जबलपुर से रुपए लेकर मुंबई जा रही थी महिला: खिलौना व्यापारी की कर्मचारी का 30 लाख रुपए से भरा बैग चलती ट्रेन से चोरी, दो हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार

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हरदा/ इटारसीएक घंटा पहले
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जीआरपी ने बरामद किए 30 लाख रुपए नकद व अन्य सामान ।
जबलपुर के करमचंद चौक पर इलेक्ट्रिक और खिलौने के बड़े व्यापारी की महिला कर्मचारी का 30 लाख रुपए के नोटों से भरा पिट्ठू बैग चलती ट्रेन से इटारसी और हरदा के बीच चोरी होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह चोरी मुंबई जा रही हावड़ा मेल के स्लीपर कोच एस-4 में 14 अक्टूबर की रात हुई। इटारसी जीआरपी थाने में एफआईआर होने के बाद चार दिन में पुलिस ने व्यापारी की दुकान से लेकर जबलपुर से इटारसी- हरदा तक के रेलवे स्टेशनों के 200 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे।
इस इन्वेस्टिगेशन में व्यापारी की दुकान से ही दो संदिग्ध बाइक सवार युवक महिला कर्मचारी का पीछा करते हुए दिखाई दिए। इस आधार पर जीआरपी ने जबलपुर की गैंग के हिस्ट्रीशीटर अनुज उर्फ मेवा पिता दिलीप गुप्ता और आनंद कुमार अहिरवार पिता रेवाराम को गिरफ्तार किया। दोनों ने 15-15 लाख रुपए आपस में बांट लिए थे लेकिन खर्च नहीं कर पाए थे। इनसे 30 लाख रुपए नकद, बाइक, हेडफोन, चार्जर, फरियादी का नीले रंग का छोटा पर्स, कपड़े एवं बड़ा बैग एवं अन्य सामान बरामद किया।
14 अक्टूबर 2022 को जबलपुर की युवती रवीना कोरी करमचंद चौक के खिलौने और इलेक्ट्रिक सामान के बड़े व्यापारी के माल का मुंबई में पेमेंट करने के लिए जा रही थी। करमचंद मार्केट से होते हुए जबलपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। हावड़ा- मुंबई मेल में नीले पिट्ठू बैग में 30 लाख रुपए लेकर स्लीपर कोच एस-4 में सवार हुई। ट्रेन के जबलपुर स्टेशन से चलने के बाद इटारसी तक चार घंटे वह जागती रही। फिर नींद लग गई। जब युवती की नींद इटारसी से निकलने के एक घंटे बाद हरदा स्टेशन पर खुली तो देखा सिर के पास रखा पिट्ठू बैग नहीं मिला। युवती के कथन पर इटारसी जीआरपी ने बैग चोरी की एफआईआर दर्ज की।
चार दिन में पुलिस दल ने किया खुलासा
इस केस में रेल एसपी हितेश चौधरी, एडिशनल एसपी डॉ. अमित वर्मा व रेल डीएसपी अर्चना शर्मा के मार्गदर्शन में जीआरपी इंस्पेक्टर बीभेंद्रु व्यंकट टांडिया, एसआई आरएस बकोरिया, एएसआई श्रीलाल पड़रिया, ओपी गढ़वाल, जगन्नाथ सिंह, नंदकिशोर ठाकुर, हेड कांस्टेबल कृष्णकुमार यादव, सुरेश, तुलसीराम, निरंजन, कांस्टेबल विजय बाँके, विष्णु मूर्ति शुक्ल, अंकित मलिक, दीपक सेन, बचन सिंह, संगीता, तृप्ति, मनोज, साइबर सेल से एएसआई नरेंद्र रावत, कांस्टेबल संतोष पटेल की केस के खुलासे में भूमिका रही।
युवती के हर मूवमेंट पर नजर रखे हुए था जबलपुर का गैंग
घटना की जांच में पाया गया कि पूर्व में भी युवती माल की डिलीवरी के बाद अपने सेठ का भुगतान करने के लिए मुंबई कई बार जा चुकी है। युवती के सेठ की दुकान करमचंद मार्केट से लेकर घटनास्थल तक लगभग 200 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया। इसी दौरान दो संदिग्ध युवक बाइक से युवती का पीछा सेठ की दुकान से ही करते दिखे। यह गैंग कई बार युवती की रैकी कर चुकी थी। इस बार वे युवती के एक-एक मूवमेंट पर नजर रखे हुए थे।
आपराधिक रिकॉर्ड देख आरोपी युवकों के घर पहुंची पुलिस
संदिग्ध युवकों का सुराग मिलने पर इटारसी से जीआरपी थाना प्रभारी बीभेंद्रु व्यंकट टांडिया को पुलिस दल के साथ जबलपुर रवाना किया। जबलपुर में पता चला कि संदिग्ध युवकों के कई आपराधिक रिकाॅर्ड थाना बेलबाग में दर्ज हैं। दोनों युवकों पर जबलपुर के हनुमानताल, रांझी, गोरखपुर, ओमती, कोतवाली, लार्डगंज, बेलबाग में 10-10 अपराध दर्ज थे। इनका आपराधिक रिकॉर्ड देखकर पुलिस उन दोनों युवकों के घर तक पहुंच गई।
इनमें एक अनुज गुप्ता उर्फ मेवा पिता दिलीप गुप्ता 25 साल निवासी घमापुर चौक कंजर मोहल्ला नर्मदा मंदिर के सामने थाना बेलबाग जिला जबलपुर था। दूसरा आनंद कुमार अहिरवार पिता रेवाराम 25 साल निवासी सरकारी कुआ महाराणा प्रताप चौक थाना हनुमानताल जबलपुर था। दोनों को उनके घर से पकड़ कर पूछताछ की। जिस बाइक एमपी 20 एनआर 0869 से उन्होंने युवती का पीछा किया वह भी पुलिस ने बरामद कर ली। मामले की जानकारी इनकम टैक्स एवं जीएसटी विभाग को दी जा रही है।
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