ड्वाट्स संरचना: कृत्रिम झिरी बनाकर गंदे व बदबूदार पानी को साफ करने का प्रयोग सफल

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खरगोनएक घंटा पहले

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बदलते परिवेश और जीवनचर्या के कारण न सिर्फ गंदगी बढ़ने लगी है बल्कि गंदे जल का प्रतिशत भी बढ़ने लगा है। इससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। इसके चलते जिले के ग्राम बालसमुद में कृत्रिम झिरी बनाकर गंदे पानी को साफ करने का अनुपम सफल ड्वाट्स प्रयोग किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत खरगोन जिले के बालसमुद में एक अनोखी जल संरचना स्थापित है जो किसी प्राकृतिक झिरी के समान काम कर रही है।

ये झिरी गंदे व बदबूदार पानी को साफ करने में सफल हुई है। ड्वाट्स के माध्यम से साफ हुए पानी का भले ही किसी अन्य प्रायोजन में उपयोग नहीं लाया जा सकता। लेकिन जल की बदबू और गंदगी को स्वच्छ जरूर किया जा सकता है। जिला पंचायत सीईओ दिव्यांक सिंह ने बताया कि प्रदेश में यह पहला प्रयोग है, जिसमें किसी गंदे नाले के पानी को साफ करके किसी नदी में छोड़ा जा सकता है। खरगोन जिले में ऐसी कई बड़ी पंचायतें है जहां गंदगी युक्त नाले किसी नदी में जा मिलते हैं।

उन्हें साफ और गंदगी मुक्त करने में ड्वाट्स कारगर साबित हो सकते हैं। यह ड्वाट्स बालसमुद गांव में भुसावल-चित्तोड़गढ़ हाइवे ब्रिज के नीचे बनाया गया है।

ऐसे काम करता है ड्वाट्स
ग्राम बालसमुद में 10 मीटर लंबाई वाली ड्वाट्स संरचना बनाई गई है। इसमें अंदर की ओर 6 चेम्बर बने हैं, जिनसे होकर गंदा पानी गुजरता है। यह चेम्बर 1.5 मीटर लंबाई, 2 मीटर चौड़ाई व 2 मीटर गहराई के हैं। इनमें बोल्डर, रेत, गिट्टी आदि के बेड बनाए गए हैं। इन बेड्स से पानी गुजरने के बाद साफ पानी ड्वाट्स के अंतिम छोर पर 3 पाइप से बाहर निकलता है।

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