लंपी वायरस: सामरिया-नागझिरी में गाय व 2 बैलों ने तोड़ा दम, क्षेत्र में अब तक 12 की मौत

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डाेईफोड़िया38 मिनट पहले
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जिलेभर में लंपी वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। शहर हो या गांव संक्रमित मवेशी दम तोड़ रहे हैं। रविवार को नागझिरी में सुकलाल हरिचंद के बैल की मौत हो गई। इससे पहले शुक्रवार को सामरिया में एक गाय और एक बैल की मौत हुई थी। क्षेत्र में अब तक 12 मवेशी दम तोड़ चुके हैं। मवेशियों में लगातार बढ़ रहे संक्रमण और मौतों से सहमे क्षेत्र के लोग तीन और मवेशियों की मौत के बाद और दहशत में आ गए हैं। उन्हें अन्य मवेशियों की चिंता सता रही है।
रविवार को नागझिरी में बैल की मौत के बाद दोपहर 1 बजे किसान सुकलाल हरिचंद सहित सरपंच नंदलाल मावस्कर, बबलू चौकसे, शिव चौकसे, उमेश चौकसे, पिंटू चौकसे, सुरेश राठौड़ और अमरसिंह राठौड़ ने गांव के बाहर जेसीबी से गड्ढा करवा कर विधिविधान से बैल का अंतिम संस्कार किया। इसी तरह एक हफ्ते पहले गांव में रामकिशन चुन्नीलाल की गाय भी दम तोड़ चुकी है। सामरिया में शंकर सुकलाल की गाय और मदन डायला के बैल की भी मौत हो गई। दोनों मवेशी एक महीने से बीमार थे। इलाज के बाद भी उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ और दोनों ने दम तोड़ दिया। क्षेत्र में 2 हफ्ते पहले भी पांच मवेशियों की मौत हुई थी।
वायरस के लक्षण पहचानें व इलाज कराएं
डॉ. इंगले ने कहा पशुपालक मवेशियों में लंपी वायरस के लक्षण पहचानें। इसके संक्रमण से मवेशी के शरीर पर फोड़े हो जाते हैं। गले और पैरों में सूजन आ जाती है। मवेशी खाना-पीने छोड़ देते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सा केंद्र पहुंचकर इलाज कराएं और वैक्सीन लगवाएं। नियमित इलाज से कई मवेशी स्वस्थ हुए हैं। संक्रमण से बचाव के लिए बीमार मवेशियों को अन्य मवेशियों से अलग कर दें। इन्हें बांधने की जगह या बाड़े में पूरी तरह साफ-सफाई रखें। बाड़े में नीम के पत्ते जलाकर धुआं करें। इससे मच्छर-मक्खी नहीं पनपेंगे। ये संक्रमण एक से दूसरे मवेशी में मच्छर और मक्खी के कारण ही फैलता है। इसलिए सावधानी बरतें।
दूध पीने से कोई खतरा नहीं, मवेशियों का कराएं नियमित इलाज
संक्रमण के डर से कई लोगों ने डेयरी और पशुपालकों से दूध लेना बंद कर दिया है। यह भ्रांति दूर करने के लिए सिरपुर में पशु चिकित्सक डॉ. प्रवीण इंगले ने पशुपालकोंकी बैठक ली और उन्हें लंपी वायरस से बचाव के तरीके बताए। पशुपालकों से कहा गया संक्रमित मवेशियों का पशु चिकित्सा विभाग द्वारा लगातार टीकाकरण और इलाज किया जा रहा है। संक्रमित मवेशियों का नियमित इलाज कराएं। इससे मवेशी स्वस्थ हो रहे हैं। डॉ. इंगले ने कहा लोगों में भ्रांति है कि दूध पीने से उन्हें भी संक्रमण हो जाएगा। यह गलत है। दूध पीने से संक्रमण का खतरा नहीं है, क्योंकि हम इसे उबाल कर पीते हैं।
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