चांदी की पालकी में दर्शन देने निकले कालभैरव: कैदियों ने सवारी पर की पुष्प वर्षा

[ad_1]

उज्जैन13 मिनट पहले

उज्जैन। मंगलवार को डोल ग्यारस पर श्री काल भैरव की सवारी शाम चार बजे मंदिर परिसर से निकली। इसके पहले कलेक्टर ने भगवान कालभैरव का पूजन अर्चन किया। भगवान के चांदी के मुखौटे को चांदी की नई पालकी में विराजित कराने के बाद नगर भ्रमण के लिए निकले तो भक्तों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इस अवसर पर बाबा कालभैरव को सिंधिया परिवार की पगड़ी धारण कराई गई।

मंगलवार को शाम चार बजे भगवान महाकाल के सेनापति बाबा काल भैरव की सवारी निकलने के पहले मंदिर परिसर में विधि विधान से पूजन अर्चन कलेक्टर आशीष सिंह ने किया। पूजन के पश्चात भगवान कालभैरव के मुखौटे को चांदी की पालकी में विराजित कर आरती कर कलेक्टर सिंह ने पालकी को कंधा लगाकर नगर भ्रमण के लिए रवाना किया। मंदिर सशस्त्र जवानों ने बाबा कालभैरव को सलामी दी। यहां से सवारी के साथ ढोल, बैंड, झांकी, अखाड़े, ध्वज, बग्घी के साथ सवारी जेल चौराहे पर पहुंची। मुख्य द्वार के सामने जेल प्रशासन द्वारा जेल अधीक्षक ने भगवान के मुखौटे का पूजन किया। गार्ड ऑफ ऑनर के बाद सवारी नया बाजार, भैरवगढ़ नाका, माणक चौक, महेंद्र मार्ग होते हुए सिद्धवट पहुंच कर मां शिप्रा व भगवान सिद्धनाथ महाराज का पूजन मंदिर के पुजारी द्वारा परंपरा अनुसार किया। पूजन के बाद वापसी में सवारी बृजपुरा होते हुए जेल तिराहा से काल भैरव मंदिर पर शाम करीब 7:30 बजे सम्पन्न हुई। सवारी आने के बाद मंदिर परिसर में भगवान की आरती कर मुखौटे को पुन: मंदिर में विराजित किया।

जेल के अंदर से दर्शन करते कैदी

जेल के अंदर से दर्शन करते कैदी

महाकाल मंदिर के पुजारी ने सौंपी पगड़ी
परंपरा अनुसार बाबा भैरव नाथ को डोल ग्यारस के अवसर पर सिंधिया परिवार की ओर से आने वाली राजसी पगड़ी अर्पित की जाती है। मंगलवार को महाकाल मंदिर के पुजारी संजय पुजारी ने दोपहर 3:30 बजे कालभैरव मंदिर पहुंच कर सिंधिया परिवार से आई पगड़ी कालभैरव के पुजारी को सौंपी। इसके बाद सवारी निकलने पूर्व भैरवनाथ का श्रृंगार कर पगड़ी धारण की गई।

बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन का लाभ लिया

बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन का लाभ लिया

हजारों श्रद्धालुओं ने लिया दर्शन लाभ

कोरोना के दो साल बाबा कालभैरव की सवारी नही निकली थी। परंपरा कायम रखने के लिए केवल पुजारी द्वारा चरण पदुका को लेकर शिप्रा तट तक पहुंचे थे। इस बार श्रद्धालुओंं में सवारी को लेकर उत्साह था। सवारी मार्ग पर श्रद्धालुओं ने सेनापति भैरव नाथ का पुष्प वर्षा के साथ स्वागत कर दर्शन लाभ लिया। कई स्थानों पर पालकी में विराजित भगवान का पूजन अर्चन किया।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button