सोसायटी में प्रतिदिन धान खरीदी के लिमिट को बढ़ाते हुए किसानों को हो रही परेशानियों को तत्काल दूर किया जाए – ब्यास कश्यप

जांजगीर चांपा। किसानों को धान खरीदने में टोकन काटने से लेकर अन्य सभी परेशानियों को तत्काल दूर किया जाए वहीं रोजाना के धान खरीदी की लिमिट को तत्काल बढ़ाया जाए, ऐसा नहीं होने पर कांग्रेस पार्टी जनआंदोलन के लिए बाध्य होगी, उक्ताशय की बात जांजगीर चांपा विधायक ब्यास कश्यप ने विधायक कार्यालय जांजगीर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कही।
श्री कश्यप ने बताया कि इस बार धान खरीदी वैसे ही विलंब से शुरू किया गया। पहले 01 नवंबर से धान खरीदी प्रारंभ हो जाती थी, इस बार 15 नवंबर से प्रारंभ हुआ, कुछ खरीदी केन्द्रों में तो दो चार दिन पहले ही धान खरीदी प्रारंभ हो पाई है। 31 जनवरी तक धान लिया जाएगा, उसमें भी दस बारह दिन शनिवार, रविवार और दूसरे अवकाश के नाम से खरीदी बंद रहेगी। जनवरी के प्रथम सप्ताह में नहर से रवि फसल के लिए पानी दे दिया जाएगा जिससे किसान उसमें व्यस्त हो जाएंगे, ऐसे में किसानों के पास धान खरीदी के लिए पर्याप्त समय नहीं है। कई किसानों का अभी तक पूरा पंजीयन नहीं हो पाया है वहीं जिन किसानों का पंजीयन हो गया है वो जब धान बिक्री के लिए टोकन कटाने की कोशिश करते हैं तो लिमिट की वजह से टोकन नहीं कट पा रहा है, कहीं 3 सौ क्विंटल, कहीं 5 सौ क्विंटल और बड़े खरीदी केन्द्रों में 1 हजार क्विंटल की लिमिट है जिससे की किसानों को धान बेचने के लिए टोकन नहीं मिल पा रहा है जिससे की वो अपने खून पसीने की कमाई को नहीं बेच पा रहे हैं। एक दिन पहले मुनुंद सोसायटी का उनके द्वारा निरीक्षण किया गया था वहां भी दो सौ से ज्यादा किसान और महिलाएं खरीदी केन्द्र को घेरकर खड़े हुए थे। सभी धान नहीं बिकने से परेशान थे। पहले लोग जिस दिन उनका नंबर आता पहले से अपना धान खरीदी केन्द्रों में पंहुचा देते, अब नौ बजे खरीदी केन्द्र खुलता है, धान का मिलान होता है उसमें समय लगता है फिर लिमिट की वजह से दोपहर बाद खरीदी केन्द्र खाली हो जा रहे हैं। सरकार ने एक लाख 60 हजार मिट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार जान बूझकर लक्ष्य को प्राप्त नहीं करना चाहती है। उन्होंने लिमिट बढ़ाने के लिए जांजगीर चांपा के कलेक्टर जन्मेजय महोबे से भी बात की है। धान खरीदी में किसानों को हो रही सभी परेशानियों को तत्काल दूर करते हुए सरकार लिमिट बढ़ाए जिससे की किसान अपनी मेहनत की कमाई को उचित मूल्य में बेच सके अन्यथा कांग्र्रेस पार्टी जन आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
किसानों से किसी तरह की पैसे की मांग ना हो
ब्यास कश्यप ने कहा कि धान खरीदी केन्द्रों के निरीक्षण के समय कुछ स्थानों पर उन्हें बोरी मेंं निर्धारित मात्रा से ज्यादा तौल किए जाने की शिकायत मिली है तो वहीं हमाल शुल्क के लिए में किसानों से कहीं 6 रूपए तो कहीं 7 रूपए बोरा लिए जाने की भी शिकायत किसानों के द्वारा की गई है। किसानों से किसी भी प्रकार का अतिरिक्त धान नहीं लिया जाए। उन्होंने किसानों से निवेदन किया की हमालों का पैसा शासन की ओर से दिया जाता है इसलिए किसान जागरूक हो और किसी भी तरह का अतिरिक्त पैसा नहीं दे। किसी भी तरह से धान बेचने में परेशानी होने पर किसान उनसे संपर्क कर सकते हैं।
डिमांड के अनुरूप किसानों को पानी मिले
ब्यास कश्यप ने कहा कि जनवरी के प्रथम सप्ताह से किसानों को नहरों से पानी दिया जाना है, कुछ स्थानों पर नहर में मरम्मत का कार्य चल रहा है उसे जल्दी पूरा किया जाए। पिछले बार दायी और बायी दोनों तट पर पानी दिया जा रहा था इस बार दायी तट में ही पानी देने का है ऐसे में जहां जहां डिमांड है किसानों को फसल के लिए पर्याप्त पानी मिलना चाहिए।




