Chhattisgarh

ऐतिहासिक चक्रधर समारोह में होनहार कथक नृत्यांगना इशिता कश्यप ने दी धमाकेदार प्रस्तुति

रायगढ़,06 सितम्बर 2025। जिले में आयोजित 40 वा चक्रधर समारोह 2025 जो कि 27 अगस्त से 5 सितंबर तक आयोजित की गई थी जिसमें 7वे दिन (2 सितंबर) को कोरबा की 12 वर्षीय कथक नृत्यांगना ईशिता ने अपने मनमोहक प्रस्तुति से सबका दिल जीत लिया ,इशिता कश्यप अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तबला एवं नृत्य गुरु श्री मोरध्वज वैष्णव जी की बहुत ही होनहार शिष्या है जो केंद्रीय विद्यालय NTPC कोरबा क्रमांक-2 में कक्षा 7 की छात्रा हैं, चक्रधर समारोह रायगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे प्रति वर्ष गणेश चतुर्थी के अवसर पर आयोजित किया जाता है।

यह भव्य समारोह पूरे 10 दिनों तक चलता है और इसमें देश-विदेश के नामचीन कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देते हैं।
इस समारोह की शुरुआत रायगढ़ रियासत के महान शासक, नर्तक एवं संगीतज्ञ महाराजा चक्रधर सिंह (1905–1947) की स्मृति में की गई थी। वे स्वयं रायगढ़ घराने के संस्थापक माने जाते हैं और कथक एवं तबला वादन के क्षेत्र में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उन्हीं की कला साधना की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए यह समारोह आज भी आयोजित किया जाता है जो कि अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है।


इसी मंच पर ईशिता ने भी अपने कौशल का परिचय देते हुए विशेष छाप छोड़ी। उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत शिव वंदना से की और तत्पश्चात रायगढ़ घराने की विशेष बोल बंदिश एवं तराना प्रस्तुत कर अंत में 150 चक्कर का अद्भुत प्रदर्शन कर श्रोताओं को रोमांचित कर दिया।


ईशिता मात्र 4 वर्ष की उम्र से ही गुरु श्री मोरध्वज वैष्णव जी के सानिध्य में कथक नृत्य की साधना कर रही हैं। अब तक वे पुणे, आगरा, कोलकाता, जबलपुर , रायगढ़ रायपुर बिलासपुर सहित देशभर के लगभग 40 राष्ट्रीय मंचों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर चुकी हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने दुबई UAE और मलेशिया जैसे देशों में भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की शास्त्रीय नृत्य परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हुए गोल्ड मेडल प्राप्त किया है और अपने देश को गौरांवित किया है।

इशिता संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित नेशनल स्कॉलरशिप 2024 जूनियर ग्रुप में कथक नृत्य के लिए छत्तीसगढ़ से एक मात्र कथक नृत्यांगना के रूप में चुनी गई हैं, इशिता की अन्य उपलब्धियों में प्रणवम् प्रतिभा सम्मान (2022), कला संस्कृति सम्मान (2023), स्वरिता प्राइड स्टार अवार्ड (2025), राष्ट्रीय विभुति सम्मान (2025) इंडिया स्टार पैशन अवार्ड (2025) और प्रणवम कला ललिता सम्मान शामिल हैं।


ईशिता की यह प्रस्तुति न केवल कला प्रेमियों के लिए यादगार रही बल्कि इसने यह भी सिद्ध कर दिया कि भारतीय शास्त्रीय नृत्य की यह नन्हीं साधिका भविष्य में देश और विदेश में एक सशक्त पहचान बनाएगी।

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