Ganesh Chaturthi 2022 : बस्तर में शताब्दियों पुरानी पाषाण प्रतिमाओं में एक राजबेड़ा का आकर्षक गणपति

नारायणपुर, 31 अगस्त । जिले के ग्राम राजबेड़ा में शताब्दियों पुरानी मूशक पर सवार भगवान श्रीगणेश और मां दुर्गा की दुर्लभ प्रतिमा स्थापित है। श्रीगणेश की यह पाषाण प्रतिमा अत्यंत सुंदर, आकर्षक नक्कासीदार कलाकृति से परिपूर्ण है, इस आकर्षक गणपति की प्रतिमा नक्सल प्रभावित इलाके में होने से लोगों के पंहुच से दूर है।

वहीं दंतेवाड़ा जिले के बारसूर में विशालकाय पाषाण प्रतिमा पुरातात्विक विरासत के बारे में सभी जानते हैं, दंतेवाड़ा के शक्ति पीठ मां दंतेश्वरी के मंदिर में भी श्री गणेश की कई विशालकाय पाषाण प्रतिमाएं मौजूद है।

बस्तर में श्री गणेश की शताब्दियों पुरानी पाषाण प्रतिमाएं समृद्ध सनातन सांस्कृतिक विरासत का यह बेहतरीन प्रमाण है।

ग्राम के पुजारी बुधराम सलाम ने इस भगवान श्री गणेश की प्रतिमा के संदर्भ में बताया कि गांव के बुजुर्ग बताते है कि इस मूर्ति को कुछ लोग बैलगाड़ी मे ले जा रहे थे तभी रास्ते में ही बैलगाड़ी के पहिया टूट गया और वे मूर्ति ले जाने में नाकाम रहे इसके बाद सभी ने उस मूर्ति को उसी जगह पर लाकर रख दिया जिसके बाद से स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा इस प्रतिमा की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंचायत स्तर पर ग्रामीणों के द्वारा गणपति के मंदिर के जीर्णोद्धार की तैयारी किया जा रहा है।

ग्राम के पुजारी बुधराम सलाम के अनुसार इस गणपति के दर्शन के लिए नारायणपुर जिला मुख्यालय से ओरछा मार्ग की ओर फरसगांव से आगे दण्डवन ग्राम पंहुचकर बेनूर मार्ग से होते हुए छिनारी ग्राम पंचायत पंहुचकर छिनारी के बैलापाड़ पारा से महज दो किमी दूर ग्राम राजबेड़ा पंहुचा जा सकता है। यहां तक पंहुचने का दूसरा रास्ता नारायणपुर जिला मुख्यालय से ओरछा मार्ग पर धौड़ाई ग्राम पहुंचकर वहां से पल्ली होते हुए ग्राम पंचायत तोयनार पहुंचकर तोयनार से महज दो किमी दूर ग्राम राजबेड़ा पंहुचकर भगवान श्री गणेश जी का दर्शन किया जा सकता है।

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