जांच जारी: कमरे में फांसी के फंदे पर लटका दिखा नाथ दरबार व तोरणमाल गोरखनाथ मंदिर के महंत उड़ीबाबा का शव

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बड़वानी11 मिनट पहले
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संत श्रावणनाथजी उड़ीबाबा।
नगर के श्रीनाथ दरबार में शुक्रवार शाम 4 बजे के करीब नाथ दरबार व तोरणमाल गोरखनाथ मंदिर के महंत श्रावणनाथजी उड़ीबाबा (52) का शव उनके अनुयायियों को कमरे में फांसी के फंदे पर लटका दिखाई दिया। सूचना मिलने पर पुलिस ने कमरे को सील कर दिया। उनके निधन की खबर सुनकर तोरणमाल सहित जिले से एक हजार से ज्यादा अनुयायी नगर के नाथ दरबार पहुंचे।
अनुयायियों के अनुसार उड़ीबाबा दो दिन पहले महाराष्ट्र स्थित तोरणमाल से स्वयं वाहन चलाकर नाथ दरबार पानसेमल आए थे। शुक्रवार सुबह से अपने कक्ष में आराम करने गए थे। शाम 4 बजे तक बाहर नहीं आए। अनुयायी उनके कमरे के पास गए। खिड़की खोलकर देखा तो उनका शव फांसी के फंदे पर लटका हुआ दिखाई दिया। सूचना मिलते ही पानसेमल सहित खेतिया व निवाली से टीआई व पुलिसकर्मी नाथ दरबार पहुंचे। कमरे को सील किया। फाेरेंसिक टीम के अाने के बाद रात में 8 बजे के करीब कमरे को खाेलकर पुलिस ने उनके शव को फंदे से उतारकर जांच शुरू की।
वहीं पांच अनुयायियों के बयान लेकर पंचनामा बनाया। इस दौरान परिसर में अनुयायियों की भीड़ में से किसी को भी कमरे में जाने नहीं दिया गया। रात मे एसपी दीपक कुमार शुक्ला भी मौके पर पहुंचे। इस दौरान पानसेमल टीआई एलएस बघेल, खेतिया टीआई सीएल बघेल, निवाली टीआई विनय आर्य सहित तहसीलदार राकेश सस्तिया, नायब तहसीलदार सुनिल सिसोदिया व अतिरिक्त तहसीलदार हुकुमसिंह निंगवाल मौके पर मौजूद थे। फांसी लगाने का कारण अज्ञात है। पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।
पिछले साल तोरणमाल गोरखनाथ मंदिर के बने थे महंत
20 अगस्त 2021 को तोरणमाल के तत्कालीन महंत संजुनाथ को मर्यादाहीन आचरण की वजह से तोरणमाल क्षेत्र के ग्रामीणों ने उनके निवास पर पथराव कर उन्हें वहां से हटा दिया था। पिछले साल 27 अगस्त को उड़ी बाबा को नाथ संप्रदाय की तोरणमाल स्थित गोरखनाथ गादी का महंत बनाया था। दो दिन पहले ही वे तोरणमाल से खुद वाहन चलाकर पानसेमल के नाथ दरबार पहुंचे थे। वे तोरणमाल के महंत बनने के बाद वहां से पानसेमल आना-जाना किया करते थे।
22 साल पहले नगर में शुरू किया था नाथ दरबार
उड़ीबाबा ने नगर में 22 साल पहले वर्ष 2000 में नाथ दरबार की शुरुआत की थी। वे आश्रम में रहकर पौधे लगाने सहित कृषि कार्य कर उन्होंने दरबार में कई विकास कार्य किए थें। उनके अनुयायी मप्र सहित महाराष्ट्र, गुजरात व राजस्थान में जुड़े हैं। बॉलीवुड में कुछ एक्टर भी उनके भक्त हैं। वे आश्रम की गतिविधियों को लेकर सदैव सक्रिय रहते थेे। सरल स्वभाव के होने से सबसे सहज मुलाकात करते थे। अनुयायियों के अनुसार कुछ दिनों से चिंतित जरूर थे लेकिन किस बात को लेकर चिंतित थे, यह किसी को पता नहीं है।
प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का, कॉल डिटेल की कर रहे जांच
उड़ीबाबा का शव फंदे पर मिलने के बाद फाेरेंसिक व फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट से जांच करवाई गई। प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है। उन्होंने रस्सी से लगभग सुबह 8 से 9 बजे के बीच में फांसी लगाई होगी। मौके से हमें सुसाइड नोट नहीं मिला है। उनकी कॉल डिटेल की जांच करवाएंगे। मानसिक तनाव से चिंतित होने की बात सामने आई है। फांसी लगाने का कारण अज्ञात है। उनके अनुयायी उज्जैन से आ रहे हैं। हमें जांच के लिए पीएम की आवश्यकता नहीं लग रही है। अगर अनुयायी पीएम न कराते हुए समाधि बनाना चाहते हैं तो हम पीएम नहीं करवाकर उनकी आस्था को खंडित नहीं करेंगे। – दीपक कुमार शुक्ला, एसपी बड़वानी
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