जल संरक्षण की सांसद ने बताई परिभाषा: जर्नादन मिश्र बोले- गुटखो खाओ, चाहे दारू पियो, थ्रिनर या फिर सुलेशन सूंघिये, पर पानी का पैसा जरूर दीजिए

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रीवा5 घंटे पहले
- जल संरक्षण एवं संवर्धन विषय पर कार्यशाला को सांसद ने किया संबोधित
रीवा सांसद जर्नादन मिश्रा जल संरक्षण की नई परिभाषा बताकर एक बार फिर सुर्खियों में आ गए है। वे रविवार को जल जीवन मिशन अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी द्वारा आयोजित कार्यशाला को संबोधित किए। जल संरक्षण एवं संवर्धन विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि चाहे गुटखो खाओ, चाहे दारू पियो, थ्रिनर या फिर सुलेशन सूंघिये, पर पानी का पैसा जरूर दीजिए।
बता दें कि सांसद ने फिजूलखर्ची को लेकर अजीबों गरीब बयान दिया। कहा कि कोई सरकार कहे की पानी का टैक्स माफ करेंगे। लेकिन हमको पानी का टैक्स देना है। क्योंकि जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है। ऐसे में पानी की उपयोगिता समझनी होगी। नदी नाला सब सूख रहा है। धरती का पानी नहीं बचा है। वाटर लेवल घट रहा है। हम लोग पानी की फिजूलखर्ची कर रहे है।
तभी सफल होगी योजना
सांसद जर्नादन मिश्रा नें सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर जल पर प्रकाश डालते हुए जल की उपयोगिता बताई। कहा हमारी पृथ्वी से लगातार जल घट रहा है इसे बचाने की जरूरत है। हर व्यक्ति को घर में शुद्ध पेयजल मिले। इसके लिए योजना बनाई गई है। हमें इसके क्रियान्वयन के लिए सहयोग करना चाहिए। जल समितियों का गठन कर जल कर का भुगतान करना चाहिए, तभी योजना सफल हो पायेगी।
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