भास्कर इन्वेस्टिगेशन: शहर में 118 मिल-गोदाम, तेल गोदाम में आग पर कलेक्टर बोले थे- इस बार परिणाम दिखेंगे; 6 माह में नोटिस का जवाब तक नहीं पाए

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- The Collector Said On The Fire In 118 Mill warehouse, Oil Godown In The City – This Time The Results Will Be Seen; Did Not Even Reply To The Notice In 6 Months
सागर33 मिनट पहले
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तिलकगंज क्षेत्र जहां व्यापारियों द्वारा छोटे उद्योग संचालित किए जा रहे हैं और ज्वलनशील पदार्थों के गोदाम बना लिए हैं।
- 14 वार्ड के 92 हजार लोग आग लगने के खौफ में जी रहे, जिला प्रशासन नोटिस देकर भूला
6 माह पहले तिलकगंज क्षेत्र में एक तेल गोदाम में भीषण आग लगी थी तब कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा था कि शहर में चल रहे उद्योगों को बाहर शिफ्ट करेंगे। इस बार लोग परिणाम देखेंगे। लेकिन इसके बाद कुछ नहीं हुआ। ठीक 6 माह बाद तिलकगंज क्षेत्र में ही प्लास्टिक पाइप गोदाम में फिर आग लगने की घटना हुई।
मार्च में तेल गोदाम की आग के बाद प्रशासन ने तिलकगंज क्षेत्र में चल रहे उद्योग व ज्वलनशील पदार्थ का व्यवसाय करने वाले 42 लोगों को नोटिस दिए लेकिन 6 बाद भी इनमें से किसी ने नोटिस का जवाब नहीं दिया। प्रशासन भी नोटिस देकर भूल गया और आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई।
नतीजा यह है कि तिलकगंज क्षेत्र में छोटे-मोटे उद्योग व ज्वलनशील पदार्थों के गोदाम अभी भी बने हुए हैं। जिनमें फिर आग लगने की घटना कभी भी हो सकती है। तेल गोदाम के महज 300 मीटर के दायरे में ही चार तेल गोदाम, दो ऑयल मिल, पांच लकड़ी के टाल और तीन माचिस गोदाम हैं।
शहर के 14 वार्ड में 175 लकड़ी टाल व आरा मशीन, 118 मिल-बेकरी व अन्य इंडस्ट्रीज चल रही हैं। इनसे इन वार्डों में रहने वाले 92 हजार 538 लोगों को खतरा है। कोई भी हादसा होने से इन वार्डों में रहने वाले लोग चपेट में आ सकते हैं। सुभाष नगर, संत कंवरराम, तिलकगंज और मोतीनगर वार्ड में सबसे ज्यादा इंडस्ट्रीज व गोदामें हैं।
पिछले दस साल में शहर में आग लगने की छह बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। पिछले वर्ष भगवानगंज में अंबेडकर मूर्ति के पीछे संकरी गली में लकड़ी टाल में आग लगी थी। तुलसीनगर वार्ड में भी नवजीवन टिंबर मार्केट में लगी आग से अफरा-तफरी मच गई थी। सेना औौर आसपास के क्षेत्रों से दमकल बुलाना पड़ी थी। करीब 50 दमकल पानी से 8 घंटे में आग पर काबू पाया गया था।
6 माह पहले तेल गोदाम में आग लगने के बाद कहा था
शैलेंद्र जैन, विधायक
तिलकगंज क्षेत्र में तेल गोदाम और लकड़ी के टाल एक साथ होना खतरे से खाली नहीं है। तेल गोदामों में आगजनी की घटनाओं को रोकने पर्याप्त साधन भी नहीं हैं। लड़की के टाल और तेल गोदामों को घनी आबादी से दूर करना चाहिए। इस संबंध में कलेक्टर और एसपी से बात करूंगा।
अब तक क्या किया- तिलकगंज में अब भी सभी तेल गोदाम और लकड़ी के टाल पहले की तरह की संचालित हो रहे हैं। अब तक वहां से कुछ भी नहीं हटाया गया। घनी आबादी के बीच ज्वलनशील पदार्थ गोदामों में भरे पड़े हैं। फर्नीचर क्लस्टर को सिद्गुवां में शिफ्ट करने की प्लानिंग जरूर चल रही है।
दीपक आर्य, कलेक्टर
सागर शहर के मध्य मौजूद हम ऐसी तेल गोदामों को शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिए नियमों का अध्ययन कर रहे हैं। जल्द नोटिस जारी होंगे। टिंबर व्यवसाइयों से भी चर्चा करेंगे। धीरे-धीरे सब कुछ कर रहे हैं। इस बार लोग परिणाम देखेंगे।
अब तक क्या किया- तिलकगंज क्षेत्र में सारे लकड़ी के टाल व तेल गोदाम पहले की तरह अभी भी वहीं संचालित हो रहे हैं। कुछ लोगों को नोटिस जरूर दिए गए लेकिन शहर से बाहर शिफ्ट करना तो दूर किसी से नोटिस का जवाब तक नहीं ले पाए। अब फिर से मोहलत देने की बात की जा रही है।
जल्द बैठक बुलाएंगे
शहर में अन्य जो छोटी-मोटी इंडस्ट्रीज चल रही हैं या ज्वलनशील वस्तुअों की बड़ी गोदामें बनी हैं, एेसे व्यापारियों को जल्द ही बुलाकर उनके साथ कलेक्टर की मीटिंग कराकर बाहर शिफ्ट करने की प्लानिंग करेंगे। बैठक के बाद व्यापारियों को कुछ समय का अल्टीमेटम दिया जाएगा। – शैलेन्द्र जैन, विधायक
नोटिस के जवाब की जानकारी नहीं ले पाया
नोटिस दिए थे उनके जवाब की मैं जानकारी नहीं ले पाया। छोटे-मोटे उद्योगों को शहर से बाहर शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। लकड़ी के टाल वाला हो गया है। डेयरी भी बाहर जा रही हैं। ज्वलनशील पदार्थों की जो बड़ी गोदामें हैं उन्हें भी बाहर करने में नगर निगम के अधिकारियों से बात करता हूं।
– दीपक आर्य, कलेक्टर
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