‘तारा’ के 10 साल: तमाशा में दीपिका पादुकोण की अदाकारी बनी नई पीढ़ी के लिए राह दिखाने वाली आवाज़

मुंबई। आज दीपिका पादुकोण की फिल्म तमाशा को 10 साल हो गए हैं। इम्तियाज अली ने इसे डायरेक्ट किया था। इस फिल्म में दीपिका ने एक अलग लेकिन आसानी से समझ में आने वाली भूमिका निभाई है, जो हर लड़की के दिल को छूती है, जो तारा में खुद को देखती है। उनके किरदार में इस रोमांटिक और इमोशनल कहानी में खास गहराई है। दीपिका ने तारा के किरदार में जान डाला है, जिसमें प्यार, आजादी और संवेदनशीलता का अच्छा मेल है। ये सभी क्वालिटी अलग-अलग साफ नहीं दिखती, फिर भी मिलकर एक ऐसा इंसान बनाती हैं जिसे हम सभी जानते हैं या शायद, खुद ही हैं।
तारा का निडर स्वभाव, रोमांच पसंद करना, उसकी साफ और रंगीन सोच, दूसरों के लिए उसका दिल और बिना डरे सच बोलने की आदत और इन सबको दीपिका ने जितनी सादगी और बारीकी से दिखाया है, उसी से वह इस फिल्म की असली जान बन जाती है। तमाशा आज भी दीपिका की सबसे पसंद की जाने वाली फिल्मों में से एक है। इसमें उनका अभिनय साफ दिखाता है कि वह कैसे तारा के किरदार को छोटी-छोटी भावनाओं और सरलता के साथ ज़िंदा कर देती हैं।
दीपिका की केमिस्ट्री वेद के साथ, जिसे रणबीर कपूर ने निभाया है, बहुत खूबसूरत दिखती है और कहानी को और ज़्यादा दिलचस्प बनाती है। अपने करियर में दीपिका ने कई यादगार किरदार निभाए हैं, लेकिन तारा एक ऐसा किरदार है जो बाकियों से बिलकुल अलग है। तमाशा में वह कई तरह की भावनाएँ दिखाती हैं और वह भी बहुत शांति और सादगी के साथ। इसी वजह से उनका यह किरदार लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ता है।
इम्तियाज़ अली की फिल्म में किरदारों को कैमरे पर जीना और सांस लेना होता है, और दीपिका अपनी एक्टिंग से इसे बखूबी साबित करती हैं। तारा एक ऐसा किरदार है जो आज भी लोगों को अपना सा लगता है और उससे जोड़ता है, फिल्म रिलीज़ हुए सालों बीत जाने के बाद भी। तारा के रूप में दीपिका की एक्टिंग अब भी उनके करियर की सबसे खूबसूरत और दिल छू लेने वाली परफॉर्मेंस में से एक मानी जाती है।




