिसे गौहद बड़ा बाजार निवासी जमील खां (45) ने किराए पर ले रखा था। जमील खां गुरुवार को पटाखे बना रहा था। जमील के 2 बेटे सईद (20) और आमीन (18) भी उसके साथ थे। पत्नी अन्नो खां (35) खाना बना रही थी। इसी बीच जमील कुछ काम से घर की छत पर गया, तभी अचानक विस्फोट हो गया। पहला धमाका होने के 8 सेकंड बाद जोर से विस्फोट हुआ, जिससे मकान ढह गया। मकान के मलबे में घर में मौजूद सभी लोग दब गए। इनमें अन्नो खां व उसकी बेटी जोया (8) की मौके पर ही मौत हो गई।

जमील खां के मुताबिक, रसोई गैस की कोई चिंगारी बारूद के संपर्क में आई, जिससे विस्फोट हुआ। पुलिस को दिए बयान में उसने बताया कि वह पटाखा बनाने के लिए दो किलो बारूद मुरैना में राकेश जैन की दुकान से खरीदकर लाया था। उसके पास बारूद से पटाखा बनाने का कोई लाइसेंस नहीं था और वह घनी आबादी स्थित मकान में पटाखा बना रहा था।

मुरैना की सिविल लाइन थाना पुलिस ने सिलायथा गांव में रात में एक पटाखा फैक्ट्री में दबिश दी है। यहां से करीब ढाई हजार पटाखे बरामद किए गए। फैक्ट्री से पांच किलो बारुद और पांच हजार पटाखों के खोखे बरामद हुए हैं।

मुरैना की सिविल लाइन थाना पुलिस ने सिलायथा गांव में रात में एक पटाखा फैक्ट्री में दबिश दी है। यहां से करीब ढाई हजार पटाखे बरामद किए गए। फैक्ट्री से पांच किलो बारुद और पांच हजार पटाखों के खोखे बरामद हुए हैं।

कलेक्टर बोले- जांच रिपोर्ट के बाद होगी जिम्मेदारों पर कार्रवाई
कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन का कहना है कि घटना की सूचना मिलते ही नगर पालिका और पुलिस का अमला माैके पर पहुंच गया था। हादसे में चार लोगों की मौत हुई है, 6 का इलाज चल रहा है। इनमें 2 लोगों की हालत नाजुक है। जमील नामक व्यक्ति पटाखा बनाता था। हादसे में उसी के परिवार के चार लोग जमील के ही परिवार के हैं। बाकी दो लोग किराना दुकान पर सामान लेने आए थे।

जर्जर इमारत को हटाया जा रहा है, जिससे आगे कोई और हादसा न हो। मामले की जांच के लिए अधिकारियों की टीम गठित की गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।

4 मौतों के बाद जागे

  • बानमोर में जैतपुर रोड पर विस्फोट में अन्नो खां पत्नी जमील खां, जोया पुत्री जमील खां, पप्पू गुर्जर व गोलू प्रजापति की मौत के 6 घंटे बाद पुलिस प्रशासन जागा। एसपी के निर्देश पर पुलिस ने मुरैना में बारूद कारोबारी राकेश जैन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है कि उसने जिलेभर में किस-किसको बारूद बेचा है। उसकी जानकारी के आधार पर पुलिस जिलेभर में पटाखों के अवैध ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। पोरसा टीआई रामपाल जादौन ने बानमोर की घटना के बाद सेंथरा गांव में दबिश देकर भूरे खां पुत्र महबूब खां के घर दबिश दी और 4 पेटी पटाखे जब्त किए। पुलिस भूरे खां को भी उठा लाई है।​​​​
  • मुरैना की सिविल लाइन थाना पुलिस ने सिलायथा गांव में रात में एक पटाखा फैक्ट्री में दबिश दी है। यहां से आसिम खान को गिरफ्तार किया। वह विकलांग है और 5 साल से अवैध रूप से पटाखों का निर्माण कर रहा है। उनकी फैक्ट्री से करीब ढाई हजार पटाखे बरामद किए गए। फैक्ट्री से पांच किलो बारुद और पांच हजार पटाखों के खोखे बरामद हुए हैं। इस बार वह साढ़े 7 हजार पटाखे बनाने वाला था, इनमें से ढाई हजार बना चुका था।
ब्लास्ट के बाद मकान का नामो निशां मिट गया है। यहां अब केवल मलबा नजर आ रहा है। इस मलबे में कई लोग दबे थे। पुलिस-प्रशासन की टीम ने उनको बाहर निकाला।

ब्लास्ट के बाद मकान का नामो निशां मिट गया है। यहां अब केवल मलबा नजर आ रहा है। इस मलबे में कई लोग दबे थे। पुलिस-प्रशासन की टीम ने उनको बाहर निकाला।

लोग बोले- 15 घरों में बन रहा पटाखा
लोगों ने बताया कि इस मोहल्ले के करीब 15 घरों में अवैध रूप से पटाखा बनाए जाने का काम होता है। इस हिसाब से हर-दूसरे या तीसरे घर में पटाखा बनाकर इसे यहीं पर स्टोर भी किया जाता है। इसके बारे में सबको पता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करता।

ये भी पढ़ें…

मध्यप्रदेश के मुरैना में गुरुवार को एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हो गया। घटना में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 4 की हालत गंभीर है। घटना सुबह 9 बजे हुई। धमाका इतना जबरदस्त था कि पूरी बिल्डिंग ढह गई। बिल्डिंग के मलबे में कई लोग दब गए। अब तक 7 लोगों को बाहर निकाला गया है। इनमें 9 साल की एक बच्ची भी है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button