बड़वानी में लापता बेटा 5 साल बाद पिता से मिला: मनोरोग के कारण घर से चला गया था, आशाग्राम में इलाज के दौरान बताया पता

[ad_1]

बड़वानी6 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

किसी पिता के लिए इससे अच्छी भला क्या बात हो सकती है जब सालों से गुमशुदा बेटा उन्हें मिल जाए, और वह भी स्वस्थ हालत में। यह सब संभव हो पाया है आशाग्राम ट्रस्ट द्वारा संचालित निराश्रित मानसिक रोगियों के आशा आश्रय गृह में, जहां पांच सालों से निमरानी क्षेत्र के ढाबे में कार्यरत पिता से उसका इकलौता बेटा संजू मनो स्थिति ठीक नहीं होने के कारण घर से चला गया था। मनोरोगी संजू के पिता बताते हैं कि मैंने अपने बेटे के जिंदा होने की आस छोड़ दी थी, लेकिन आशा आश्रय की टीम ने मेरे बेटे का समुचित इलाज किया और उसके द्वारा बताए गए पते की खोजबीन कर सकुशल होने की सूचना दी। जिस पर आज में उसे अपने घर ले जाने के लिए आया हूं।

कुक्षी के मनो उपचारित सचिन भावसार को भी बड़े भाई और पिता के सुपुर्द किया गया। जिन्हें दो महीने पहले इलाज के लिए यहां लाया गया था। उप निरीक्षक अमर सिंह अलावा की उपस्थिति में आशा ग्राम ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं और संचालक राजेंद्र सोनी व सामाजिक न्याय निशक्तजन कल्याण के प्रतिनिधि देवेंद्र पंडित की उपस्थिति में साल श्रीफल भेंट कर परिवार के साथ मनो उपचारित सदस्यों की विदाई की गई। निराश्रित मनो रोगियों को संपूर्ण इलाज के बाद परिजनों को खोज कर उनका परिवार में पुनर्वास किया जाता है।

साथ ही बताया कि इस ट्रस्ट के अध्यक्ष बड़वानी कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा है। जिनके मार्गदर्शन में यह प्रक्रिया निरंतर साकार हो रही है। चैकसी वाला ज्वेलर्स के समन्वय से आशाग्राम ट्रस्ट द्वारा संचालित आशा आश्रय में निराश्रित मनो रोगियों का निशुल्क इलाज मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर राहुल पाटीदार के द्वारा किया जाता है। वही आश्रय गृह की टीम पारिवारिक माहौल में परामर्श कौशल से मनोरोगयों को उनके परिजनों की जानकारी प्राप्त कर उनका परिवार में पुनर्वास सुनिश्चित करवाते हैं।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button