गड्ढों में सफर की मजबूरी: भेल की 120 किमी सड़कें खराब; मेंटेनेंस के लिए चाहिए 8 करोड़, मिले सिर्फ सवा करोड़

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भोपाल3 मिनट पहलेलेखक: विशाल त्रिपाठी
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भेल टाउनशिप की 160 किमी लंबी सड़कों में से 120 किमी से ज्यादा सड़कें खराब हो चुकी हैं।
भेल टाउनशिप की 160 किमी लंबी सड़कों में से 120 किमी से ज्यादा सड़कें खराब हो चुकी हैं। करीब 60 साल पहले बनी इन सड़कों को नए सिरे से 1984 में तब दोबारा बनाया गया, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भोपाल आई थीं। तभी टू लेन मेन रोड को फोरलेन मेन रोड में तब्दील किया गया।
आज हालात ये हैं कि भेल टाउनशिप की सिक्योरिटी लाइन से सुभाष नगर विश्रामघाट को आने वाली सवा किमी लंबी सड़क वर्षों से जर्जर हो चुकी है। इसके बाद भी भेल प्रबंधन ने इसका मेंटेनेंस नहीं किया है। यानी किसी की अंतिम यात्रा में शामिल होने विश्राम घाट आने वालों को भी गड्ढों का कष्ट सहना पड़ रहा है।
ऐसे ही बिगड़े हालात बरखेड़ा मार्केट से गुजरने वाली सड़क के भी हैं। वैसे तो ये सड़क टाउनशिप की मेन रोड में शुमार है। यहां से रोजाना 5 हजार से ज्यादा लोग गुजरते हैं। भेल की रोड मेंटेनेंस शाखा ने फिलहाल इस सड़क का पैचवर्क शुरू कर दिया है। लेकिन सुभाष नगर विश्रामघाट को जोड़ने वाली सड़क का नंबर अभी नहीं आया है। भेल की 120 किमी लंबी सड़कों के मेंटेनेंस के लिए 8 करोड़ रुपए से ज्यादा की जरूरत है। लेकिन मिले सिर्फ सवा करोड़ ही हैं।
सिर्फ सवा करोड़ से जर्जर सड़कें कैसे सुधरेंगी
- टाउनशिप की 120 किमी से ज्यादा सड़कों को सुधारने के लिए भेल प्रबंधन को महज 1.25 करोड़ रुपए मिले हैं।
- जानकारों का कहना है कि किसी भी मुख्य सड़क पर एक किमी का कारपेटिंग वर्क करने में ही 40 लाख खर्च हो जाते हैं।
- सड़कों के मेंटेनेंस के लिए मेंटेनेंस शाखा ने केंद्र से 5 करोड़ का बजट मांगा है।
प्रधानमंत्री आए तो सुधर गई थी ये सड़क
नवंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भोपाल दौरा हुआ। ये आयोजन जंबूरी मैदान में हुआ था। गोविंदपुरा एंट्री से अवधपुरी जाने वाली सड़क को नए सिरे से बनाया जाना था। पीडब्ल्यूडी सूत्रों ने बताया कि तब भेल प्रबंधन ने बजट का हवाला देकर इनकार कर दिया, इसलिए इसे पीडब्ल्यूडी ने ही बनाया। पूरी भेल टाउनशिप में केवल यही सड़क है, जो अब भी ठीक है।
लगातार बढ़ रहा ट्रैफिक
जब इन सड़कों को बनाया था, तब यहां भेल में काम करने वाले लोगों का ही आना-जाना होता था। आज अवधपुरी में ही 25 से ज्यादा नई बड़ी कॉलोनियां बन गई हैं। यही हालात इंद्रपुरी, और खजूरीकलां क्षेत्र में भी है। यहां रहने वाले करीब 1 लाख लोग इन्हीं सड़कों का इस्तेमाल करते हैं।
ये 40 किमी लंबी मेन रोड
गोविंदपुरा एंट्री से अवधपुरी और अवधपुरी से गोविंदपुरा एंट्री तक। पिपलानी पेट्रोल पंप से महात्मा गांधी चौराहा और महात्मा गांधी चौराहा से पिपलानी पंप तक। अन्ना नगर से कस्तूरबा अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल से अन्ना नगर तक। मधुबन रोड। भेल की इंटरनल 120 किमी सड़कें।
“दो साल से मेंटेनेंस का फंड कम मिल रहा था। इस साल थोड़ा फंड आया है, इसलिए कुछ सड़कों को चिह्नित कर मेंटेनेंस शुरू कर दिया गया है।”
-विनोदानंद झा, भेल प्रवक्ता
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