अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में हुई भावुक शादी, गंभीर सड़क हादसे के बाद भी नहीं टूटा मुहूर्त, स्ट्रेचर पर दुल्हन ने लिए सात फेरे

नई दिल्ली। केरल से 21 नवंबर 2025 को सामने आई यह घटना किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं थी। शादी के दिन सुबह हुए गंभीर सड़क हादसे ने पूरे परिवार को स्तब्ध कर दिया, लेकिन परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों—दो दिलों का साथ निभाने का वादा उस दिन अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पूरा हुआ।
दुल्हन अवनि सुबह करीब 3 बजे अलप्पुझा के कुमारकोम मेकअप कराने जा रही थीं, जब उनकी कार अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई। हादसा इतना गंभीर था कि उनकी रीढ़ की हड्डी में गहरी चोट आई। पहले उन्हें कोट्टायम मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, बाद में हालत बिगड़ने पर कोच्चि के VPS लेकशोर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इधर दोपहर में शादी का तय मुहूर्त करीब था। महीनों की तैयारी पूरी हो चुकी थी, मेहमान वेन्यू पर पहुँच चुके थे और भोजन तक परोसा जा चुका था। लेकिन जब दोनों परिवारों ने अवनि को स्ट्रेचर पर देखा, तो उन्होंने एकमत होकर फैसला किया—मुहूर्त नहीं टूटेगा, शादी वहीं होगी जहाँ दुल्हन है।
अस्पताल प्रशासन ने न्यूरोसर्जरी टीम से सलाह लेकर इमरजेंसी विभाग को अस्थायी विवाह मंडप में बदल दिया। डॉक्टर और नर्सें न केवल अनुमति देने बल्कि गवाह बनने के लिए भी आगे आए। तय शुभ मुहूर्त दोपहर 12:15 से 12:30 के बीच दूल्हे शेरॉन ने स्ट्रेचर पर लेटी अवनि की मांग में सिंदूर भरा। उस क्षण इमरजेंसी वार्ड में मौजूद हर व्यक्ति भावुक हो उठा।
अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग प्रमुख डॉ. सुदीश करुणाकरण के अनुसार, अवनि की स्पाइनल इंजरी गंभीर है और उन्हें जल्द सर्जरी की आवश्यकता होगी। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान शेरॉन—जो एक इंजीनियरिंग कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं—अपनी दुल्हन का हाथ थामे रहे।
वहीं, शादी स्थल पर पहुँचे मेहमानों को भोजन परोसा गया, क्योंकि उन्हें अंदाज़ा भी नहीं था कि वास्तविक विवाह समारोह अस्पताल में सम्पन्न हो गया है।
यह दुर्लभ और भावनात्मक विवाह इस बात का प्रमाण है कि विपरीत परिस्थितियाँ भी सच्चे प्रेम और दृढ़ संकल्प के सामने टिक नहीं पातीं।




