पेसा कानून क्रियान्वयन की मांग उठी: पूर्वजों ने दान में दी थी जमीन, अब सरकार से वापस मांग रहे आदिवासी

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बैतूल28 मिनट पहले

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साल 1962 में शिक्षण कार्य के लिए दान की गई भूमि पर अब भूमि के वारसान हक दिलाए जाने की मांग कर रहे है। वारसानों का कहना है कि उनके पूर्वजों ने साल 1962 में 330 एकड़ भूमि शिक्षण कार्य के लिए दी गई थी।

उन्होंने मांग की है कि 330 एकड़ में से शेष भूमि जिस पर शिक्षण कार्य नहीं किया जा रहा है। उस पर उनका हक उन्हें वापस दिया जाए। ग्राम पंचायत सचिव को सौंपे आवेदन में आवेदक देवा, संतोष, बलिराम, चिक्कू, मोतीराम ने पेसा अधिनियम 1996 के प्रावधानों के तहत भूमि विवाद हल करने की मांग की है।

आवेदक गणों का कहना है कि हमारे पूर्वज कली पिता हिम्मत गोंड मौजा भीमपुर पटवारी हल्का नंबर 39 बंदोबस्त नंबर 546 में स्थित तहसील भीमपुर जिला बैतूल ने अपनी निजी हक की भूमि खसरा नंबर 182 में से 330 एकड़ भूमि शिक्षण कार्य के लिए 17 अगस्त 1962 को शासन के पक्ष में दान की थी। जिसका संशोधन क्रमांक 58 आदेश दिनांक 24 दिसंबर 1962 के द्वारा 192/1 रकबा के रूप में दर्ज है।

आवेदन में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पी रामा रेड्डी मामले में वर्ष 1988 को दिए फैसले का भी उल्लेख किया गया। आवेदक गणों ने बताया कि दान की गई भूमि में से शेष भूमि जिस पर शिक्षण कार्य नहीं किया जा रहा है। वापस पाने के लिए ग्रामसभा को अधिकार प्राप्त है। ऐसी परिस्थिति में आवेदक गणों ने समस्या का निराकरण ग्राम सभा द्वारा नियमानुसार किए जाने की मांग की है।

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