शिक्षकों ने मिट्टी के मरूस्थलीयकरण और सूखे से निपटने के उपाय बताए

विश्व पर्यावरण दिवस पर शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय में आयोजन
रायपुर। विश्व पर्यावरण दिवस पर शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय, शंकर नगर में मिट्टी के मरूस्थलीयकरण और सूखे से निपटने के उपायों पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य पुष्पा किस्पोट्टा के संरक्षण और बाघ इको क्लब प्रभारी डॉ. अनुपमा अम्बष्ट के मार्गदर्शन में किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. सीमा अग्रवाल, सहायक प्राध्यापक, ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा, “विश्व में प्रति पांच सेकंड में एक फुटबॉल पिच के बराबर भूमि की मिट्टी प्लास्टिक, माइक्रोप्लास्टिक, जलवायु परिवर्तन, अनियंत्रित शहरीकरण और फैलाव, प्रदूषित हवा, और खेती के लिए किसानों के अंधाधुंध पेड़ों की कटाई, भूमि उपयोग में बदलाव आदि कारणों से नष्ट हो रही है।”
शिक्षक संतोष वर्मा ने जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और औद्योगीकरण को सूखे के बढ़ते खतरे के मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा, “स्वस्थ मिट्टी में कार्बन भारी मात्रा में जमा रहती है, जिसे अगर छोड़ा जाए तो तापमान में वृद्धि होगी। हमें भूमि को सूखे से निपटने योग्य बनाना और मरूस्थलीयकरण से बचाना होगा।”
एम एड प्रशिक्षार्थी स्मृति दुबे ने “एसी ना लगाओ, पेड़ लगाओ” का नारा देते हुए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को रोकने का आह्वान किया और “चिपको आंदोलन” की याद दिलाई, जिसमें महिलाओं ने पेड़ों से चिपककर उन्हें कटने से बचाया था।
एम एड प्रशिक्षार्थी सीमा शर्मा ने इस वर्ष की थीम “भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीयकरण और सूखे से निपटने की क्षमता है” का नारा “हमारी भूमि, हमारा भविष्य” बताया। उन्होंने मिट्टी के क्षरण, सूखेपन और मरूस्थलीयकरण को रोकने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने का आग्रह किया।
बी एड छात्राध्यापक हेमधर साहू ने पर्यावरण संरक्षण के गीत गाकर पेड़ों की कटाई रोकने और प्राणीमात्र के हित में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने का निवेदन किया।
इस कार्यक्रम में स्मृति दुबे, सीमा शर्मा, सुजाता पांडेय, रेखा साहू, अनीता ठाकुर, चंद्रकली भारती, कीर्ति साहू, गोपीलाल बघेल, तामेश्वर जांगड़े, सियाराम साहू, और आनंद पांडेय ने बढ़-चढ़कर सहभागिता की।
विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम ने मिट्टी के मरूस्थलीयकरण और सूखे से निपटने के उपायों पर जागरूकता बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति संकल्पित होने का संदेश दिया।